फिर सजेगी सियासत की पाठशाला: माउंट में कांग्रेस सेवादल के 700 पदाधिकारी तीन दिन सीखेंगे चुनाव प्रबंधन के गुर

कुछ दिनों पहले पर्वतीय पर्यटन स्थल माउंट आबू में आयोजित हुए भाजपा के प्रदेश स्तरीय प्रशिक्षण शिविर के बाद अब यहां कांग्रेस सेवादल का राष्ट्रीय प्रशिक्षण शिविर आयोजित होने जा रहा है। तीन दिन तक चलने वाले सेवादल का प्रशिक्षण शिविर आबूरोड स्थित ब्रह्माकुमारी संस्थान के मानसरोवर कॉम्पलेक्स में लगेगा।

सिरोही। प्रदेश में डेढ़ साल बाद प्रस्तावित विधानसभा चुनाव के लिए कांग्रेस भी अपनी तैयारियां शुरू कर चुकी है। इसके तहत अब कांग्रेस के अग्रिम मोर्चे सेवादल को चुनाव प्रबंधन के गुर सिखाने की तैयारी की जा रही है। कुछ दिनों पहले पर्वतीय पर्यटन स्थल माउंट आबू में आयोजित हुए भाजपा के प्रदेश स्तरीय प्रशिक्षण शिविर के बाद अब यहां कांग्रेस सेवादल का राष्ट्रीय प्रशिक्षण शिविर आयोजित होने जा रहा है। तीन दिन तक चलने वाले सेवादल का प्रशिक्षण शिविर आबूरोड स्थित ब्रह्माकुमारी संस्थान के मानसरोवर कॉम्पलेक्स में लगेगा। ये एक से तीन अगस्त तक चलेगा। कार्यक्रम की तैयारियों का जायजा लेने के लिए सेवादल के प्रदेश अध्यक्ष हेमसिंह शेखावत रविवार को आबूरोड पहुंचे।

हेमसिंह शेखावत ने बताया कि इस प्रशिक्षण शिविर में 700 सेवादल पदाधिकारी भाग लेंगे। जिन राज्यों में विधानसभा चुनाव होने हैं उन्हें ध्यान में रखकर सेवादल के कार्यकर्ताओं को प्रशिक्षण दिया जाएगा। सेवादल इन चुनावों में मुख्य भूमिका कैसे निभा सके इसको लेकर विमर्श होगा। इसी आधार पर विधानसभावार सेवादल के पदाधिकारियों को पर्यवेक्षक के रूप में भेजे जाने की रूपरेखा तैयार होगी। आबू रोड में हो रहे प्रशिक्षण शिविर में कांग्रेस के दिग्गज विचारक पहुंचेंगे और प्रशिक्षण देंगे। एक दिन में करीब 10 सत्रों का आयोजन किया जाएगा। इस शिविर में वर्तमान में देश के कैसे हालात हैं और उनसे मजबूती से कैसे लड़ना है इस पर भी विशेष फोकस रहेगा। कार्यक्रम के समापन में तीन अगस्त को मुख्यमंत्री अशोक गहलोत, प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष गोविन्दसिंह डोटासरा सहित कांग्रेस के कई दिग्गज भाग लेंगे।

देश के ज्वलंत मुद्दों के साथ-साथ आगामी विधानसभा चुनावों की रणनीति तैयार करने के लिए कांग्रेस सेवादल का राष्ट्रीय प्रशिक्षण शिविर इस बार प्रदेश के एकमात्र पर्वतीय पर्यटन स्थल माउंट आबू में होगा। एक से तीन अगस्त तक प्रस्तावित कांग्रेस सेवादल के राष्ट्रीय प्रशिक्षण शिविर में संगठनात्मक गतिविधियों के साथ-साथ कई अन्य मुद्दों पर मंथन होगा। प्रशिक्षण शिविर की मेजबानी करने का अवसर राजस्थान कांग्रेस सेवादल को दिया गया है। मुख्यमंत्री अशोक गहलोत और प्रदेश कांग्रेस के अध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा कांग्रेस सेवादल के राष्ट्रीय प्रशिक्षण शिविर में शामिल होंगे। इसके अलावा गुजरात कांग्रेस के प्रभारी रघु शर्मा भी मौजूद रहेंगे। प्रशिक्षण शिविर में सभी राज्यों के सेवादल के प्रदेशाध्यक्ष, प्रदेश कार्यकारिणी और जिलाध्यक्षों को बुलाया गया है। प्रशिक्षण शिविर में अक्टूबर में प्रस्तावित कांग्रेस की कन्याकुमारी से कश्मीर तक भारत जोड़ो यात्रा की तैयारियों पर चर्चा होगी, जिसमें भारत जोड़ो यात्रा किन-किन राज्यों से होकर गुजरेगी और उसके रोडमैप पर चर्चा होगी। भारत जोड़ो यात्रा 3700 किलोमीटर लंबी है जो करीब 150 दिनों में पूरी होगी। उदयपुर में हुए कांग्रेस के राष्ट्रीय संकल्प शिविर में कन्याकुमारी से कश्मीर तक भारत जोड़ो यात्रा शुरू करने का फैसला किया गया था।

शिविर में गुजरात और हिमाचल प्रदेश में आगामी विधानसभा चुनाव में कांग्रेस सेवा दल की भूमिका को लेकर भी चर्चा होगी। इन राज्यों में होने वाले विधानसभा चुनावों में कांग्रेस सेवादल के कार्यकर्ताओं को पर्य़वेक्षक की जिम्मेदारी दी जा सकती है। दोनों राज्यों के साथ-साथ राजस्थान में भी सेवादल को अभी से ही चुनावी तैयारियां शुरू करने का टास्क दिया जाएगा। शिविर में संगठन की गतिविधियों को लेकर भी चर्चा प्रस्तावित है। कांग्रेस सेवादल के राष्ट्रीय अध्यक्ष लालजी भाई देसाई कांग्रेस सेवादल के कार्यकर्ताओं को अनुशासन और कल्चर का पाठ पढ़ाएंगे, साथ ही केंद्र सरकार की नीतियों के विरोध में कांग्रेस सेवादल के कार्यकर्ताओं को सड़कों पर उतरने का आह्वान भी किया जाएगा।

देश भर के 542 लोकसभा क्षेत्रों में से 500 लोकसभा क्षेत्रों से इस प्रशिक्षण शिविर में चुनावी जिम्मेदारियां संभालने वाले एक-एक कार्यकर्ता को बुलाया गया है। इन कार्यकर्ताओं को माउंट आबू से प्रशिक्षण लेकर अपने अपने क्षेत्रों में 2024 के आम चुनाव के लिए कांग्रेस सेवादल को मजबूत करने का टास्क दिया जाएगा। इसके साथ ही शिविर में भाग लेने के लिए कांग्रेस सेवादल के सभी प्रदेशाध्यक्ष, महिला विंग के प्रदेशाध्यक्ष और युवा ब्रिगेड के प्रदेशाध्यक्षों को बुलावा भेजा गया है। इन सभी को माउंट आबू में सेवादल को कांग्रेस की मुख्यधारा की राजनीति में सक्रिय करने का काम सौंपा जाएगा। कांग्रेस सेवादल के राष्ट्रीय अध्यक्ष लालजी भाई देसाई पदभार संभालने के बाद से ही लगातार सेवादल को कांग्रेस के अंदरूनी संगठन में महत्वपूर्ण बनाने में जुटे हुए हैं। अब इस प्रशिक्षण शिविर के जरिए सेवादल को कांग्रेस की अंदरूनी राजनीति में पुर्नस्थापित करने की तैयारी की जा रही है।

कार्यकर्ताओं को सेवादल का इतिहास और भविष्य में सेवादल की कांग्रेस में भूमिका के बारे में प्रशिक्षित किया जाएगा। साथ ही शिविर में इसी वर्ष होने वाले गुजरात और हिमाचल प्रदेश के विधानसभा चुनावों में बड़ी भूमिका के लिए भी तैयार किया जाना है। कार्यकर्ताओं को अक्टूबर में कन्याकुमारी से कश्मीर तक होने होने वाली करीब 3700 किलोमीटर की कांग्रेस की भारत जोड़ो यात्रा की रणनीति के बारे में भी विस्तार से बताया जाएगा। सेवादल एक संगठन के तौर पर जमीन पर काम करती है। संघ की ही तरह ये दल आम लोगों को मोटिवेट करने का काम करता है। कांग्रेस में सेवादल को फ़ौजी अनुशासन और जज़्बे के लिए जाना जाता है। एक समय था जब कांग्रेस में एंट्री से पहले सेवादल की ट्रेनिंग ज़रूरी होती थी। इंदिरा गांधी ने भी राजीव गांधी का कांग्रेस में प्रवेश सेवादल के जरिए कराया था। नेहरू से लेकर राहुल गांधी तक सब सेवादल को ‘कांग्रेस का सच्चा सिपाही’ कहते रहे हैं। सेवादल को कांग्रेस का सबसे अनुशासित संगठन माना जाता है। यह संगठन सन 1929 को अस्तित्व में आया था, जिसमें कार्यकर्ताओं को बेहद अनुशासन में रहने का पाठ पढ़ाया जाता है और कांग्रेस की रीति नीति कल्चर का प्रचार प्रसार करने का जिम्मा भी कांग्रेस सेवादल को ही दिया जाता रहा है।