कप्तानी ऐसी कि ...: गांव वालों ने अभियुक्त पकड़कर दिया, पुलिस ने खुद की शाबाशी के लिए दूसरी कहानी रची
सिरोही के बहुचर्चित पीपलेश्वर महादेव महंत भागीरथ गिरी की हत्या का राजफाश में खुुलासा। एक अपराधी कई दिन पहले पकड़ा था जनता ने, पुलिस ने 16 फरवरी को गिरफ्तारी बताई, अभियुक्तों की गिरफ्तारी से नकबजनी, चोरी, लूट, मोटरसाइकिल चोरी, मर्डर सहित दर्जनों वारदात का खुलासा भी हुआ है।
सिरोही | पीपलेश्वर महादेव मंदिर वेरा विलपुर के महंत भागीरथ गिरी उर्फ भगवतगिरी महाराज की हत्या के मामले में दो अपराधियों को गिरफ्तार करने में पुलिस ने खुद ही की पीठ थपथपाई है। वारदात के राजफाश में सिरोही जिले के मोहब्बतनगर के ग्रामीणों का सबसे बड़ा योगदान है। परन्तु एसपी साहब ने प्रेस वार्ता करके खुद की पीठ ठोक ली और अपने 17 कार्मिकों को भी सम्मानित करने का मसौदा पेश कर दिया। ग्रामीणों ने चोर पकड़कर दिए, उनका नाम तक नहीं आया और गिरफ्तारी भी कहीं और से बता दी।
हुआ यूं कि 10 फरवरी को मोहब्बत नगर गांव के नव दुर्गा मंदिर में दिनदहाड़े चोरी करने पहुंचे अमीरगढ़ निवासी इस्लाम खान सुमरा उर्फ मोंटू और केशवना जालोर निवासी रमेश कुमार को मंदिर के पुजारी ने देख लिया। दोनों वहां से भाग छूटे। इनमें से रमेश कुमार को ग्रामीणों ने नवदुर्गा मंदिर के पीछे कृषि कुएं से पकड़ कर कालंद्री पुलिस को सौंपा। दूसरे साथी इस्लाम खान के बारे में इसी बदमाश से पुलिस को जानकारी मिली। पुलिस को अपराधी दस फरवरी को मोहब्बतनगर में ही सौंप दिया, जबकि उसे 16 फरवरी को आबूरोड से दस्तयाब दिखाया बाद में इस्लाम को भी पुलिस ने पकड़ लिया जाना बताया। 17 फरवरी को एसपी हिम्मत अभिलाष टांक ने एसपी कार्यालय में प्रेस कॉन्फ्रेंस बुलाई। प्रेस कॉन्फ्रेंस में एसपी ने दोनों आरोपियों को आबूरोड में वारदात करने की फिराक के दौरान पकड़ लिए जाने की जानकारी दी। यही नहीं, एसपी ने यह भी बताया कि इन्हीं दोनों आरोपियों ने पालड़ी एम थाना क्षेत्र के पीपलेश्वर महादेव मंदिर में चोरी के दौरान महंत भागीरथ गिरी महाराज के हत्या की थी। सिरोही पुलिस पर सवाल यह खड़ा होता है कि एसपी ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में कालंद्री थाना क्षेत्र के मोहब्बत नगर में ग्रामीणों की ओर से पकड़कर सौंपे गए आरोपी को आबूरोड से गिरफ्तार किया जाना बताया क्या साक्ष्यों के साथ छेड़छाड़ नहीं है। जबकि हमारे पास इस बात के वीडियो व फोटो साक्ष्य हैं, जिनमें आरोपित रमेश को मोहब्बत नगर मंदिर में दिनदहाड़े चोरी की कोशिश में पकड़ा जाना पाया है।
महंत की हत्या की बात आई
1 फरवरी को पीपलेश्वर महादेव मंदिर के वेराविलपुर में अज्ञात अभियुक्तों द्वारा मंहत भागीरथ गिरी उर्फ भगवतगिरी महाराज की हत्या के मामले में इनकी गिरफ्तारी शेष थी। 26 दिसम्बर को इस्लाम पालनपुर जेल के कोविड वार्ड की खिडकी तोडकर फरार हुआ था। 30 दिसम्बर को सरूपगंज में स्टेट बैंक गली, 8 जनवरी को पाली व 13 जनवरी को सोजतसिटी से मोटर साईकिल चोरी, 14 जनवरी को आबूरोड के गिरवर गांव में गणेश मंदिर, 28 जनवरी को सरूपगंज के गुर्जर मोहल्ला से बाइक चोरी। 30 जनवरी को ऐलाणा रटुजा से माताजी मंदिर का ताला तोड़ कंठी चोरी व बिशनगढ़ में दरगाह के ताले तोड़कर दानपात्र चोरी। 2 जनवरी को अमरापुरा दांतराई में मामाजी के मंदिर का दान पात्र व जीरावला जैन मंदिर में छोटे मंदिर का तोला तोड़कर चोरी की। अपराधी ने 8 फरवरी को उंझा मार्केट गुजरात में स्कूटी चोरी की। वहीं 9 फरवरी को आबूरोड में बाइक चोरी की।
इस्लाम है शातिर नकबजन
अभियुक्त इस्लामखान शातिर चोर व नकबजन है जिसके विरुद्ध राजस्थान व गुजरात में कई प्रकरण दर्ज है।
एसपी इनको दिलाएंगे ईनाम
छगनलाल डांगी उप निरीक्षक पुलिस थानाधिकारी, पु.था. सरूपगंज
श्रीमती सरिता उप निरीक्षक पुलिस थानाधिकारी, पुलिस थाना कालन्द्रीं
हजाराम मारू सउनि पु.था. सरूपगंज
राजेन्द्रसिंह सउनि पु.था. सरूपगंज
मांगीलाल हैड कानि. 417 पु.था. सरूपगंज
भजनलाल हैड कानि 527 पु.था. सरूपगंज
बाबूसिंह कानि. 742 पु.था. सरूपगंज
वागाराम कानि 778 पु.था. सरूपगंज
हरीराम कानि 19 ़9 पु.था. सरूपगंज
छगनलाल कानि. 806 पु.था. सरूपगंज
शैतानाराम कानि 608 पु.था. सरूपगंज
हरीसिंह कानि. 211 पु.था. सरूपगंज
करणीदान उप निरीक्षक प्रभारी साईबर सेल
रमेशकुमार कानि 773 साईबर सेल सिरोही
जितेन्द्रसिंह कानि 395 साईबर सेल सिरोही
सुरेश कुमार कानि 460 साईबर सेल सिरोही
नरेन्द्र कुमार कानि. 974 साईबर सेल सिरोही
एसपी ने प्रेस वार्ता में इनको दिया श्रेय
जिला पुलिस अधीक्षक सिरोही हिम्मत अभिलाष आईपीएस ने मिलन कुमार जोहिया अति. पुलिस अधीक्षक सिरोही व किशोरसिंह आरपीएस वृताधिकारी पिण्डवाड़ा के निकटतम सुपरविजन में जिला साइबर सेल सिरोही को श्रेय दिया है। जबकि मामले का सिरा मोहब्बत नगर के जागरूक ग्रामीणों ने पकड़कर दिया था। खबर में लगे फोटो में आप एक चोर को पिटता भी देख सकते हैं।
यहां यह साफ करना जरूरी हो जाता है कि इन अभियुक्तों को सख्त से सख्त सजा दिलाने के लिए पुलिस द्वारा तैयार की गई कहानी न्यायालय में कहां ठहरेगी। जब सबूत ही वायरल होने लगे हैं कि अपराधी पकड़े कैसे गए हैं। सिरोही जैसी देवनगरी के एक महंत की हत्या करने के अपराधियों का ग्रामीणों की मदद से पकड़ा जाना एक अच्छी बात है। लेकिन पुलिस की अपनी बनाई कहानी न्यायालय में कितना ठहरेगी और यह कहानी कहीं पूज्य दिवंगत महंत को न्याय दिलाने में सफल हो पाएगी या नहीं। यह विचारणीय बिंदु है।