मालदीव के समुद्र में मिली रेनबो फिश: मालदीव के समुद्र में 200 फीट नीचे इंद्रधनुष के रंग से सजी दुनिया की सबसे रंगीन मछली रेनबो फिश

वैज्ञानिकों ने दुनिया की सबसे रंगीन मंछली की खोज की है। इस मछली की खासियत है इसके इंद्रधनुष के जैसे रंग। फिलहाल इस मछली को रेनबो फिश के नाम से बुलाया जा रहा है। सोशल मीडिया पर यह फिश रेनबो के नाम से काफी मशहूर हो रही है। 

नई दिल्ली, एजेंसी। 
वैज्ञानिकों ने दुनिया की सबसे रंगीन मंछली की खोज की है। इस मछली की खासियत है इसके इंद्रधनुष के जैसे रंग। फिलहाल इस मछली को रेनबो फिश के नाम से बुलाया जा रहा है। सोशल मीडिया पर यह फिश रेनबो के नाम से काफी मशहूर हो रही है। 
वैज्ञानिकों ने इस मछली का नाम रोज वील्ड फेयरी रास रखा है। इस मछली के सुंदर गुलाबी रंग को दर्शाता है। इसका साइंटिफिक नाम सिरहीलेब्रस फिनिफेन्मा बताया जा रहा है। 
फिनिफेन्मा का मतलब गुलाब होता है। मालदीव के राजकीय फूल पिंक गुलाब को सम्मान देने के लिए यह नाम रखा गया है। 
राष्ट्रीय समुद्री और वायुमंडलीय संचालन के अनुसार रेनबो फिश पश्चिमी हिंद महासागर में पाई जाती है। यह समुद्र की गहराई में मिलने वाले कोरल रीफ के बीच रहती है।


वैज्ञानिकों को यह मछली 229 फीट तक की गहराई में तैरती पाई गई।
अनुसंधानकर्ता के मुताबिक मेल तथा फीमेल रेनबो फिश के रंग में अंतर पाया गया है। मेल फिश में ज्यादा नारंगी, मैजेंटा तथा पीला रंग शामिल है, 
जबकि फीमेल फिश में लाल, गुलाबी तथा नीला रंग अधिक बताया गया। 
वैज्ञानिकों ने हाल ही में रेनबो फिश पर अनुसंधान किया था। इसमें मालूम चला कि 1990 में इसे खोजा गया था, लेकिन रंगों में कंफ्यूजन होने के चलते इसकी प्रजाति को रेड वेलवेट फेयरी रास फिश समझ लिया गया।
 रेड वेलवेट भी एक रंगीन मछली है, ये भी पश्चिमी हिंद महासागर में पाई जाती है। रिसर्च में दोनों प्रजातियों का डीएनए टेस्ट किया गया। इसकी शा​रीरिक संरचना तथा रंगों में भी अंतर है। 
मालदीव मरीन रिसर्च इंस्टीट्यूट  के बायोलॉजिस्ट अहमद नजीब के मुताबिक उनके देश में मछलियों की करीबन एक हजार से अधिक प्रजातियां पाई जाती हैं, लेकिन पहली बार स्वदेशी वैज्ञानिकों ने किसी प्रजाति की खोज की।