People for Animals सिरोही की सराहनीय पहल: तस्करी के लेकर जा रहे राज्य पुश को सिरोही की सामाजिक संस्था ने दिया सरंक्षण, 1 माह तक पुलिस ने की सार संभाल
राजस्थान का राज्य पशु एवं राज्य धरोहर ऊंट की तस्करी लगातार बढ़ती जा रही है। राजस्थान से तस्कर बंगाल, बिहार, हैदराबाद राज्यों में ऊंटों की तस्कर कर ले कर जा रहे है। ऐसे में तस्करों से बचाए गए ऊंटों को राजस्थान पुलिस से सिरोही की एक सामाजिक संस्था पीपल फॉर एनिमल्स ने सरंक्षण की जिम्मेदारी लेकर सराहनीय कार्य किया है।
सिरोही।
राजस्थान का राज्य पशु एवं राज्य धरोहर ऊंट की तस्करी लगातार बढ़ती जा रही है। राजस्थान से तस्कर बंगाल, बिहार, हैदराबाद राज्यों में ऊंटों की तस्कर कर ले कर जा रहे है। ऐसे में तस्करों से बचाए गए ऊंटों को राजस्थान पुलिस(Rajasthan Police) से सिरोही की एक सामाजिक संस्था पीपल फॉर एनिमल्स (People for Animals Sirohi) ने सरंक्षण की जिम्मेदारी लेकर सराहनीय कार्य किया है। जानकारी के मुताबिक गत माह 19 जुलाई को पुलिस थाना सिद्धमुख जिला चुरु द्वारा हरियाणा बॉर्डर के हिसार जिले के समीप से पश्चिमी बंगाल वध के लिए लेकर जा रहे ऊंटों को तस्करों से छुड़ाया था। इनके रखरखाव के लिए राजस्थान सरकार एवं अन्य स्वयंसेवी संस्थाओं ने कई बार संपर्क किया गया, लेकिन किसी तरह की जिम्मेदारी किसी ने नहीं उठाई। मजबूरन और राज्य पशु के प्रति जिम्मेदारी मानते हुए चूरू पुलिस ने रुपए एकत्रित कर 1 माह तक तो इनका सार संभाल कर लिया, लेकिन इसके बाद सिरोही की सामाजिक संस्थान से संपर्क किया तो इन्होंने जिम्मेदारी ली।
आर्थिक स्थिति खराब होने के बावजूद संभाली जिम्मेदारी
जिला कलेक्टर चुरु ने पीएफए सचिव अमित दियोल(Amit Deol) को ऊंटों के सरंक्षण लेने के लिए संपर्क किया। संस्थान की वित्तिय स्थिति अच्छी नहीं होेने के चलते एक बार तो सोचना पड़ा, लेकिन राज्य पशु के प्रति प्रेम भाव और स्वयं के सामाजिक स्तर को देखते हुए संस्था ने अधिकारियों ने ऊंटों की जिम्मेदारी संभाली। अमित दियोल का कहना है कि जब पुलिस एक माह तक इनकी जिम्मेदारी संभाल सकती है तो हम भी इन्हें सरंक्षण प्रदान कर सकते है। संस्था के अध्यक्ष भरत भाई संघवी(Bharat Bhai Sanghvi) एवं उपाध्यक्ष पुखराज पी. शाह ने आमजन एवं भामाशाह से निवेदन किया है कि वध से बचाए गए ऊंटों के संरक्षण के लिए आर्थिक सहयोग किया जाए। ताकि सही तरीके से ऊंटों की सेवा , संरक्षण, चारा - पानी , चिकित्सा इत्यादि सुविधा उपलब्ध करवा सकें ।