जालोर जिला परिषद बैठक: तीखी बहस और इस्तीफे की पेशकश से गरमाया माहौल

शुक्रवार को जालोर जिला परिषद की बैठक जिला प्रमुख राजेश राणा की अध्यक्षता में आयोजित की गई। बैठक में बिजली विभाग (डिस्कॉम), जल जीवन मिशन (जेजेएम), नर्मदा प्रोजेक्ट सहित कई अहम मुद्दों पर चर्चा हुई। हालांकि, बैठक का माहौल उस समय गरमा गया

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Lalit Pathmeda

जालोर, राजस्थान | शुक्रवार को जालोर जिला परिषद की बैठक जिला प्रमुख राजेश राणा की अध्यक्षता में आयोजित की गई। बैठक में बिजली विभाग (डिस्कॉम), जल जीवन मिशन (जेजेएम), नर्मदा प्रोजेक्ट सहित कई अहम मुद्दों पर चर्चा हुई। हालांकि, बैठक का माहौल उस समय गरमा गया जब विधायक जोगेश्वर गर्ग और जिला परिषद सदस्य रामाराम चौधरी के बीच तीखी बहस हो गई।

जेजेएम पर चर्चा और विवाद
बैठक के दौरान जल जीवन मिशन (जेजेएम) के मुद्दे पर विधायक जोगेश्वर गर्ग ने कहा कि जिन सरपंचों ने बिना काम पूरा किए ठेकेदारों को एनओसी दी है, उनके खिलाफ जांच कर कानूनी कार्रवाई की जाए। गर्ग ने अधिकारियों को ठेकेदारों से दूरी बनाए रखने की नसीहत दी और कहा कि कांग्रेस सरकार अब चली गई है, जो ठेकेदारों की मदद करती थी।

इस पर जिला परिषद सदस्य रामाराम चौधरी ने नाराजगी जताते हुए कहा, "आप बार-बार कांग्रेस का नाम क्यों लेते हैं? कांग्रेस ने काम किया है, तभी मैं दूसरी बार जिला परिषद सदस्य चुना गया हूँ।" इसके जवाब में गर्ग के कथित धमकी भरे बयान ने माहौल और गरमा दिया। उन्होंने कहा, "इस बार आकर बता देना।"

रामाराम चौधरी ने गर्ग के इस बयान पर कड़ी प्रतिक्रिया दी और कहा, "आप विपक्षी जनप्रतिनिधियों के साथ भेदभाव करते हैं। सरकारी कार्यक्रमों में हमें आमंत्रित नहीं किया जाता। हाल ही में अनार मंडी के शिलान्यास कार्यक्रम में भी हमें नहीं बुलाया गया।"

आवेश में आकर रामाराम ने अपना इस्तीफा सौंपने की पेशकश कर दी, लेकिन अन्य सदस्यों और अधिकारियों ने उन्हें समझा-बुझाकर शांत कराया।

सांचौर जिला मुद्दे पर भी दिखा असंतोष
बैठक में भाजपा के जिला परिषद सदस्य प्रवीण माली ने सांचौर को जिला नहीं बनाए जाने पर नाराजगी व्यक्त की। उन्होंने कहा, "हम ढाई सौ किलोमीटर दूर से जालोर आते हैं। सांचौर को जिला न बनाना वहां की जनता के साथ अन्याय है।"

मुख्य सचेतक जोगेश्वर गर्ग ने इस पर कहा, "सांचौर को जिला बनाना हमारी प्राथमिकता नहीं थी, लेकिन अब जो फैसला हुआ है, उसमें जनता का हित सर्वोपरि रहेगा। यदि अधिकारी जनता के काम नहीं करेंगे तो उन्हें जवाबदेह बनाया जाएगा। उल्टा लटकाने तक की नौबत आ सकती है।"

अधिकारियों को स्पष्ट निर्देश
विवादों के बावजूद, गर्ग ने अधिकारियों को निर्देश दिए कि किसी भी सरकारी कार्यक्रम में सभी राजनीतिक दलों के स्थानीय प्रतिनिधियों को सम्मानपूर्वक आमंत्रित किया जाए। उन्होंने कहा, "शिलान्यास और लोकार्पण जैसे कार्यक्रमों में विपक्षी जनप्रतिनिधियों की भागीदारी भी सुनिश्चित की जाए।"

जालोर जिला परिषद की इस बैठक में विकास कार्यों पर चर्चा से ज्यादा राजनीति और व्यक्तिगत आरोप-प्रत्यारोप केंद्र में रहे। हालांकि, अंत में माहौल को शांत कर विकास के मुद्दों पर फोकस करने की कोशिश की गई।