सियासी गलियारों में नई चर्चा: राहुल गांधी ने फोटो में दिखाई राजस्थान की एकजुटता, पर क्या एकजुट है कांग्रेस का कुनबा

पायलट के पास अभी राजस्थान में कोई अहम संगठनात्मक जिम्मेदारी नहीं है, लेकिन कांग्रेस जिस तरह उन्हें साथ लेकर चल रही है उससे ऐसे संकेत मिल रहे हैं कि जल्द ही उन्हें बड़ी जिम्मेदारी दी जाएगी। ऐसा इसलिए भी माना जा रहा है क्योंकि जिन राज्यों में चुनाव नजदीक आ रहे हैं वहां कांग्रेस संगठन में बड़े बदलाव कर रही है।

जयपुर। सीएम अशोक गहलोत को गुजरात कांग्रेस का सीनियर ऑब्जर्वर और सचिन पायलट को हिमाचल प्रदेश का ओब्जर्वर बनाए जाने के कुछ घंटो बाद ही राहुल गांधी ने सोशल मीडिया पर इन दोनों के साथ ढाई साल पुरानी अल्बर्ट हॉल में 28 जनवरी 2020 को हुई युवा आक्रोश रैली की फोटो पोस्ट कर सियासी गलियारों में नई चर्चा छेड़ दी है। वह भी ऐसे समय में जब गहलोत और पायलट के बीच खींचतान चरम पर है। हालांकि, कांग्रेस ने जिस भरोसे से गहलोत को गुजरात की कमान सौंपी है उसे देखकर यह समझा जा सकता है कि पार्टी में बतौर रणनीतिकार उनका कोई तोड़ नहीं है। माना जा रहा है कि राहुल गांधी ने इसके जरिए सत्ता और संगठन से अलग-थलग पायलट के समर्थकों को भी एक संदेश देने का प्रयास किया है ताकि एकजुटता से पार्टी अगले चुनाव में उतरे।

पायलट के पास अभी राजस्थान में कोई अहम संगठनात्मक जिम्मेदारी नहीं है, लेकिन कांग्रेस जिस तरह उन्हें साथ लेकर चल रही है उससे ऐसे संकेत मिल रहे हैं कि जल्द ही उन्हें बड़ी जिम्मेदारी दी जाएगी। ऐसा इसलिए भी माना जा रहा है क्योंकि जिन राज्यों में चुनाव नजदीक आ रहे हैं वहां कांग्रेस संगठन में बड़े बदलाव कर रही है। राहुल गांधी ने सोशल मीडिया पर पोस्ट लिखकर मेडिकल के क्षेत्र में गहलोत सरकार के कामकाज को सराहा है। राजनीतिक जानकार इसके जरिए दो तरह के मायने निकाल रहे हैं। सरकार की तारीफ में पायलट के फोटो के इस्तेमाल के पीछे आपसी खींचतान मिटाकर एकता दिखाने के प्रयास से जोड़कर देखा जा रहा है।

तस्वीर की चर्चा इसलिए भी है कि पूर्व में राहुल एआईसीसी मुख्यालय में पायलट के धैर्य की तारीफ कर चुके हैं। पायलट को लेकर नरेटिव बदलने की शुरुआत की। अब गहलोत सरकार के कामकाज की तारीफ की, लेकिन दोनों का फोटो लगा दोनों को महत्व देने का मैसेज दिया। राहुल ने सोशल मीडिया पोस्ट में लिखा- राजस्थान की कांग्रेस सरकार ने जनता से किया अपना एक और वादा निभाया है। प्रदेश में चल रही नि:शुल्क दवा योजना में 824 और दवाइयों को शामिल किया गया है। राजस्थान देश का पहला ऐसा राज्य बना जहां लगभग 1795 दवाइयां बिल्कुल मुफ्त मिल रही हैं।