हरिदेव जोशी जर्नलिज्म यूनिवर्सिटी विवाद: हरिदेव जोशी जर्नलिज्म यूनिवर्सिटी में सहायक प्रोफेसर के पद पर मनोज लोढ़ा की नियुक्ति गैरकानूनी, अब फिर से शुरू होगी नियुक्ति प्रक्रिया: संयम लोढ़ा

सिरोही विधायक संयम लोढ़ा ने बताया कि मनोज लोढ़ा ने सहायक प्रोफेसर के पद पर गलत तरीके से नियुक्ति ली। इसको लेकर यूनिवर्सिटी की ओर से की गई जांच में भी वे दोषी पाए गए। इधर पद से टर्मिनेट होने से पहले मनोज लोढ़ा ने अंतिम सुनवाई की मांग की। इसके आधार पर दो सदस्यों की कमेटी का गठन किया गया है।

जयपुर। 
हरिदेव जोशी पत्रकारिता एवं संचार विश्वविद्यालय में प्रिंट डिपार्टमेंट के हेड मनोज लोढ़ा की सहायक प्रोफेसर के पद पर नियुक्ति को गैरकानूनी माना जा रहा है। विश्वविद्यालय की बोर्ड आफ मैनेजमेंट की बैठक में लोढ़ा की नियुक्ति के खिलाफ टर्मिनेशन की तैयारी शुरू कर दी गई। 
आज गुरुवार को विश्वविद्यालय की बोर्ड आफ मैनेजमेंट की बैठक कार्यकारी कुलपति प्रोफेसर देवस्वरूप की अध्यक्षता में की गई। बैठक में राज्यपाल के आदेशों के बाद रोकी गई भर्ती प्रक्रिया को फिर से शुरू करने का फैसला किया गया। आज की बैठक में 13 प्रस्तावों पर चर्चा कर उन्हें सर्व समति से पारित किया गया। 
बोर्ड के सदस्य और सिरोही विधायक संयम लोढ़ा ने बताया कि मनोज लोढ़ा ने सहायक प्रोफेसर के पद पर गलत तरीके से नियुक्ति ली। इसको लेकर यूनिवर्सिटी की ओर से की गई जांच में भी वे दोषी पाए गए। इधर पद से टर्मिनेट होने से पहले मनोज लोढ़ा ने अंतिम सुनवाई की मांग की। इसके आधार पर दो सदस्यों की कमेटी का गठन किया गया है। यह कमेटी आखिरी बार उनका पक्ष सुनेगी।

यूनिवर्सिटी में जल्द भरें जाएंगे पद 
सिरोही विधायक संयम लोढ़ा ने बताया कि पूर्व कुलपति ओम थानवी के समय यूनिवर्सिटी में रिक्त चल रहे पदों पर भर्ती प्रक्रिया को शुरू किया गया था, लेकिन राज्यपाल के आदेशों के बाद भर्ती प्रक्रिया को रोक दिया गया। बोर्ड आफ मैनेजमेंट की बैठक में एक बार फिर से सर्व सम्मति से भर्ती प्रक्रिया को शुरू करने का फैसला किया गया है। ऐसे में अब जल्द ही रिक्त चल रहे पदों पर नियुक्तियां दी जाएगी।  

यूनिवर्सिटी के कार्यकारी कुलपति प्रोफेसर देव स्वरूप ने कहा कि बोर्ड ​बैठक में सभी प्रस्तावों पर सर्व सम्मति से फैसला लिया गया है। यूनिवर्सिटी में भर्ती एक नियमित प्रक्रिया है। आपको बता दें कि मनोज लोढ़ा की नियुक्ति को लेकर पिछले लंबे समय से विवाद चल रहा था। इसके बाद यूनिवर्सिटी की जांच में मनोज लोढ़ा की नियुक्ति को गैरकानूनी माना गया। अब बोर्ड बैठक में फिर से ​भर्ती प्रक्रिया शुरू करने पर फैसला किया गया।