Ukraine को लेकर अमेरिका और रूस में तनाव: यूएन की बैठक में अमेरिका और रूस के डिप्लोमैट्स आमने सामने, यूक्रेन मुद्दे को लेकर तनाव
अमेरिका और रूस के बीच एक बार फिर से तनाव बढ़ गया। इस बार यूक्रेन को लेकर तनाव शुरू हुआ है। संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में यूक्रेन मुद्दे पर वोटिंग के दौरान दोनों देशों के डिप्लोमैट्स आपस में भिड़ गए। अमेरिका की तरफ से आरोप लगाया गया कि रूस यूक्रेन बॉर्डर पर सैनिकों के भीड़ एकत्रित कर रहा है।
नई दिल्ली, एजेंसी।
अमेरिका और रूस के बीच एक बार फिर से तनाव बढ़ गया। इस बार यूक्रेन को लेकर तनाव शुरू हुआ है। संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में यूक्रेन मुद्दे पर वोटिंग के दौरान दोनों देशों के डिप्लोमैट्स आपस में भिड़ गए।
अमेरिका की तरफ से आरोप लगाया गया कि रूस यूक्रेन बॉर्डर पर सैनिकों के भीड़ एकत्रित कर रहा है। इसके साथ ही क्षेत्र की शांति को खतरे में डाल रहा हैं।
वहीं रूसी डिप्लोमैट के इसका जवाब देते हुए कहा कि अमेरिका झूठा डर फैला रहा है। ऐसे में अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडेन ने संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में रूस को धमकी भरे लहजे में चेतावनी दी। उन्होंने कहा कि अगर रूस बातचीत से हमारी सुरक्षा चिंताओं को दूर करने के लिए तैयार होता है तब ही अमेरिका तथा उसके सहयोगी देश इस तरफ आगे बढेंगे।
लेकिन अगर रूस ने यूक्रेन पर हमला किया तो उसे गंभीर परिणाम भुगतने होंगें। हालांकि भारत ने इस वोटिंग में भाग नहीं लिया और बीच का रास्ता अपना।
भारत के अमेरिका और रूस दोनों के साथ अच्छे संंबंध है। ऐसे में अगर भारत किसी एक देश का पक्ष लेता है तो दूसरे से उसके रिश्तों में नकारात्मक असर पड़ता है।
अमेरिका ने कहा कि यूक्रेन बॉर्डर पर रूस के सैन्य निर्माण में आक्रामक पैटर्न नजर आता है। जबकि रूसी डिप्लोमैट ने अमेरिका को झगड़ा भड़काने वाला बताया।
यूएन की बैठक में अमेरिकी राजदूत लिंडा थॉमस ने कहा कि यूरोप में हम जिस स्थिति का सामना कर रहे हैं वह खतरनाक हैं। यूक्रेन की सीमा पर रूस की ओर से सैन्य निर्माण में आक्रामक पैटर्न नजर आ रहा है।
रूसी डिप्लोमैट वसीली नेबेंजिया ने अमेरिका को झगड़ा भड़काने वाला देश बताया। अमेरिका चाहता है युद्ध हो। जबकि रूस का यू्क्रेन पर हमला करने की कोई योजना नहीं थी।
अमेरिका और उसके सहयोगी बिना वजह यूक्रेन व उसके बीच तनाव पैदा कर रहे हैं। ये देश रूस को कमजोर करने की कोशिश कर रहे हैं।
सुरक्षा परिषद की बैठक बिना किसी कार्रवाई के ही स्थगित कर दी गई।
अमेरिकी डिप्लोमैट ने कहा कि रूसियों ने हमें वो जवाब नहीं दिया जिससे हमें उम्मीद थी। आपको बता दें कि यूक्रेन और रूस के बीच पिछले सप्ताह पेरिस में आठ घंटे तक चली बैठक के बाद सीज फायर हो गया।
ये दोनों देश जल्द ही बर्लिन में फिर से मीटिंग करने वाले हैं। रूस ने 2014 में यूक्रेन के क्रीमिया पर कब्जा कर लिया था, इसके बाद से ही इन दोनों देशों के बीच तनाव बरकरार है।
गत वर्ष रूस ने यूक्रेन सीमा पर 1.50 लाख सैनिकों की तैनाती कर दी थी, इसके बाद से ही युद्ध का संकट बढ़ गया।