Sports Day @ पीएम की मन की बात: खेल दिवस पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने देश का किया संबोधित, सब खेलें, सब खिलें का दिया नारा

भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रविवार को मन की बात कार्यक्रम के माध्यम से देश का संबोधित किया। इस दौरान पीएम मोदी ने खेल दिवस, खेलों और खासकर हॉकी की चर्चा करते हुए मेजर ध्यानचंद को याद किया। पीएम मोदी ने आज एक नारा भी दिया कि सब खेेलें, सब खिलें।

नई दिल्ली। 
भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी(Prime Minister Narendra Modi) ने रविवार को मन की बात(man kee baat) कार्यक्रम के माध्यम से देश का संबोधित किया। इस दौरान पीएम मोदी ने खेल दिवस, खेलों और खासकर हॉकी की चर्चा करते हुए मेजर ध्यानचंद को याद किया।PM मोदी ने आज एक नारा भी दिया कि सब खेेलें, सब खिलें। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने टोक्यो ओलिंपिक की चर्चा करते हुए कहा कि टोक्यो ओलिंपिक (Tokyo Olympics) में मिले पदक ने देश के घर घर में खेलों पर चर्चा शुरू कर दी। आज मेजर ध्यानचंद जयंती(Major Dhyan Chand Jayanti) है। मुझे लग रहा है कि ध्यानचंद जी की आत्मा जहां होगी वहां प्रसन्न होगी। दुनिया में भारत की हॉकी का डंका बजाने का काम ध्यानचंद की हॉकी ने ही किया था। इसके 4 दशक बाद भारत के बेटे और बेटियों ने हॉकी में जान भर दी। देश को कितने ही मेडल मिल जाएं, हॉकी का मेडल मिलने के बाद ही भारतीय आनंद लेता है। इस बार पदक मिला। PM मोदी ने कहा कि आज का युवा वर्ग अलग करना चाहता है। वो बने बनाए रास्ते पर नहीं चलना चाहता है, नए रास्तों पर चलना चाहता है। उसकी मंजिल, राह और चाह नई है। प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि आज देश के छोटे शहरों में भी स्टार्टअप कल्चर का विस्तार हो रहा है। देश का युवा रिस्क लेने को तैयार है। देश का युवा मन अब सर्वश्रेष्ठ की तरफ केंद्रित कर रहा है, वो सर्वोत्तम करना चाहता है। PM मोदी ने कृष्ण जन्माष्टमी पर भी चर्चा करते हुए अपना अनुभव शेयर किया। प्रधानमंत्री Modi ने कहा कि दुनिया के लोग भारत के आध्यात्म से जुड़े हुए हैं तो हमें भी इसे आगे ले जाना है। हम पर्व मनाएं और उसकी वैज्ञानकिता, संदेश और संस्कार को समझें। हम इसे जिएं और आने वाली पीढ़ियों के लिए इस विरासत को बढ़ाएं।

देश की नई पीढ़ी को हमारी संस्कृति सौंपना हमारा कर्तव्य
PM मोदी ने कहा कि संस्कृत हमारी संस्कृति में हैं। आयरलैंड(Ireland) के एडवर्ड संस्कृत(Sanskrit) के शिक्षक हैं और बच्चों को संस्कृत पढ़ाते हैं, डॉक्टर चिरापद और डॉक्टर सुषमा थाईलैंड में संस्कृत भाषा(Sanskrit language) का प्रचार कर रहे हैं। रशिया में श्रीमान बोरिस(Boris) मॉस्को में संस्कृत पढ़ाते हैं और कई किताबों का अनुवाद किया है। सिडनी संस्कृत स्कूल(Sydney Sanskrit School) में बच्चों को संस्कृत पढ़ाई जाती है। इन प्रयासों से संस्कृत को लेकर जागरूकता आई है। नई पीढ़ी को विरासत सौंपना हमारा कर्तव्य है और भा‌वी पीढ़ियों (Future Generations)का ये हक भी है।