दर्शन करने आते हैं हजारों श्रद्धालु: राजस्थान का ऐसा गणेश मंदिर जहां बाघ देते हैं पहरा! पूरे परिवार के साथ विराजते हैं भगवान गणपति 

भगवान श्री गणेश जी को समर्पित ये मंदिर जंगल के बीच में बने एक विशाल दुर्ग पर स्थित है और हमेशा जंगली जानवरों से घिरा रहता है।

सवाई माधोपुर |  राजस्थान अपने राजसी ठाठ-बांट और शौर्य के लिए पूरी दुनिया में विख्यात हैं। यहां पर बने प्राचीन अद्भुत मंदिर लोगों की आस्था का केन्द्र हैं। यहां कई ऐसे चमत्कारिक और अद्भुत मंदिर हैं जिनकी महिमा अपरमपार  है। एक ऐसा ही प्राचीन और विश्वविख्यात मंदिर राजस्थान के सवाई माधोपुर जिले के रणथंभौर में स्थित है। भगवान श्री गणेश जी को समर्पित ये मंदिर जंगल के बीच में बने एक विशाल दुर्ग पर स्थित है और हमेशा जंगली जानवरों से घिरा रहता है।

मंदिर के आस-पास लगा रहता है बाघों का डेरा
रणथंभौर किले में स्थित भगवान श्री गणेश जी का यह मंदिर अति प्रचीन है। जिसे त्रिनेत्र गणेश जी के नाम से जाना जाता है। जंगल में स्थित होने के कारण यहां मंदिर के आस-पास बाघों और जंगली जनवारों का डेरा रहता है। कई बार तो बाघ मंदिर के रास्ते में भी आ जाते हैं, लेकिन किसी को नुकसान नहीं पहुंचाते। बता दें कि, यहां रणथंभौर टाइगर नेशनल पार्क बना हुआ है। जिसे देखने भी देश-विदेश पर्यटक भारी संख्या में यहां पहुंचते है।

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पूरे परिवार के साथ विराजमान है भगवान गणेश
इस गणेश मंदिर का निर्माण महाराजा हम्मीरदेव चौहान ने करवाया था, लेकिन मंदिर में भगवान गणेश की प्रतिमा स्वयंभू है। मंदिर में भगवान गणेश जी त्रिनेत्र रूप में विराजमान है जिसमें तीसरा नेत्र ज्ञान का प्रतीक माना जाता है। पूरी दुनिया में यह एक ही मंदिर है जहां भगवान गणेश जी अपने पूरे परिवार, माता रिद्धी-सिद्धी और पुत्र शुभ-लाभ भी विराजित है। भारत में चार स्वयंभू गणेश मंदिर माने जाते है, जिनमें रणथम्भौर स्थित त्रिनेत्र गणेश जी प्रथम है। भगवान गणेश का शृंगार सामान्य दिनों में चांदी के वरक से किया जाता है, लेकिन गणेश चतुर्थी पर भगवान का शृंगार स्वर्ण के वरक से होता है, यह वरक मुम्बई से मंगवाया जाता है। 

पैदल यात्रा कर मंदिर में दर्शन को आते हैं हजारों श्रद्धालु
भगवान गणेश जी के दर्शन करने के लिए यहां हजारों की संख्या में श्रद्धालु आते हैं और मन्नत मांगते हैं। गणेश चतुर्थी के त्योहार पर यहां मेला भरता है जिसमें लाखों श्रद्धालु भगवान के दर्शन करने पहुंचते हैं। गणेश के प्रति लोगों की आस्था है कि, कई जिलों से श्रद्धालु कई किलोमीटर की पैदल यात्रा कर मंदिर में दर्शन के लिए आते है।

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