Rajasthan Assembly 2023: कांग्रेस नेता सचिन पायलट ने दाखिल किया अपना नामांकन, नामांकन मे दिखाई ताकत, क्या CM बनने का उनका सपना होगा साकार?

कांग्रेस नेता पायलट लंबे समय से अपने वर्चस्व की लड़ाई लड़ रहे हैं, क्या इस बार उनका मुख्यमंत्री बनने का सपना साकार होगा? राजस्थान में अशोक गहलोत के रहते उनका सपना साकार होगा या नहीं, यह भविष्य के गर्भ में है। पायलट टोंक से चुनाव लड़ रहे है।

कांग्रेस नेता सचिन पायलट ने दाखिल किया अपना नामांकन, क्या CM बनने का उनका सपना होगा साकार?

जयपुर। कांग्रेस नेता और राजस्थान के पूर्व उप मुख्यमंत्री सचिन पायलट ने आज मंगलवार को टोंक विधानसभा से अपना नामांकन दाखिल कर दिया है। ]

उन्होने आरओ कार्यालय में रिटर्निंग अधिकारी के समक्ष नामांकन पेश किया।  नामांकन केलिए टोंक जाने से पहले वे अपने परिवार वालों से मिले। 

कांग्रेस नेता पायलट लंबे समय से अपने वर्चस्व की लड़ाई लड़ रहे हैं, क्या इस बार उनका मुख्यमंत्री बनने का सपना साकार होगा? राजस्थान में अशोक गहलोत के रहते उनका सपना साकार होगा या नहीं, यह भविष्य के गर्भ में है। वैसे पायलट मुख्यमंत्री बनने की बात से पहले ही  इनकार कर चुके हैं। पायलट टोंक से चुनाव लड़ रहे है।

ज्ञात हो पिछले पांच वर्ष से वर्चस्व की लड़ाई लड़ रहे राजस्थान के पूर्व उप मुख्यमंत्री सचिन पायलट (Sachin Pilot) एक बार फिर से सियासी रण में नए तरीके से तैयार है, नए सपनों के साथ उड़ान भरने की तैयारी है।

सचिन पायलट पायलट का सपना सीएम बनने का रहा है, इस प्रश्न पर उन्होंने टोंक मिडिया संबोधन में कहा था- मेरा सपना सीएम बनना नहीं, जनता का विकास करना है...।

कांग्रेस नेता सचिन पायलट ने आज कहा, "खरगे जी ने मुझसे कहा कि भूल जाओ, माफ करो और आगे बढ़ो। हमारा काम यह सुनिश्चित करना है कि कांग्रेस पार्टी अपनी सरकार बनाए। हम साथ मिलकर चुनाव लड़ेंगे और जीतने के बाद आलाकमान सीएम चेहरा तय करेंगे।"

नामांकन रैली  -
कांग्रेस पार्टी ने इस बार सचिन पायलट को टोंक से अपना प्रत्याशी बनाया है। पायलट ने नामांकन दाखिल करने के लिए मुहूर्त निकलवाया था। नामांकन दाखिल करने से पूर्व अपने समर्थकों के साथ नामांकन रैली मे ताकत दिखाई। 

नामांकन से पूर्व पायलट की विशाल नामांकन रैली निकली जिसने हजारों समर्थकों की उत्साही भीड़ दिखी। 

पूर्व उप मुख्यमंत्री के नामांकन को बड़ा बनाने के लिए जिला कांग्रेस कमेटी कार्यालय में जिलाध्यक्ष हरि प्रसाद बैरवा ने शीर्ष पदाधिकारियों और कार्यकर्ताओं के साथ बैठक की थी आउट बैठक में नामांकन जुलूस और स्वागत को लेकर रणनीति तैयार हुई थी। 

यह भी ज्ञात हो कि राजस्थान में पिछले विधानसभा चुनाव से कांग्रेस में शुरू से ही वर्चस्व की लड़ाई देखी गई है। 

जिसके चलते राजस्थान कांग्रेस दो गुटों अशोक गहलोत गुट और सचिन पायलट गुट में बंटी नजर आई थी।

जिसके चलते समय-समय पर दोनों गुटों के नेताओं की बयानबाजी ने राजनीतिक गलियारों को गरमाने का काम किया था।