टोक्यो ओलिंपिक्स में खेलने की शर्त: ओलिंपिक्स में दर्शकों की एंट्री पर ही खेलेंगे दुनिया के नंबर 1 टेनिक प्लेयर नोवाक जोकोविच
दुनिया के नंबर-1 टेनिस प्लेयर नोवाक जोकोविच ने टोक्यो ओलिंपिक्स में खेलने को लेकर अपनी शर्त रख दी है। उन्होंने कहा है कि वे ओलिंपिक 2021 में तभी हिस्सा लेंगे, जब उसमें दर्शकों को एंट्री की परमिशन दी जाएगी।
नई दिल्ली।
टोक्यो ओलिंपिक्स (Tokyo Olympics) के आयोजन को लेकर अब एक बार फिर से विवाद गहराने लगा है। अब खिलाडिय़ों ने ओलिंपिक्स आयोजकों के सामने शर्तें रख दी है। आप को बता दें कि दुनिया के नंबर-1 टेनिस प्लेयर नोवाक जोकोविच (Novak Djokovic) ने टोक्यो ओलिंपिक्स में खेलने को लेकर अपनी शर्त रख दी है। उन्होंने कहा है कि वे ओलिंपिक 2021 में तभी हिस्सा लेंगे, जब उसमें दर्शकों को एंट्री (Audience entry) की परमिशन दी जाएगी। जबकि ओलिंपिक कमेटी और आयोजकों ने हाल ही में बंद स्टेडियम में खेल कराने के लिए ऐलान किया था। इसके विपरीत स्थानीय लोग और डॉक्टर्स इसे रद्द करने की मांग कर रहे हैं। ओलिंपिक 23 जुलाई से 8 अगस्त तक आयोजित होगा। इसके बाद 24 अगस्त से पैरालिंपिक गेम्स की शुरुआत होगी।
एंट्री नहीं तो खेलने पर करूंगा विचार
जोकोविच (Djokovic) ने कहा कि मैं ओलिंपिक में खेलने पर विचार तभी करूंगा, जब इसमें फैन्स को एंट्री मिलेगी। अगर नहीं, तो इस पर दोबारा विचार करूंगा। जोकोविच अकेले टेनिस स्टार नहीं हैं, जिन्होंने कोरोना के समय में ओलिंपिक कराने को लेकर चिंता जाहिर की है। इससे पहले सेरेना विलियम्स (Serena Williams) , नाओमी ओसाका (Naomi Osaka), राफेल नडाल (Rafael Nadal) और रोजर फेडरर (Roger Federer) भी नाराजगी जता चुके हैं। इन सभी ने कहा है कि उन्होंने अभी तक ओलिंपिक में हिस्सा लेने के बारे में नहीं सोचा है। जोकोविच ने यह बयान बेलग्रेड टूर्नामेंट के दौरान दिया। वे इस टूर्नामेंट के सेमीफाइनल में पहुंच चुके हैं। गुरुवार को उन्होंने फेडरिको कोरिया को 6-1, 6-0 से हराया। सभी टेनिस प्लेयर फिलहाल साल के दूसरे ग्रैंड स्लैम फ्रेंच ओपन की तैयारियों में जुटे हुए हैं। फ्रेंच ओपन की शुरुआत 30 मई से होगी। जोकोविच ने साल के पहले ग्रैंड स्लैम ऑस्ट्रेलियन ओपन को रिकॉर्ड 9वीं बार अपने नाम किया था। आप को बता दें कि जापान के एक मेडिकल इंस्टीट्यूट के डॉक्टर नाओतो उएयामा ने गुरुवार को ऑर्गेनाइजर्स को चेतावनी भी दी। उन्होंने कहा कि 2 महीने के अंदर ओलिंपिक हुआ तो इससे जापान में कोरोना दोगुना गति से फैल सकता है। इससे हालात कितने भयावह होंगे ये बता पाना मुश्किल है।