माउंट आबू में बीजेपी नेताओं की ट्रेनिंग: चुनाव में बूथ माइक्रोमैनेजमेंट-इलेक्शन कैम्पेन पर कैम्प, 10 से 12 जुलाई तक जुटेंगे सीनियर नेता

'बूथ सशक्तिकरण अभियान' चलाकर BJP राजस्थान में अपने 6000 कमजोर बूथों को मजबूती देने में जुटी है। वीक बूथ कमेटी भी बनाई जा रही हैं। 31 जुलाई तक पार्टी के सभी सांसद-विधायक, जिलाध्यक्ष, जिलों के प्रभारी, जिलों के पदाधिकारी अपने-अपने क्षेत्र में फील्ड में जाएंगे।

सिरोही चुनावी मोड पर आई बीजेपी सिरोही में अपने नेताओं की ट्रेनिंग के लिए जुलाई में 3 दिन का बड़ा ट्रेनिंग कैम्प लगाएगी। माउंट आबू में 10 से 12 जुलाई तक कैम्प में राजस्थान विधानसभा चुनाव 2023 के लिए बीजेपी नेताओं को ट्रेनिंग दी जाएगी। सभी प्रदेश पदाधिकारियों के साथ, जिलाध्यक्ष, प्रभारी, सांसद-विधायक और राजस्थान से जुड़े कई राष्ट्रीय पदाधिकारी बैठक में हिस्सा लेने आएंगे। यहां से ट्रेनिंग लेकर बीजेपी नेता पूरे राजस्थान में जाएंगे। चुनावी कैम्पेन में जुटेंगे। जिलों के नेताओं को भी ट्रेनिंग देंगे। प्रदेशाध्यक्ष सतीश पूनिया,प्रभारी अरुण सिंह, सह प्रभारी भारती बेन शियाल, नेता प्रतिपक्ष गुलाबचंद कटारिया,पूर्व सीएम वसुंधरा राजे,उपनेता राजेन्द्र राठौड़, केन्द्रीय मंत्री गजेन्द्र सिंह शेखावत, कैलाश चौधरी, अर्जुनराम मेघवाल, राष्ट्रीय मंत्री अल्का गुर्जर, संगठन महामंत्री चन्द्रशेखर समेत कई सीनियर लीडर्स कैम्प में शामिल होंगे।

'बूथ सशक्तिकरण अभियान' चलाकर बीजेपी राजस्थान में अपने 6000 कमजोर बूथों को मजबूती देने में जुटी है। वीक बूथ कमेटी भी बनाई जा रही हैं। 31 जुलाई तक पार्टी के सभी सांसद-विधायक, जिलाध्यक्ष, जिलों के प्रभारी, जिलों के पदाधिकारी अपने-अपने क्षेत्र में फील्ड में जाएंगे। सांसदों को कम से कम 100 और विधायकों को 25 कमजोर बूथ दिए जाएंगे। जिस पर उन्हें माइक्रो मैनेजमेंट कर बीजेपी के पक्ष में वोटों का गणित साधना है। पार्टी ने कहा है कि बूथों की मजबूती के लिए सभी सांसद और विधायक अपनी-अपनी टीम बनाएंगे। सांसद अपने लोकसभा क्षेत्र के 30 लोगों के नाम देंगे। विधायक अपने विधानसभा क्षेत्र से 10 नाम देंगे। ये 40 लोग कमजोर बूथों पर काम करेंगे।

जिन विधानसभा क्षेत्रों में कांग्रेस, निर्दलीयों या दूसरी पार्टियों के विधायक हैं। उन विधानसभा क्षेत्रों के बूथों पर पार्टी कार्यकर्ताओं को प्राथमिकता से काम करने को कहा गया है। राजस्थान में बीजेपी के कुल 52000 बूथ हैं। 11 लाख पन्ना प्रमुख भी नियुक्त किए गए हैं। हर पन्ना प्रमुख के पास 60-60 वोटर्स का जिम्मा चुनाव में रहेगा। ये पन्ना प्रमुख अपनी व्यवहार कुशलता,लगातार जनसम्पर्क, केन्द्र सरकार की योजनाएं और उपलब्धियां बताकर, लाभार्थियों के उदाहरण पेश कर वोटर्स को बीजेपी के पक्ष में मतदान के लिए प्रेरित करेंगे।

बीजेपी ने तय किया है कि राजस्थान में पार्टी के बड़े कार्यक्रम अलग-अलग जिलों में रखे जाएं। विधानसभा चुनाव तक लगातार सभी सम्भागों में पार्टी कार्यकर्ताओं की मीटिंग रखकर इलेक्शन का माहौल तैयार करना है। अब तक जोधपुर, कोटा, उदयपुर, भरतपुर-सवाईमाधोपुर में बीजेपी की प्रदेश लेवल की बैठकें हो चुकी हैं। कार्यकर्ताओं को एक्टिव कर लोकल पॉलिटिकल फीडबैक और जनता की समस्याएं भी इन बैठकों और कैम्पों के जरिए जानी जा रही हैं। बीजेपी नेतृत्व के निर्देश हैं कि PM मोदी के चेहरे पर विधानसभा चुनाव लड़ा जाएगा। इसलिए केन्द्र सरकार की जन कल्याण की स्कीम्स और उपलब्धियां बताने के साथ लाभार्थियों तक पहुंच बनानी जरूरी है।

पार्टी के प्रदेश और जिले के सीनियर नेता ट्रेनिंग के बाद चुनाव कैम्पेन में लगने वाले सभी कार्यकर्ताओं को जिलों में ही ट्रेनिंग देकर फील्ड में भेजेंगे। ट्रेनिंग के दौरान सोशल मीडिया,आईटी, बीजेपी विचार परिवार, केन्द्र की मोदी सरकार की स्कीम्स और बड़े फैसलों पर सेशन होंगे। नेताओं को देश की राजनीति से जुड़े सभी बड़े मुद्दों पर जनता के बीच बोलने की ट्रेनिंग दी जाएगी। पार्टी का स्टैण्ड क्लीयर किया जाएगा।

बीजेपी अपने गढ़ माने जाने वाले एरिया में यह कैम्प लगाने जा रही है। सिरोही और बॉर्डर से लगने वाले जिलों- पाली, उदयपुर और जालोर की पॉलिटिकल कंडीशन्स पार्टी के लिए बहुत मजबूत हैं। इन 4 जिलों की 22 में से 17 सीटों पर बीजेपी विधायकों का कब्जा है। जबकि 2 पर निर्दलीय और 3 पर कांग्रेस विधायक काबिज हैं। इन जिलों में ST की 6 और SC की 3 सीटें हैं। अपने मजबूत गढ़ की सीटों की संख्या अगले विधानसभा चुनाव में बचाने और बढ़ाने पर पार्टी का फोकस है। इसलिए इन 4 जिलों का पॉलिटिकल फीडबैक लेकर सियासी नब्ज भी टटोली जाएगी।