सिरोही में अफीम तस्करों की जड़े मजबूत: नशे से लड़खड़ाता रेवदर विधानसभा क्षेत्र, बाहरी जिलों के अफीम तस्कर जमा रहे अपना साम्राज्य
जिले की रेवदर तहसील क्षेत्र के रेवदर, मंडार, एंव अनादरा तीनों पुलिस थाना क्षेत्रों में पिछले लंबे समय से नशे का कारोबार मजबूती से अपनी जड़ें जमाने लगा है। काले धंधे और उन धंधों से जुड़े तस्कर दिनों दिन अपने दो नंबर के धंधों और अपने काले साम्राज्य को मजबूती से खड़ा कर रहे हैं।
नरेश दवे
रेवदर, सिरोही।
जिले की रेवदर तहसील क्षेत्र के रेवदर, मंडार, एंव अनादरा तीनों पुलिस थाना क्षेत्रों में पिछले लंबे समय से नशे का कारोबार मजबूती से अपनी जड़ें जमाने लगा है।
काले धंधे और उन धंधों से जुड़े तस्कर दिनों दिन अपने दो नंबर के धंधों और अपने काले साम्राज्य को मजबूती से खड़ा कर रहे हैं।
ग्रामीण अंचलों में हर तरफ काले काम परवान चढ़ने लगे हैं, इसमें बाहरी जिलों के लोग रेवदर तहसील क्षेत्र में अफीम दूध व डोडा पोस्त का व्यापार करते देखे जा रहे है।
राजस्थान में डोडा पोस्त बैन होने के बावजूद धड़ल्ले से बिक रहा है। नशे के शौकीनों को जब चाहे तब एक फोन पर डोडा पोस्त व अफीम का दूध होम डिलिवरी हो रहा है। इन की तादाद में दिनों दिन वृद्धि होती दिखाई दे रही है।
सवाल यह है कि अफीम, डोडा पोस्त एंव स्मैक के हो रहे धंधों से अवैध कारोबार दिनों दिन बिना रोक टोक फल फूल रहा है लेकिन इस पर लगाम लगाने वाला कोई नहीं है।
नशे के आगोश में अधिकांश युवा
अफीम के रस की आदि हुए लोगों में खासकर युवा वर्ग का समावेश अधिक है। यह धंधा पिछले करीब पांच से सात सालों से रेवदर तहसील क्षेत्र में मजबूती से अपनी जड़ें जमा रहा है। पुलिस कार्रवाई में कई आरोपियों की गिरफ्तारी भी हुई, किन्तु इसके बाद भी यह धंधा बंद नहीं हो पा रहा है।
दो दिनों पूर्व ही मंडार पुलिस द्वारा राजस्थान रोडवेज बस में सवार होकर करीब एक करोड़ रुपए की स्मैक लेकर बस में परिवहन करते हुए एक युवक को पकड़ा था।
वही अनादरा पुलिस द्वारा भी 300 ग्राम डोडा चूरे के साथ एक युवक को पकड़ा, लेकिन अफीम के दूध की सप्लाई करने वालों पर पिछले लम्बे समय से कोई कार्रवाई नहीं होना पुलिस की कार्यशैली पर सवाल हैं!
15 हजार में 100 ग्राम अफीम का दूध
रेवदर क्षेत्र में इन दिनों डोडा पोस्त 4000 रुपए प्रति किलो के भाव में बेची जा रही है। वही अफीम का दूध 100 ग्राम का 15 हजार रुपए के भाव में बिक रहा है।
इन दिनों युवा वर्ग को नशे के आदी बनाने में अहम भूमिका जिले में बार से आए तस्करों की है, जो युवा वर्ग को पहले पहले तो शौक रूपी नशा करवाते है। इसके बाद जब युवा नशे का आदि हो जाता है तब उस युवा से नशे के बदले में मोटी रकम मांगी जाती है।
पुलिस इन नशे के कारोबारियों पर नकेल कसने के बजाय मेहरबान बनी हुई नजर आ रही है, जबकि नशे की वजह से ही अधिकतर आपराधिक वारदातें हो रही है।
रेवदर क्षेत्र के होटलों और ढाबों पर अफीम के नशेड़ी
रेवदर क्षेत्र के हाइवे पर बनी होटल—ढाबों व चाय की थड़ियों पर अफीम के नशेड़ियों को देखा जा सकता हैं। बाहरी जिलों के अफीम तस्करों ने अफीम बेचने के लिए लोकल क्षेत्र के युवाओं को भी प्रलोभन देकर अपनी गिरफ्त में ले रखा है।
ये युवा आसपास के गांवों में अफीम सप्लाई करने के लिए कार्य कर रहे हैं। लोकल युवा अपने स्तर पर अफीम के नए नए ग्राहगों को भी लाते हैं।