सांसद नीरज डांगी की सदन में मांग : स्मार्ट सिटी मिशन में देश के 100 शहरों में से राजस्थान के मात्र चार शहर, प्रदेश की भौगौलिक एवं ऐतिहासिक विरासतों को देखते हुए बढ़ाई जाए शहरों की संख्या:नीरज डांगी

स्मार्ट सिटीज मिशन में देश के 100 शहरों में से राजस्थान के मात्र चार शहरों अजमेर, जयपुर, कोटा और उदयपुर का चयन किया गया। जबकि राजस्थान की भौगौलिक एवं ऐतिहासिक विरासतों को देखते हुए अन्य शहरों को भी शामिल किया जाना चाहिए था।

जयपुर।
राज्यसभा सांसद नीरज डांगी ने सदन में ‘स्मार्ट शहर योजना‘ के अधीन राजस्थान राज्य में स्मार्ट शहरों की सूची में शामिल शहरों को आवंटित धनराशि का ब्यौरा आवासन और शहरी कार्य मंत्री से सदन के पटल पर रखे जाने की मांग की। 
सदन में बताया गया कि वर्तमान में केन्द्र सरकार द्वारा इस योजना में शामिल चार शहरों की 562 परियोजनाओं हेतु 9538 करोड़ के विपरीत मात्र 1666 करोड़ की निधि ही जारी की है ।
इससे इन 4 शहरों की सभी परियोजनायें अधूरी है। डांगी ने केन्द्र सरकार से सम्पूर्ण निधि जारी करने की मांग की ताकि इन शहरों का इस योजना के तहत विकास हो सके। उन्होंने सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम मंत्रालय द्वारा प्रधानमंत्री रोजगार सृजन कार्यक्रम (पीएमईजीपी) की क्रियान्विति एवं इस्पात खनन और उत्पादन में क्षमता बढाने की मांग की।
सांसद डाँगी ने सदन में कहा कि स्मार्ट सिटीज मिशन में देश के 100 शहरों में से राजस्थान के मात्र चार शहरों अजमेर, जयपुर, कोटा और उदयपुर का चयन किया गया।
जबकि राजस्थान की भौगौलिक एवं ऐतिहासिक विरासतों को देखते हुए अन्य शहरों को भी शामिल किया जाना चाहिए था। इस योजना में प्रतिवर्ष प्रति शहर औसतन 100 करोड़ रुपए की वित्तीय सहायता प्रदान किए जाने एवं इतनी ही राशि राज्य सरकार के स्थानीय निकाय द्वारा योगदान किए जाने की योजना है। 
इसमें राजस्थान सरकार सहायता राशि वहन करने को तैयार है फिर भी केन्द्र सरकार ने अन्य शहरों को इसमें शामिल नहीं किया गया है, उन्होंने केन्द्र सरकार से शीघ्र इसमें अन्य शहरों को शामिल करने की मांग सदन में उठाई।
सांसद ने कहा कि राजस्थान में स्मार्ट सिटी परियोजनाओं के तहत 25 जून 2015 से अब तक सात वर्षों में अजमेर में कुल 179 परियोजनाओं पर 2,268 करोड़, जयपुर में 157 परियोजनाओं पर 3,232 करोड़, कोटा में 85 परियोजनाओं पर 2,251 करोड़ और उदयपुर की 141 परियोजनाओं पर 1,785 करोड़ रुपये की स्वीकृतियां जारी की गई है।
इसमें से केन्द्र सरकार द्वारा कुल 1,666 करोड़ की ही निधि जारी की गई है। इससे उपरोक्त परियोजनाएं अधूरी है एवं इन्हें पूर्ण किये जाने हेतु कुल 9,538 करोड़ रुपए की निधि जारी किया जाना आवश्यक है।
उन्होंने केन्द्र सरकार से मांग की कि यह राशि शीघ्र जारी की जाएं ताकि यह सभी योजनाएं पूर्ण होकर स्मार्ट सिटीज मिशन के तहत राजस्थान के शहरों का विकास हो सके । 
डांगी ने सदन में सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम मंत्रालय द्वारा प्रधानमंत्री रोजगार सृजन कार्यक्रम (पीएमईजीपी) के तहत उद्यमों की स्थापना, सृजित रोजगार, लघु उद्यमों के वित्तपोषण के लिए सरकार द्वारा उठाए जा रहे कदम नगण्य है।
इस योजना को सही रूप में लागू किए जाने की मांग की ताकि इसका लाभ सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यमियों को मिल सके।
उन्होंने इस्पात मंत्रालय से इस्पात खनन और उत्पादन में लगी इकाईयों व उनकी उत्पादन क्षमता, उन स्थानों का ब्यौरा मांगा जहां सरकारी और गैर-सरकारी इकाईयां इस्पात का उत्पादन कर रही है। 
इसके साथ ही उन्होंने केन्द्र सरकार द्वारा इस्पात उत्पादन में सुधार करने और इसे बढाने के लिये उठाए जा रहे कदम नाकाफी बताए, इसमें सुधारात्मक कार्यवाही करते हुए इसे सुदृढ़ कर इसके उत्पादन को बढाने होंगे।