Afghanistan में तालिबानी आतंक: तालिबानियों ने पंजशीर इलाके में किया हमला, तालिबानी और नॉर्दन अलायंस के बीच शुरू हुई जंग

अफगानिस्तान में तालिबानी आतंक लगातार बढ़ता जा रहा हैं। इसी बीच पंजशीर इलाके में तालिबानी और नॉर्दन अलायंस के बीच बीती रात एक बार फिर जंग शुरू हो गई। सुरक्षा एजेंसियों के मुताबिक तालिबानियों ने गोलबहार से पंजशीर को जोड़ने वाले पुल को उड़ा दिया।

नई​ दिल्ली।
अफगानिस्तान(Afghanistan) में तालिबानी आतंक लगातार बढ़ता जा रहा हैं। इसी बीच पंजशीर इलाके (Panjshir area)में तालिबानी और नॉर्दन अलायंस के बीच बीती रात एक बार फिर जंग शुरू हो गई। सुरक्षा एजेंसियों के मुताबिक तालिबानियों ने गोलबहार से पंजशीर को जोड़ने वाले पुल को उड़ा दिया। वहीं पंजशीर को परवान प्रांत से जोड़ने वाली मुख्य सड़क को बंद ​कर दिया गया। तालिबानियों ने यहां सड़कों पर कंटेनर डाल कर रास्ता बंद कर दिया। इसी बीच नॉर्दन अलायंस ने दावा किया है कि इस जंग में करीबन 350 से अधिक तालिबानी लड़ाकों को मार दिया गया और भारी मात्रा में उनसे हथियार के साथ वाहन जब्त किए गए है। वहीं दूसरी ओर ऐसी खबरें आ रही है कि नॉर्दन अलायंस ने 40 से ज्यादा तालिबानियों को बंधक बना रखा है। लेकिन इसकी पुष्टि नहीं हुई है। एजेंसियों के मुताबिक परवान प्रांत के जबाल सराज जिले, बगलान प्रांत के अंदराब जिले और खवाक पंजशीर में लड़ाई हुई है। तालिबानी पंजशीर घाटी में घुसने की कोशिश कर रहे हैं, लेकिन विद्रोही लड़ाके उन्हें रोकने में कामयाब रहे हैं। बताया जा रहा है कि बीती रात करीब 11 बजे पंजशीर के मुहाने पर गोलबहार इलाके में लड़ाई शुरू हुई। नॉर्दन अलायंस को इस वक्त अहमद मसूद लीड कर रहे हैं।

अफगानिस्तान में फंसे अमेरिकियों को निकाला सुरक्षित
इन सब के बीच अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडेन ने व्हाइट हाउस में एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में बताया कि वहां फंसे अमेरिकियों को सुरक्षित निकाल लिया गया। फिलहाल वहां पर करीब 100-200 अमेरिकी नागरिक फंसे हुए हैं। फौजों की वापसी के बाद इन फंसे हुए अमेरिकियों को लेकर बाइडेन की आलोचना की जा रही थी। राष्ट्रपति जो बाइडेन से जब सवाल किया गया तो उन्होंने कहा कि जो नागरिक फंसे हुए हैं, उनके पास अफगानिस्तान(Afghanistan) की भी नागरिकता है। पहले इन लोगों ने अपने अफानिस्तानी मूल का हवाला देते हुए वहीं रुकने का फैसला किया था,लेकिन वहां के हालात बदलने के बाद अब वो वहां से निकलना चाहते है। आज के मौजूदा हालात यह है कि वहां जितने भी अमेरिकी(American) थे वो सभी वापस आना चाहते थे, इनमें से 90 फीसदी वापस आ चुके हैं। अब जो वहां है उनके लिए कोई डेड लाइन नहीं हैं, अमेरिकी सरकार उन्हें वापस लाने के लिए प्रतिबद्ध है।

भारत ने तालिबान से की बातचीत
इधर, अफगानिस्तान(Afghanistan) में तालिबानियों के बढ़ते आतंक के बाद भारत(India) ने तालिबान से औपचारिक बातचीत(formal conversation) की। कतर में भारत के राजदूत(Ambassador of India) दीपक मित्तल(Deepak Mittal) ने तालिबान लीडर शेर मोहम्मद अब्बास(Sher Mohammad Abbas) से बातचीत की। अब्बास तालिबान की पॉलिटिकल विंग का हेड है और भारत से उसका पुराना संबंध है। यह मुलाकात दोहा स्थित इंडियन एम्बेसी(Indian Embassy) में हुई। एक बयान जारी कर इस मुलाकात की जानकारी दी गई। वहीं दूसरी ओर ब्रिटेन ने कहा कि वह ISIS-K के ठिकानों पर कभी भी हमला कर सकता है। हाल ही में पेंटागन ने खुलासा किया है कि अफगानिस्तान में इस समय करीब 2 हजार ISIS खुरासान के लड़ाके भी मौजूद हैं। ब्रिटेन के वायु सेना प्रमुख एयर चीफ मार्शल (Air force chief air chief marshal) सर माइक विग्सटन ने सोमवार को बताया था कि ब्रिटेन ISIS-K के खिलाफ कार्रवाई में शामिल हो सकता है। उन्होंने काबुल एयरपोर्ट (Kabul Airport)पर हुए हमले पर शोक व्यक्त करते हुए कहा कि इस दुख के समय में ब्रिटेन(Britain) अपने गठबंधन सहयोगियों के साथ खड़ा है। हम इस आतंकी संगठन के खात्मे के लिए हर संभव प्रयास करेंगे। मीडिया रिपोर्ट(Media report) के मुताबिक ब्रिटेन सरकार के अफसरों ने एयर स्ट्राइक(Air Strike) के लिए लॉजिस्टिक्स की जांच की है। उन्होनें रॉयल एयर फोर्स (RAF) के लड़ाकू विमान के टारगेट, रिफ्यूलिंग और बेस की स्थिति का मुआयना किया है। विग्सटन ने बताया कि हम स्ट्राइक के जरिए, सेना भेजकर या किसी देश के इक्विपमेंट का प्रयोग करके आतंकी संगठन(Terrorist Organization) पर हमला कर सकते हैं।