Fake Degree Case: राजकुमार राणा की फर्जी डिग्रियों का हिसाब हरियाणा की यह महिला रखती थी, पूरा परिवार आस्ट्रेलिया में
माधव विश्वविद्यालय (Madhaw University Sirohi) सिरोही के कर्ता—धर्ता और फर्जी डिग्री गिरोह के सरगना राज कुमार राणा (Rajkumar Rana) की फर्जी डिग्रियों का हिसाब हरियाणा की सारिका ही रखती थी। एक डिग्री बेचने के डेढ़ से तीन लाख रुपए तक वसूल किए गए। मामले में मुख्य आरोपी और मानव भारती विश्वविद्यालय तथा माधव विश्वविद्यालय के
सिरोही | माधव विश्वविद्यालय (Madhaw University Sirohi) सिरोही के कर्ता—धर्ता और फर्जी डिग्री गिरोह के सरगना राज कुमार राणा (Rajkumar Rana) की फर्जी डिग्रियों का हिसाब हरियाणा की सारिका ही रखती थी। एक डिग्री बेचने के डेढ़ से तीन लाख रुपए तक वसूल किए गए। मामले में मुख्य आरोपी और मानव भारती विश्वविद्यालय तथा माधव विश्वविद्यालय के मालिक राज कुमार राणा की सबसे भरोसेमंद सारिका ही थी। बताया जा रहा है इन दोनों ने कई लोगों के साथ मिलकर हजारों डिग्रियां लोगों को पैसों में बांट दी और इससे कई लोग सरकारी और गैर सरकारी क्षेत्रों में उंचे रोजगार पा गए। अब सीआइडी की विशेष अनुसंधान शाखा सारिका के बयानों के आधार पर ही अगला कोर्स ऑफ एक्शन तय कर रही है। हिमाचल के सोलन से ही राजस्थान के माधव विश्वविद्यालय के स्टाफ को भी डिग्रियां दी गई हैं। इसके सुबूत राजस्थान से जब्त किए गए थे।
जांच टीम ने सब आरोपितों से अलग- अलग भी पूछताछ की है। डिग्रियों के दाम पर भी सवाल पूछे गए तो सामने आया है कि एक डिग्री डेढ़ लाख से तीन लाख तक बिक्री। फर्जी डिग्रियां बेचकर यह पैसा कहां निवेश किया गया, इसके बार में भी एसआईटी की ओर से गहन जांच की गई
अखबारों को देता था मोटी रकम
बताया जा रहा है कि सिरोही का यह राज कुमार राणा राजस्थान में भी अखबारों की मार्केटिंग और उससे जुड़े लोगों को बड़ी रकम विज्ञापन के रूप में देता था। ऐसे में स्थानीय समाचार पत्रों के इंचार्ज और उनसे जुड़े लोग भी दबे रहे और यह गोरखधंधा लगातार चलता रहा। हैं।
माधव विश्वविद्यालय से यह हुआ बरामद
सिरोही के माधव विश्वविद्यालय से 1376 खाली डिग्री बरामद हुई हैं। वहीं 14 मुहरें, चार डिस्पैच रजिस्टर, 50 माइग्रेशन सर्टिफिकेट, 199 एनवेलपर, 485 खाली लेटर हेड, 319 खाली डिटेल माक्र्सशीट, दो कंप्यूटर, छह भरी हुई डिग्रियां व कई अन्य दस्तोवजों को बरामद कर उनकी बारीकी से जांच की गई है। इसमें नए तथ्यों का पता चला है कि कोई एजेंट भी इसमें सक्रिय थे। यह सिरोही से जुड़े भी हो सकते हैं। सीआइडी जांच अब सिरोही जिले के एजेंटों पर केंद्रित हो गई है। 17 से अधिक राज्यों में सक्रिय रहे एजेंटों में से कईयों की गिरफ्तारी हो सकती है। उधर, प्रवर्तन निदेशालय अभी कुछ और संपत्ति अटैच कर सकती है। फिलहाल एसआइटी मुख्य आरोपित राजकुमार राणा की पत्नी, उसके बेटे और बेटी को आस्ट्रेलिया से वापस लाने की कोशिश में जुटी है।