शिवगंज सिरोही विधानसभा: किधर पड़ेगा नाराज़ मेघवाल समाज का वोट ? शिवगंज सिरोही विधानसभा सीट पर संयम लोढ़ा के लिए नई चुनौती!

27 अक्टूबर को मेघवाल समाज 14 परगना विकास संस्थान मुण्डारा की जारी अपील जब सोशल मीडिया पर वायरल हुई तो सिरोही, जालोर व पाली विधानसभा के सभी उम्मीदवारों के माथे ठनके जरूर है लेकिन वाकई मेघवाल समाज नाराज़ होता है तो संयम लोढ़ा केलिए चुनौती बन सकते है।

किधर जाएगा नाराज़ मेघवाल समाज का वोट ?

किधर पड़ेगा नाराज़ मेघवाल समाज का वोट ? क्या मेघवाल समाज तीसरे विकल्प पर विचार करेगा ?
शिवगंज सिरोही विधानसभा सीट पर संयम लोढ़ा के लिए नई चुनौती!

सिरोही। शिवगंज-सिरोही विधानसभा सीट पर कांग्रेस के कद्दावर नेता संयम लोढ़ा व पूर्व गोपाल मंत्री ओटाराम देवासी के बीच सीधा मुकाबला है। इस बार इस सीट पर फिलहाल त्रिकोणीय संघर्ष की संभावना  नज़र नहीं आ रही है।

इस विधानसभा सीट पर कई निर्दलियों के चुनाव में उतरने की संभावना तो हैं, लेकिन फिलहाल एक भी ऐसा चेहरा सामने नहीं आया है जो यहाँ के मतदाताओं को अपने पक्ष में करने की क्षमता रखता हो, इस  कारण सीधा मुकाबला कांग्रेस बनाम भाजपा हो सकता है।  इस बीच मेघवाल समाज के एक पत्र ने खलबली मचा दी है।

इसमें संदेह नहीं कि शिवगंज सिरोही विधानसभा सीट पर मेघवाल समाज का वोटबैंक जिताऊ वोटबैंक की श्रेणी में आता है। पिछली बार निर्दलीय चुनाव लड़कर विधानसभा में पहुँचे संयम लोढ़ा को मेघवाल समाज का पूर्ण समर्थन प्राप्त था, वैसे भी इनका वोट परंपरागत रूप में कांग्रेस के खाते में ज्यादा जाता रहा है।

इस बार राजस्थान, खासकर सिरोही, जालोर व पाली के मेघवाल बंधु दोनो ही पार्टियों से बुरी तरह खफा है। हमेशा की तरह इस बार भी मेघवाल समाज को उम्मीद थी कि दोनो पार्टियां उनके समाज को प्राथमिकता देगी, लेकिन ऐसा नहीं हुआ।

सिरोही जिले में रेवदर विधानसभा सीट पर किसी मेघवाल समाज से किसी उम्मीदवार को कांग्रेस से टिकट मिलने की संभावना थी लेकिन वहाँ मोतीराम कोली को टिकट मिलने के बाद मेघवाल समाज नाराज़ हो गया है। 

मेघवाल समाज 14 परगना विकास संस्थान मुण्डारा ने तो बैठक बुलाकर बकायदा निर्णय ले लिया कि उनका समाज दोनो पार्टियों को वोट नहीं करके नोटा का बटन दबायेगा। यह अपील सोशल मीडिया पर वायरल हो गई है। 

27 अक्टूबर को मेघवाल समाज के इस संस्थान की जारी अपील जब सोशल मीडिया पर वायरल हुई तो सिरोही, जालोर व पाली विधानसभा के सभी उम्मीदवारों के माथे ठनके जरूर है, शिवगंज विधानसभा सीट से काँग्रेस उम्मीदवार संयम लोढ़ा केलिए तो नई चुनौती खड़ी हो गई है। क्योंकि मेघवाल समाज का वोटबैंक उनकी ताकत है। 

ऐसे मे प्रश्न है कि क्या  मेघवाल समाज तीसरे विकल्प का चुनाव करेगा ?  वाकई मेघवाल समाज तीसरे विकल्प का चुनाव करता है तो संयम लोढ़ा केलिए तो नई चुनौती खड़ी हो सकती है। 

ऐसा माना जाता रहा है कि मेघवाल समाज हमेशा संयम लोढ़ा के साथ रहा है। पिछले चुनावों में कांग्रेस टिकट कटने के बाद उन्होंने मेघवाल समाज की जाजम पर ही अपनी भावनाएँ व्यक्त थी तथा वहाँ से आशीर्वाद और समर्थन का आश्वासन लेकर ही निर्दलीय चुनावी मैदान में उतरे और जीत दर्ज की तथा ओटाराम देवासी को हराया।

इस बार मेघवाल समाज को काँग्रेस पार्टी ने भी दरकिनार किया है, रेवदर सीट से उनकी उम्मीदें थी वह भी धराशाही हो गई है। ऐसे में प्रश्न है कि मेघवाल समाज के वोट किधर पड़ेगे?

तो क्या मेघवाल समाज के मतदाता किसी तीसरे विकल्प पर विचार करेंगे, यदि एस होता है तो  उसका सीधा नुकसान संयम लोढ़ा को उठाना पड़ सकता है।