Sirohi CMHO राजेश कुमार निलंबित: भ्रष्टाचार, रिश्वतखोर, गबन जैसी शिकायतों और सरकारी कार्य में लापरवाही बरतने वाले सिरोही सीएमएचओ राजेश कुमार को किया निलंबित

सिरोही सीएमएचओ डॉ राजेश कुमार को चिकित्सा विभाग ने निलंबित कर दिया। सिरोही ​सीएमएचओ के खिलाफ लगातार भ्रष्टाचार, गबन और सरकारी कार्य में लापरवाही जैसी ​कई शिकायतों के बाद विभाग ने आज गुरुवार को डॉ राजेश कुमार को निलंबित करने के आदेश जारी कर दिए।

जयपुर, 21 नवंबर 2024। सिरोही सीएमएचओ डॉ राजेश कुमार को चिकित्सा विभाग ने निलंबित कर दिया। सिरोही ​सीएमएचओ के खिलाफ लगातार भ्रष्टाचार, गबन और सरकारी कार्य में लापरवाही जैसी ​कई शिकायतों के बाद विभाग ने आज गुरुवार को डॉ राजेश कुमार को निलंबित करने के आदेश जारी कर दिए।

जानकारी के मुताबिक सिरोही ​सीएमएचओ डॉ राजेश कुमार पर कोरोना काल में टीकाकरण और अन्य आवश्यक कार्यों में घोरलापरवाही मामले में तत्कालीन सिरोही कलेक्टर ने चार्जशीट थमाई थी।

डॉ राजेश कुमार ने राज्य सूचना आयोग, सिरोही जिला प्रभारी मंत्री, स्वास्थ्य विभाग के सचिव, उप सचिव के साथ संयुक्त सचिव तक के आदेशों को दरकिनार कर सूचना के अधिकार के तहत सूचनाएं प्रदान नहीं की।

इसके साथ ही राजेश कुमार की सीएमएचओ पद पर नियुक्ति के आदेश भी राजनीतिक नेताओं के आशीर्वाद से हुई थी,

सीएमएचओ पद की योग्यता को पूर्ण नहीं करने के बावजूद डॉ राजेश कुमार को केवल 4 साल की सर्विस में सीएमएचओ बना दिया गया था।

ये चंद मामले तो बानगी है, इसके अलावा दर्जनों शिकायतें डॉ राजेश कुमार के खिलाफ विचाराधीन है। ऐसे में चिकित्सा विभाग ने शिकायतों को ध्यान में रखते हुए निलंबित कर दिया। 

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बन गए सीएमएचओ,

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सरकार के आदेश ही 12 साल के तो 4 साल वाला कैसे बन गया सीएमएचओ

चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग के शासन सचिव आशुतोष ए टी पेडणेकर की ओर से 15 मार्च को एक आदेश जारी किए गए है। इस आदेश के अनुसार ब्लॉक मुख्य ​चिकित्सा अधिकारी, मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी तथा संयुक्त निदेशक के पद पर लगने वाले व्यक्ति के लिए योग्यता जारी की गई। इन आदेशों के मुताबिक जिस चिकित्सक द्वारा 12 साल की नियमित सेवा पूरी कर ली गई हो या पे ग्रेड 7600 हो तो वह सीएमएचओ पद के लिए दावा कर सकता है। लेकिन इस 12 साल के अनुभव के साथ ही चिकित्सक के खिलाफ वित्तीय गबन या अनुशासनात्मक कार्यवाही नहीं होनी चाहिए। 

लेकिन सिरोही सीएमएचओ डॉ राजेश कुमार के पास 12 साल का अनुभव तो अभी तक नहीं है। वहीं इनको चिकित्सा विभाग की ओर से कार्य में लापरवाही बरतने तथा वित्तीय अनियमितता बरतने पर दोषी तक माना गया। ऐसे में सवाल उठ रहे है कि डॉ राजेश कुमार को किस आधार पर सिरोही जिले का सीएमएचओ बनाया गया! यहां आप को बता दें कि 15 मार्च 2022 से पहले 08 सितंबर 2015 को एक आदेश चिकित्सा विभाग की ओर से जारी किया गया था, इसमें सीएमएचओ के लिए 20 साल का सेवा अनुभव, एमडी या इसके समकक्ष डिग्री होना आवश्यक था। 

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