Rajasthan विधानसभा गडकरी—आजाद: आमजन अपनी समस्याओं के समाधान के लिए चुने हुए प्रतिनिधि से ही रखता हैं अपेक्षा: आजाद

पूर्व केन्द्रीय मंत्री गुलाम नबी आजाद ने कहा कि संसदीय प्रणाली के सुचारू क्रियान्वयन के लिए जरूरी है कि विधायिका पक्ष और विपक्ष की भूमिका से अलग हटकर अपने कर्तव्यों का निर्वहन करें। उन्होंने कहा कि विपक्ष और सत्ता पक्ष के बीच सौहार्द्रपूर्ण संबंध संसदीय कार्य प्रणाली के आधार स्तम्भ हैं।

जयपुर।
पूर्व केन्द्रीय मंत्री गुलाम नबी आजाद(Ghulam Nabi Azad) ने कहा कि संसदीय प्रणाली के सुचारू क्रियान्वयन के लिए जरूरी है कि विधायिका पक्ष और विपक्ष की भूमिका से अलग हटकर अपने कर्तव्यों का निर्वहन करें। उन्होंने कहा कि विपक्ष और सत्ता पक्ष के बीच सौहार्द्रपूर्ण संबंध संसदीय कार्य प्रणाली के आधार स्तम्भ हैं। उन्होंने कहा कि हमारे देश में विधायिका(Legislature) केवल कानून बनाने की भूमिका तक सीमित नहीं है। लोग अपनी समस्याओं के समाधान के लिए अपने चुने हुए प्रतिनिधि से अपेक्षा रखते हैं। आजाद सोमवार को राज्य विधानसभा में ‘संसदीय प्रणाली और जन अपेक्षाएं‘(Parliamentary System and People's Expectations) विषय पर राष्ट्रमण्डल संसदीय संघ, राजस्थान शाखा द्वारा आयोजित सेमिनार के उद्घाटन सत्र को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि लोकतंत्र की खूबसूरती इसी में है कि पक्ष और विपक्ष विकास के मुद्दों पर मिलकर काम करें। उन्होंने कहा कि विकसित देशों और विकासशील देशों (developed countries and developing countries)में विधायिका से जनता की अपेक्षाओं में जमीन आसमान का अन्तर है। हमारे देश में आम आदमी विधायिका के चुनाव में अपना वोट केवल कानून या नीतियां बनाने के लिए नहीं देता, बल्कि काम और समस्याओं के समाधान के लिए देता है। उन्होंने कहा कि संसदीय प्रणाली तभी सफल होगी जब चुने हुए प्रतिनिधि अपने कर्तव्यों का निर्वहन करें और याद रखें कि जनता ने उन्हें किस अपेक्षा से चुना है। उन्होंने कहा कि विधायक और सांसदों को सदन की गरिमा बनाए रखनी चाहिये और नियमों की जानकारी भी होनी चाहिये। आजाद ने कहा कि सरकार की योजनाओं को जनता तक पहुंचाने और उन योजनाओं के बारे में आमजन को शिक्षित करने की जिम्मेदारी पूरी कर विधायिका एक अच्छे शिक्षक की भूमिका का निर्वहन भी करती है।


समस्याएं सबके साथ, सभी दुखी: गडकरी
राजस्थान विधानसभा(Rajasthan Legislative Assembly) में एक सेमिनार को संबोधित करते हुए केंद्रीय सड़क परिवहन मंत्री नितिन गडकरी(Union Road Transport Minister Nitin Gadkari) ने अपनी पार्टी भाजपा समेत सभी नेताओं पर तंज कसा है। उन्होंने कहा कि समस्या सबके साथ है। हर कोई दुखी है। MLA इसलिए दुखी है कि वे मंत्री नहीं बने। मंत्री बन गए तो इसलिए दुखी हैं कि अच्छा विभाग नहीं मिला और जिन मंत्रियों को अच्छा विभाग मिल गया, वे इसलिए दुखी हैं कि मुख्यमंत्री नहीं बन पाए। मुख्यमंत्री(Chief Minister) इसलिए दुखी हैं कि पता नहीं कब तक पद पर रहेंगे। गडकरी सोमवार को विधानसभा में संसदीय लोकतंत्र और जन अपेक्षाएं विषय पर सेमिनार को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि जाने-माने व्यंग्यकार शरद जोशी (Sharad Joshi) ने लिखा था कि जो राज्यों में काम के नहीं थे, उन्हें दिल्ली भेज दिया। जो दिल्ली में काम के न थे, उन्हें गवर्नर बना दिया और जो वहां भी काम के नहीं थे उन्हें एंबेसडर बना दिया। BJP अध्यक्ष रहते मुझे ऐसा कोई नहीं मिला, जो दुखी न हो। गडकरी ने कहा कि मुझसे पूछा कि आप मजे में कैसे रह लेते हैं। मैंने कहा कि मैं भविष्य की चिंता नहीं करता, जो भविष्य की चिंता नहीं करता वह खुश रहता है। वन डे ​क्रिकेट की तरह खेलते रहो। 

सीपी जोशी ने दिया गुलाम नबी का परिचय
विधानसभा अध्यक्ष और राष्ट्रमण्डल संसदीय संघ, राजस्थान शाखा के अध्यक्ष डॉ. सीपी जोशी(Dr. CP Joshi) ने अपने स्वागत उद्बोधन में कहा कि गुलाम नबी ने साधारण कार्यकर्ता के रूप में अपने राजनैतिक जीवन की शुरुआत की और मुख्यमंत्री से लेकर केन्द्रीय मंत्री सहित अनेक पदों को सुशोभित किया। उन्होंने बताया कि जम्मू और कश्मीर के मुख्यमंत्री रहते हुए  आजाद ने तय समय पर योजनाओं को पूरा करने की मिसाल पेश की, जो अनुकरणीय है। उन्होंने संसदीय लोकतंत्र में जनअपेक्षाओं को विश्लेषित करते हुए कहा कि एक सरपंच, एक विधायक और एक सांसद, सभी से लोगों की अलग अलग तरह की अपेक्षाएं हैं। उन्होंने कहा कि कितनी भी अच्छी नीतियां हों, यदि राज्य और पंचायत स्तर पर यदि उनका क्रियान्वयन नहीं हो तो उनकी कोई उपयोगिता नहीं है। डॉ. जोशी ने कहा कि कोरोना के बाद ग्रामीण इलाकों में और गरीब बच्चों को फिर से शिक्षा से जोड़ना सबसे बड़ी चुनौती है। इस महामारी के बाद जनता की अपेक्षा है कि चिकित्सा और शिक्षा की सुविधाएं सबको सुलभ हों। नेता प्रतिपक्ष गुलाबचंद कटारिया ने कहा कि सत्ता पक्ष का काम विकास कार्यों को जनता तक पहुंचाना और विपक्ष का काम जनता की समस्याओं को सत्ता तक पहुंचाना है। उन्होंने कहा कि पक्ष और विपक्ष मिलकर उस अंतिम व्यक्ति को सशक्त करने का प्रयास करें, जो अब तक भी अभावों में जी रहे हैं। 
आमजन में अधिकारों के प्रति आई चेतना:संयम लोढ़ा
सीपीए की राजस्थान शाखा के सचिव और विधायक संयम लोढ़ा(MLA Sanyam Lodha) ने धन्यवाद ज्ञापित किया। उन्होंने कहा कि राजस्थान विधानसभा के लिए गौरवपूर्ण बात है कि पिछले पौने तीन सालों में एक बार भी ऎसा मौका नहीं आया जब किसी प्रकार के हंगामे के कारण विधानसभा पूरे एक दिन के लिए स्थगित हुई हो। उन्होंने कहा कि आमजन में अपने अधिकारों के प्रति चेतना आई है। वे अब अपनी समस्याओं के समाधान के लिए किसी राजनैतिक दल पर निर्भर नहीं हैं। इस महत्त्वपूर्ण सेमिनार में विधायक, पूर्व विधायक सहित राज्य के सरकारी व निजी विश्वविद्यालयों के कुलपति, वरिष्ठ प्रशासनिक अधिकारीगण, प्रोफेसर्स ने भाग लिया।