खतरे के बीच सियासत प्राथमिकता: भीड़ जुटाने को लेकर भाजपा-कांग्रेस एकमत, पब्लिक हेल्थ प्राथमिकता में नहीं

भीड़ जुटाकर कोरोना का खतरा बढ़ाने में कांग्रेस व भाजपा एक साथ दिख रहे हैं। भाजपा का बीते रविवार को जनप्रतिनिधि सम्मेलन था, इसलिए कांग्रेस की रैली पर कोई सवाल नहीं उठाया। कांग्रेस भी भाजपा के जनप्रतिनिधि सम्मेलन पर इसलिए सवाल नहीं उठा रही, क्योंकि अगले रविवार को उनकी राष्ट्रीय रैली है।

जयपुर। अब तक कोरोना बढ़ने में भीड़भाड़ का सबसे बड़ा रोल रहा है। मेले और पर्वों में मिली छूट के बाद कोरोना का आंकड़ा बढ़ा है। राजस्थान सतर्कता और सावधानी से कोरोना फ्री होने की तरफ बढ़ रहा था, लेकित अब हालात बदल गए हैं। 19 जिलों में 221 एक्टिव केस सामने आ चुके हैं। अब रोज यह आंकड़ा बढ़ रहा है। भीड़ जुटाकर कोरोना का खतरा बढ़ाने में कांग्रेस व भाजपा एक साथ दिख रहे हैं। भाजपा का बीते रविवार को जनप्रतिनिधि सम्मेलन था, इसलिए कांग्रेस की रैली पर कोई सवाल नहीं उठाया। कांग्रेस भी भाजपा के जनप्रतिनिधि सम्मेलन पर इसलिए सवाल नहीं उठा रही, क्योंकि अगले रविवार को उनकी राष्ट्रीय रैली है। पक्ष और विपक्ष के इस मुद्दे पर एक होने से प्रदेशवासियों की दिक्कत बढ़ गई है।

जयपुर में कोरोना के खतरनाक वेरिएंट ओमिक्रॉन के 9 मरीज मिलने के बावजूद कांग्रेस नेता 12 दिसंबर को बड़ी रैली करने पर अड़े हुए हैं। शहर में रैली करने से आगे के दिनों का खतरा बढ़ गया है। रविवार को बीजेपी ने इनडोर में हजारों कार्यकर्ताओं को बुलाकर जनप्रतिनिधि सम्मेलन किया। जबकि, कल ही 9 लोगों में ओमिक्रॉन की पुष्टि हुई। खतरा सामने होने के बावजूद दोनों पार्टियों की प्राथमिकता में सियासत पहले दिख रही है, पब्लिक हेल्थ बाद में है।

अगले रविवार को राजधानी जयपुर में कांग्रेस एक लाख से ज्यादा की भीड़ जुटाएगी। नेता और मंत्री अलग-अलग जिलों में जाकर भीड़ जुटाने की तैयारी कर रहे हैं। हाल ही हुए मंत्रिमंडल फेरबदल के बाद नए मंत्रियों को जिलों का प्रभार दिया गया। इसके साथ ही उन्हें अपने-अपने प्रभार वाले जिलों से रैली में भीड़ जुटाने का टास्क दिया गया है। इन मंत्रियों से जब रैली से कोरोना फैलने के खतरे के बारे में पूछा गया तो तर्क दिया गया कि जब पीएम रैली कर सकते हैं तो कांग्रेस क्यों नही? 

कांग्रेस की रैली जयपुर के विद्याधर नगर स्टेडियम में होगी। रैली में एक लाख से ज्यादा की भीड़ जुटाने का दावा है। पड़ोसी राज्यों के अलावा देशभर से इस रैली में नेता और कार्यकर्ता आएंगे। इतनी बड़ी रैली में सोशल डिस्टेंसिंग रख पाना लगभग नामु​मकिन है। जानकारों के मुताबिक इस भीड़ में एक भी संक्रमित आ गया। वह कितने लोगों में संक्रमण फैलाएगा, इसका अंदाजा लगाना भी मुश्किल है। भाजपा के कार्यकर्ता सम्मेलन में भी रविवार को बहुत से जनप्रतिनिधि बिना मास्क रहे। कुछ हजारों में ही कोविड प्रोटोकॉल का पालन नहीं हुआ तो एक लाख से ज्यादा की भीड़ में इसका पालन होना संभव नहीं दिख रहा है।

ओमिक्रॉन के खतरे के बीच रैली के सवाल पर कांग्रेस प्रदेशाध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा का कहना कि यह सब हमारे संज्ञान में है। हम रैली में कोरोना गाइडलाइन की पूरी पालना करेंगे। रैली में मास्क, सैनेटाइजर सहित कोरोना गाइडलाइन का पूरी तरह ध्यान रखा जाएगा।