सीएम साहब इनको जरूरत नल कनेक्शन की: हर घर नल कनेक्शन योजना में गांव—गांव, ढ़ाणी—ढ़ाणी में पेयजल पहुंचाने का दावा करने वाली सरकार से बांसवाड़ा जिले के एक परिवार के दिव्यांग सदस्यों ने लगाई पानी के लिए गुहार

बांसवाड़ा जिले के छोटी सरवन पंचायत समिती के मुलिया गाँव की मालपाड़ा ढ़ाणी में एक परिवार में 6 सदस्य, 4 दिव्यांग तो 2 की उम्र 60 से अधिक, पीने के पानी के लिए जाते है 1 किलोमीटर दूर, अब सरकार से लगाई पानी के लिए गुहार....

बांसवाड़ा। राजस्थान में जल शक्ति ​मिशन के तहत गांव—गांव, ढ़ाणी—ढाणी में हर घर नल कनेक्शन देने की योजना बनाई जा रह है, अकेले बांसवाड़ा जिले के ​6 ब्लॉक के 330 गांवों में 59 हजार 132 हर घर नल कनेक्शन के प्रस्ताव में शामिल है। सरकार की यह योजना  धरातल पर कब तक मू​र्त रूप लेगी यह तो पता नहीं, लेकिन गुरुवार को बांसवाड़ा जिले के एक परिवार ने राजस्थान सरकार से पेयजल मुहैया कराने के लिए गुहार लगाई है। आप को जानकर हैरानी होगी 6 सदस्यों वाले इस परिवार के 4 सदस्य दिव्यांग हैं, तो बाकि के 2 सदस्यों की उम्र 60 साल से अधिक है। इतना ही नहीं इससे भी चौंकाने वाली बात यह है कि इस परिवार को इस भीषण गर्मी में प्यास बूझाने के लिए हर रोज पीने के पानी के लिए 1 किलोमीटर दूर जाना पड़ता है।

जानकारी के मुताबिक राजस्थान के बांसवाडा जिले छोटी सरवन पंचायत के मुलिया गाँव की मालपाड़ा ढ़ाणी में  पानी को लेकर आमजनता में त्राहिमाम त्राहिमाम मचा हुआ है। यहां 20 घरों कि आबादी वाले वार्ड नम्बर 3 में एक किलोमीटर दूर तक पानी की सुविधा नहीं है, ना हैडपम्प है, ना कुआं, तो ना बावड़ी। 

मुखिया बीमार तो सदस्य विकलांग 


6 सदस्य वाले परिवार में दो बेटे और दो बहु दिव्यांग है। एक 65 साल की बुजुर्ग महिला और 70 साल का घर का मुखिया रूपा डोडियार (Roopa Dodiyar) जो बीमार है। मालपाडा निवासी रूपा ने बताया कि वो खुद हमेशा बीमार ही रहता है। उसकी बुजुर्ग पत्नी 65 साल की है। बड़ा बेटा विजय पैर से दिव्यांग है, विजय की पत्नी सरिता भी पैर से दिव्यांग है। छोटा भाई धूलेश्वर और उसकी पत्नी सरोज भी दिव्यांग है। एक किलोमीटर दूर तक पानी की कोई सुविधा नहीं है।

दर्जनों शिकायत सरपंच से लेकर मंत्री तक, परिणाम शून्य
विजय और धूलेश्वर को सरकार द्वारा एक आने जाने के लिए तीन पहिए वाली स्कूटी दी। इससे वो अपने गांव में पानी की समस्या को लेकर लिखित में दर्जनों बार सरपंच, सचिव, प्रधान, विधायक, मंत्री तक को हैडपम्प लगाने की गुहार लगा चुका, लेकिन अब तक उन्हें आश्वासन के अलावा आज तक कुछ नहीं मिला। पीड़ित दिव्यांग परिवार ने आज अपनी पीड़ा मीडिया के सामने रखी, बोला साहब ये मेरा घर है ना खाने को दाने है और ना पीने के पानी की कोई व्यवस्था है। हमारी गरीबों  की कोई नहीं सुनता है। जिले में टीएडी विभाग का मंत्री भी है इसी क्षेत्र से चुनाव लड़ा अभी वर्तमान में मंत्री होकर भी दिव्यांग परिवार पर क्या गुजर रही बार बार अवगत करवाने के बाद भी सुनवाई नहीं हुई। 


सरकार और प्रशासन के प्रति बेहद नाराजगी
दिव्यांग परिवार के साथ 20 घरों वाले मालपाडा गांव में वोट के लिए तो राजनेता आश्वासन दे कर चले जाते है, लेकिन समस्या का समाधान कोई नहीं करता है। पीने के लिए पानी की व्यवस्था नहीं है तो राशन ​डीलर लोगों को परेशान करता है, समय पर लोगों को राशन नहीं मिलता है। स्थानीय प्रशासन ने हमारी नहीं सुनी तो सरकार भी अनदेखा कर रही है।