विश्व: बेल्ट एंड रोड से जुड़े देशों के आर्थिक व सामाजिक विकास की स्वर्ण चाबी बन चुकी है चीन की हाई स्पीड रेल
इसके साथ ही उस दिन, जकार्ता-बांडुंग हाई-स्पीड रेलवे के लिए चीन से इंडोनेशिया को निर्यात की जाने वाली हाई-स्पीड ईएमयू और व्यापक निरीक्षण ट्रेनों के एक सेट को चीन के छिंगताओ पोर्ट से इंडोनेशिया ले जाया गया।
इधर के वर्षों में चीन की कई रेलवे सहयोग परियोजनाएं स्थानीय आर्थिक व सामाजिक विकास को प्रेरित करने वाली स्वर्ण चाबी बन चुकी हैं।
आंकड़े बताते हैं कि हाल में चीन-यूरोप मालगाड़ियों की कुल 82 लाईनें हैं, जो यूरोप के 24 देशों के 200 शहरों में जाती हैं, और उत्पादों की कुल 50,000 किस्मे हैं, जिनका कुल मूल्य करीब 3 खरब यूएस डॉलर पहुंच गया है। जर्मनी के पुराने औद्योगिक केंद्र रुहर क्षेत्र का डुइसबर्ग का बंदरगाह कोयला उद्योग के पतन से जूझ रहा था। चीन-यूरोप मालगाड़ियों के आने से यह यूरोप का रसद केंद्र बन गया है। उधर, जकार्ता-बांडुंग हाई-स्पीड रेलवे के निर्माण के बाद इंडोनेशिया के इन दो शहरों के बीच यातायात का समय 3 घंटे से सिर्फ 40 मिनट तक कम हो गया है, जिससे स्थानीय लोगों को बड़ी सुविधाएं मिलेंगी।
हाल में चीन के साथ बेल्ट एंड रोड पहल पर हस्ताक्षर करने वाले देशों की संख्या 140 से अधिक हो चुकी है। 2021 में चीन और बेल्ट एंड रोड से जुड़े देशों के बीच उत्पादों की व्यापार रकम 1.16 खरब युआन तक पहुंची है। चीन-यूरोप मालगाड़ियों से जकार्ता-बांडुंग हाई-स्पीड रेलवे तक, बेल्ट एंड रोड की उपरोक्त प्रतिबिंबित उपलब्धियों से चीन द्वारा विश्व में साझा विकास को बढ़ावा देने के लिए किये गये अथक प्रयास प्रतिबिंबित होते हैं।
(साभार---चाइना मीडिया ग्रुप, पेइचिंग)
--आईएएनएस
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