FIRST BHARAT की खबरों पर लगी मुहर: आईपीएस हिम्मत अभिलाष टांक की मादक पदार्थ तस्करों से सांठगांठ हुई उजागर, जांच में मामले का हुआ पटाक्षेप

जालोर में एसपी रहते डोडा-पोस्त सहित ड्रग माफियाओं के साथ मिलभगत तो सिरोही में एसपी रहते हुए शराब माफियाओं के साथ मिलीभगत करके गुजरात में शराब तस्करी के काले कारोबार में सहयोग करना उजागर हो गया हैं। विभाग ने डीआईजी स्तर के अलग अलग अधिकारियों से जांच करवाकर पूरे मामले का पटाक्षेप किया हैं। 

 जयपुर। एक आईपीएस स्तर का अधिकारी भी माफियाओं के साथ मिलकर काले कारनामों में शामिल हो सकता हैं, इस बात पर हर किसी व्यक्ति को विश्वास नही हो सकता। पर राजस्थान पुलिस महकमे ने डीआईजी स्तर के अलग अलग अधिकारियों से जांच करवाकर इस पूरे मामले का पटाक्षेप कर दिया हैं। शराब तस्करों के साथ मिलीभगत कर शराब तस्करी की लाइन चलाने के आरोप में प्रदेशभर की खाकी को कलंकित करने वाले सिरोही के तत्कालीन एसपी हिम्मत अभिलाष टांक के खिलाफ हुई जांच में इस बात की पुष्टि हुई हैं कि उनकी शराब तस्करों के साथ मिलीभगत थी। इतना ही नही हिम्मत अभिलाष टांक ने जालोर एसपी के पद पर रहते हुए भी डोडा-पोस्ट तस्करों व ड्रग माफियाओं के साथ सांठगांठ करके इस काले कारोबार को खूब फलीभूत किया था, ये भी विभागीय जांच में साफ हो गया हैं। जांच रिपोर्ट आने के बाद विभाग ने अब राज्य सरकार से विभागीय कार्रवाई के लिए प्रस्ताव भी भेज दिया हैं। राज्य सरकार से मंजूरी मिलने के बाद आईपीएस हिम्मत अभिलाष टांक के विरुद्ध कड़ी कार्रवाई होना तय हैं। 

जांच में सामने आई मुख्य बातें

आईपीएस हिम्मत अभिलाष टांक और माफियाओं के बीच मिलीभगत के आरोपों को लेकर जब Fisrt Bharat ने इस पूरे मामले को जगजाहिर किया था तो विभाग ने दो डीआईजी स्तर के अधिकारियों को इस पूरे प्रकरण की जांच सौंपी थी। डीआईजी सत्येंद्र सिंह व अमनदीपसिंह ने इस पूरे मामले की जांच कर जो जांच रिपोर्ट विभाग को सौंपी हैं उसमें ये साफ लिखा गया हैं कि जिस वाहन में शराब भरी होती थी,  उसकी चेकिंग करने से मना के लिए एसपी ने सभी थानाधिकारियों को स्पष्ट निर्देश दे रखे थे। आबूरोड़ सदर थाना क्षेत्र में अवैध शराब से भरे कन्टेनर पकड़ने पर स्पेशल टीम को मादक पदार्थ व शराब नही पकड़ने के लिए कहा था। दूध की गाड़ी में शराब भरकर परिवहन करने की सूचना मिली, पुलिस ने उक्त वाहन को रुकवाया, तो एसपी टांक ने फोन कर वाहन को चैक करने से मना कर दिया।  एक शराब तस्कर के अड्डे पर वाहनों को जब्त करने की कार्रवाई पर उस टीम के पुलिसकर्मियों के ही तबादला कर दिया गया। शराब तस्कर के विरुद्ध एक कार्रवाई करने पर सरूपगंज थानाधिकारी को असंतुष्टि का नोटिस जारी किया गया। साथ ही जांच अधिकारियों ने लिखा कि सिरोही जिले से गुजरात राज्य में शराब तस्करी का नेटवर्क चलाने वाले आंनदपालसिंह उर्फ डिक़्सा के साथ एसपी हिम्मत अभिलाष टांक की मिलीभगत थी। और एसपी के इस पूरे खेल में एक सीआई, एक एएसआई और एक हेडकांस्टेबल शामिल थे।

◆ एसीबी भी कर रही हैं पूरे मामले की जांच

दो डीआईजी की जांच के अलावा एसीबी भी इस पूरे खेल की जांच कर रही हैं। सिरोही पुलिस के ही एक जवान ने एसपी हिम्मत अभिलाष टांक के विरुद्ध एसीबी में मामला दर्ज करवाया था। जिसमें पुलिस कर्मी पर दबाव देकर एक हेडकांस्टेबल एसपी के नाम से पैसे मांगने का ऑडियो भी वायरल हुआ था। जिस पर हेडकांस्टेबल का भी तबादला करके जयपुर कमिश्नरेट की पुलिस लाइन में भेजा गया था।

एसपी हिम्मत अभिलाष टांक के कारनामों का फर्स्ट भारत समय समय पर करता रहा खुलासा :