सीएम की कोरोना समीक्षा बैठक: प्रदेश में फिलहाल शिक्षण संस्थान खुलने की संभावना नहीं, चिकित्सा विशेषज्ञों ने सीएम गहलोत को दी राय

मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कहा कि कोविड प्रोटोकॉल की पालना में लापरवाही के कारण दुनिया के कई देशों में कोविड रोगियों की संख्या फिर से बढ़ी है। देश के कुछ राज्यों में भी वायरस की सक्रियता बनी हुई है और वहां सरकारों ने संक्रमण रोकने के लिए प्रतिबंधात्मक उपाय लागू किए हैं।

जयपुर।
मुख्यमंत्री अशोक गहलोत(CM Ashok Gehlot) ने कहा कि कोविड प्रोटोकॉल (covid protocol)की पालना में लापरवाही के कारण दुनिया के कई देशों में कोविड रोगियों की संख्या फिर से बढ़ी है। देश के कुछ राज्यों में भी वायरस की सक्रियता बनी हुई है और वहां सरकारों ने संक्रमण रोकने के लिए प्रतिबंधात्मक उपाय लागू किए हैं। ऎसे में हमें लगातार सावधानी बरतनी होगी तथा कोविड प्रोटोकॉल की पूर्ण पालना सुनिश्चित करनी होगी। तभी हम तीसरी लहर के प्रकोप से सुरक्षित रह पाएंगे। गहलोत मुख्यमंत्री निवास से वीडियो कॉन्फ्रेंस के जरिए प्रदेश कोविड संक्रमण तथा वैक्सीनेशन की वर्तमान स्थिति की समीक्षा बैठक को संबोधित कर रहे थे। Chief Ministerने कहा कि चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग के अधिकारी यह भी सुनिश्चित करें कि कोविड वैक्सीन की दूसरी डोज लगाते समय वही दवा दी जाए जो पहली डोज के समय दी गई थी। इस संबंध में किसी प्रकार की लापरवाही न हो। उन्होंने कहा कि विभाग इस संबंध में निर्देश जारी कर निचले स्तर तक इसकी क्रियान्विति सुनिश्चित कराए।
शिक्षण संस्थान और बच्चों को लेकर विशेषज्ञों की राय
मुख्यमंत्री ने कहा कि कोविड की दूसरी लहर के बाद बिना लक्षण दिखे (एसिम्प्टोमैटिक) संक्रमित हुए कुछ बच्चों में पोस्ट कोविड लक्षण देखने को मिले हैं। ऎसे मामलों में सतर्क रहने तथा विशेषज्ञों द्वारा इस बीमारी से बचाव के तरीकों के प्रचार-प्रसार पर जोर देने की आवश्यकता है। शिशु रोग विशेषज्ञ (pediatrician) इस बारे में लोगों को जागरूक करें तथा बेहतर उपचार की तैयारी रखें। ऐसे में चिकित्सा विभाग के विशेषज्ञों ने शिक्षण संस्थान खोलने से पूर्व बचाव के समस्त उपाय सुनिश्चित करने की अपील की। डॉ. राजाबाबू पंवार (Dr. Rajababu Panwar), डॉ. सुधीर भंडारी(Dr. Sudhir Bhandari), डॉ. वीरेन्द्र सिंह(Dr. Virendra Singh), डॉ. एमएल गुप्ता (Dr. ML Gupta) सहित अन्य चिकित्सा विशेषज्ञों ने शिक्षण संस्थाओं के संदर्भ में राय व्यक्त की कि केंद्र सरकार की गाइडलाइन, बच्चों के लिए वैक्सीन की उपलब्धता एवं बचाव के समस्त उपायों के साथ ही उन्हें खोलने के संबंध में कोई निर्णय लिया जाना उचित होगा। इन विशेषज्ञों ने बच्चों में कोविड संक्रमण के बाद मल्टी सिस्टम इन्फ्लेमेट्री सिंड्रोम (एमआईएस-सी) के बारे में जानकारी दी। 
प्रदेश में 268 एक्टिव केस
चिकित्सा विभाग के सचिव सिद्धार्थ महाजन ने प्रस्तुतीकरण में बताया कि प्रदेश में अब केवल 268 एक्टिव कोरोना केसेज हैं। जबकि देश भर में एक्टिव रोगियों की संख्या 3 लाख 97 हजार से अधिक हैं। बीते दो सप्ताह में प्रदेश में कोरोना से मृत्यु की संख्या में भी गिरावट आई है। उन्होंने बताया कि राज्य में लगभग 14 प्रतिशत लोगों का दोनों डोज लगने पर वैक्सीनेशन पूर्ण हो चुका है। अब तक कुल 3.13 करोड़ डोज लगाई गई हैं, जिसमें से 2.43 करोड़ पहली डोज के रूप में तथा 69.54 लाख दूसरी डोज के रूप में लगाई गई हैं। इस अवसर पर चिकित्सा एवं स्वास्थ्य मंत्री डॉ. रघु शर्मा, चिकित्सा राज्यमंत्री डॉ. सुभाष गर्ग, मुख्य सचिव निरंजन आर्य, प्रमुख सचिव गृह अभय कुमार सहित अन्य वरिष्ठ अधिकारी भी वीसी के जरिए जुड़े।