महाराष्ट्र विधानसभा में हंगामा: विधानसभा में अध्यक्ष के साथ बदतमीजी करने के आरोप में भाजपा विधायक 1 साल के लिए सस्पेंड

महाराष्ट्र की राजनीति में रविवार को भाजपा की ओर से शुरू हुई हलचल सोमवार को विधानसभा में देखने को मिली। हालात इस कदर बिगड़ गए कि विधानसभा अध्यक्ष के साथ धक्का मुक्की हुई, अंत में विधायकों को सस्पेंड तक करना पड़ गया।

मुंबई, एजेंसी।
महाराष्ट्र(Maharashtra) की राजनीति में रविवार को भाजपा की ओर से शुरू हुई हलचल सोमवार को विधानसभा में देखने को मिली। हालात इस कदर बिगड़ गए कि विधानसभा अध्यक्ष के साथ धक्का मुक्की हुई, अंत में विधायकों को सस्पेंड तक करना पड़ गया। जानकारी के मुताबिक महाराष्ट्र विधानसभा(Maharashtra Legislative Assembly) का दो दिवसीय मानसूत्र सत्र (monsoon session) सोमवार को हंगामे के साथ शुरू हुआ। इससे पहले भाजपा विधायकों ने निकाय चुनावों में आरक्षण, विधानसभा अध्यक्ष के चुनाव जल्द करवाने, MPSC परीक्षा के लिए समिति गठित करने, मराठा आरक्षण और किसानों के मुद्दे पर जमकर प्रदर्शन किया। विधानभवन की सीढ़ियों पर बैठकर भाजपा विधायक लगातार नारेबाजी करते रहे और करीब आधे घंटे बाद सदन में दाखिल हुए। सदन में दाखिल होने के बाद भी भाजपा विधायकों की नारेबाजी जारी रही एक मौका ऐसा भी आया, जब वे कार्यकारी विधानसभा अध्यक्ष भास्कर जाधव (Assembly Speaker Bhaskar Jadhav)के सामने सत्तापक्ष के कुछ विधायकों से भिड़ गए। मामला इस कदर बढ़ा कि मौके पर मार्शल को बुलाना पड़ा। आरोप है कि इन विधायकों ने विधानसभा अध्यक्ष के साथ धक्कामुक्की और गालीगलौज (MLAs scuffle and abuse the Speaker of the Assembly) भी की। इस घटना को लेकर भास्कर जाधव (Bhaskar Jadhav) ने सदन में नाराजगी जताई और संसदीय कार्य मंत्री अनिल परब(Parliamentary Affairs Minister Anil Parab) ने 12 भाजपा विधायकों को निलंबित करने का प्रस्ताव पेश किया। यह प्रस्ताव बहुमत से पारित हो गया और बीजेपी के 12 विधायकों को एक साल के लिए सस्पेंड कर दिया गया।
महाराष्ट्र के इन 12 विधायकों को किया सस्पेंड
पराग अलवानी, राम सतपुते, संजय कुटे, आशीष शेलार, अभिमन्यु पवार, गिरीश महाजन, अतुल भटकलकर, शिरीष पिंगले, जयकुमार रावल, योगेश सागर, नारायण कुचे और कीर्तिकुमार भंगड़िया को विधानसभा से सस्पेंड कर दिया गया। मानसून सत्र में सरकार इस बार कुल तीन प्रस्ताव लाने जा रही है। इसमें कृषि कानूनों का विरोध, मराठा आरक्षण के मुद्दे पर केंद्र का हस्तक्षेप और OBC का आरक्षण शामिल है।

परीक्षा के लिए गठित की जाएगी समिति​
मानसून सत्र से ठीक पहले पुणे के एक युवक के आत्महत्या कर लेने से महाविकास अघाड़ी सरकार के लिए बड़ा सवाल खड़ा हो गया है। स्वप्निल लोनकर नाम के युवक ने दो साल पहले महाराष्ट्र लोकसेवा आयोग (MPSC) की परीक्षा पास कर ली थी, लेकिन अभी तक इंटरव्यू और नियुक्ति की प्रक्रिया शुरू नहीं हुई। हताशा में उसने आत्महत्या कर ली। इस परीक्षा को लेकर राज्य सरकार अब एक समिति गठित करने वाली है। यह एक रिपोर्ट तैयार करके सरकार को सौंपेगी।