भ्रष्टाचार मुक्त शासन पर सवालिया निशान : आखिर कौन बचा रहा है सिरोही एसपी हिम्मत अभिलाष टांक को ?
सिरोही एसपी हिम्मत अभिलाष टांक पर एक के बाद एक आरोप लगते जा रहे है। बावजूद इसके राज्य सरकार एस पी को हटाने की कार्रवाई नहीं कर रही है। आखिर एस पी हिम्मत अभिलाष टांक को कौन बचा रहा है? एस पी टांक पर लगे आरोपों में शराब तस्करों से सांठ गांठ के साथ साथ अपने ही अधीनस्थ कर्चारियों से रिश्वत मांगने जैसे गंभीर आरोप भी लग चुक
सिरोही। सिरोही एसपी हिम्मत अभिलाष टांक पर एक के बाद एक आरोप लगते जा रहे है। बावजूद इसके राज्य सरकार एसपी को हटाने की कार्रवाई नहीं कर रही है। आखिर एस पी हिम्मत अभिलाष टांक को कौन बचा रहा है? एसपी टांक पर लगे आरोपों में शराब तस्करों से सांठ गांठ के साथ साथ अपने ही अधीनस्थ कर्चारियों से रिश्वत मांगने जैसे गंभीर आरोप भी लग चुके है। जिसकी जाँच चार अलग अलग जाँच कर रही है। लेकिन एसपी टांक का पद पर बने रहना सरकार की जीरो टॉलरेंस निति पर बट्टा लगा रही है। हालाँकि राजस्थान पुलिस के मुखिया एम एल लाठर ने डीआईजी स्तर के दो अधिकारियो को जाँच सौंप कर पुरे मामले की निष्पक्ष जाँच करनवाने का निर्णय लिया है। पर एसपी टांक के पद पर बने रहने से इस जाँच में भी सही तथ्य सामने आने की संभावना शून्य ही लग रही है। एसपी टांक के खिलाफ लगे आरोपों के लिए जिन जिन पुलिस कर्मियों के बयान लिए जायेंगे उनके द्वारा अपने जिले के पुलिस मुखिया के खिलाफ खुलकर बोलना कतई संभव नहीं है। बयान देने वाले पुलिस कर्मियों के मन में इस बात का डर जरूर रहेगा कि यदि उसने सही तथ्य और सही जानकारी वाला बयान दे दिया और इसकी रत्तीभर भी भनक एसपी टांक को लग गई तो वो उनकी सर्विस कॅरियर को तबाह कर सकते है। जब किसी पुलिसकर्मी के मन में इतना बड़ा डर होगा तो वो इस जाँच में सही बात और सही तथ्य जाँच अधिकारियों को कैसे दे सकता है? प्रदेश के मुख्यमंत्री भ्रष्टाचार मुक्त शासन की बात करते है तो सबसे पहले आरोप लगने वाले अधिकारी को तुरंत ही पद से हटाकर उसकी जाँच किसी उच्चाधिकारी को सौपनी चाहिए जबकि सिरोही एसपी टांक के मामले में ऐसा नहीं किया गया। यानि साफ़ जाहिर होता है कि स्वच्छ छवि वाले मुख्यमंत्री पर भी किसी ऐसे बड़े नेता का दबाव है जो एस पी हिम्मत अभिलाष टांक को बचाना चाहता है। हमारे सूत्र तो यह भी बताते है कि करीब डेढ़ महीने पूर्व एसपी टांक के विरुद्ध कार्रवाई करने आई ACB की टीम ने जब सत्यापन भी कर लिया और बस रंगे हाथ पकड़ने की देर थी तभी किसी एक बड़े नेता के फ़ोन ने ACB की टीम को बेरंग वहां से लौटने पर मजबूर कर दिया।
ACB में दर्ज प्रकरण में सिरोही एसपी भी नामजद
सिरोही एसपी हिम्मत अभिलाष टांक सिरोही में शराब तस्कराें के साथ गठजाेड़ और कथित लेनदेन के आरोपों से घिरे हुए है। अपनी हरकतों की वजह से एसपी साहब पिछली 22 अप्रैल को ही एसीबी की रडार पर आ चुके थे और अब एसीबी की FIR में एसपी भी नामजद आरोपी हो चुके है। गौरतलब है सिरोही एसपी के नाम पर हेडकांस्टेबल तेजाराम द्वारा कांस्टेबल देवेंद्र से 1 लाख 50 हजार रुपए मांगने की घटना का ऑडियो वायरल हुआ था। जिसकी शिकायत कांस्टेबल देवेंद्र ने एसीबी को की थी। जिसके बाद एसीबी ने हेडकांस्टेबल तेजाराम का फाेन सर्विलांस पर ले रखा था। लेकिन आरोपी हेडकांस्टेबल द्वारा कांस्टेबल देवेंद्र को वाॅटसएप पर ही फाेन कर एसपी द्वारा निलंबित करने की धमकी दी गई। जिसके बाद एसीबी ने 23 अप्रैल काे कांस्टेबल को अपना डिजीटल टेप रिकार्डर डिवाइस देकर हेडकांस्टेबल तेजाराम से मिलने भेजा था। उस दिन एसपी कार्यालय के निकट स्थित महिला थाने के पास हेडकांस्टेबल तेजाराम और कांस्टेबल देवेंद्र की मुलाकात हुई। इस दौरान कुछ दूरी पर एसीबी की टीम भी छिपी हुई थी।
23 अप्रैल काे हेडकांस्टेबल और कांस्टेबल के बीच यह हुई बातचीत
मुलाकात के दौरान हेडकांस्टेबल ने कांस्टेबल देवेंद्र से आबूरोड थाने में दर्ज सुंदरम क्रेडिट काॅपरेटिव साेसायटी घोटाला केस के बारे में बातचीत की। हेडकांस्टेबल ने कहा था कि तुम और कांस्टेबल मांगीलाल आबूरोड थाने में दर्ज सुंदरम क्रेडिट काॅपरेटिव साेसायटी घोटाला केस में आरोपी महिला संचालक संताेष रावल काे पकड़ने तमिलनाडु गए थे और मुल्जिमान के पुत्र शुभम से 3 लाख रुपए लिए थे। इसमें से डेढ़ लाख रुपए एसपी काे नहीं दिए ताे तुम दाेनाें के खिलाफ एक्शन हाे जाएगा। इस घटनाक्रम का सत्यापन जयपुर ACB की टीम ने गत 23 अप्रैल को किया एवं आरोपी हेडकांस्टेबल काे ट्रेप करने की याेजना भी बनाई, लेकिन कुछ तकनीकी कारणाें से आरोपी ट्रैप नहीं हो सका और ACB की टीम को वापस जयपुर लौटना पड़ा। एसीबी के पास 14 अप्रैल से लेकर 17 अप्रैल के बीच हैडकांस्टेबल और कांस्टेबल की बातचीत के काफी सारे ऑडियो क्लीप है, जिसमें 17 अप्रैल के एक ऑडियो क्लीप में कांस्टेबल हेडकांस्टेबल से विनती कर कह रहा है कि - हेड साब, एसपी आपके ताे पूरे कंट्राेल में है, किसी तरह एक दिन की माेहलत दिलाकर मामले काे संभालाे। इस पर हेडकांस्टेबल कह रहा है कि साहब बहुत नाराज है, रकम नहीं लाैटाई ताे एक्शन हाे जाएगा। फिर क्या था, 19 अप्रैल की शाम काे ही एसपी ने कांस्टेबल देवेंद्र व मांगीलाल काे संस्पेंड कर दिया।