फर्जी जीएसटी बिलों का घोटाला: जीएसटी की एंटी ईवेजन टीम ने उजागर किया 44 करोड़ का फर्जी बिल घोटाला
राजधानी जयपुर में पंजीकृत फर्मों पर स्टेट जीएसटी टीम ने कार्रवाई करते हुए 44 60 करोड़ रुपए का घोटाला उजागर किया है। टीमों ने जयपुर में जीएसटी पंजीकृत छह करदाता फर्मों मैसर्स रोयल एक्सपोर्ट रोयल एन्टरप्राईजेज, एशिया बिटुमिन प्रोडक्ट, मूंजा ट्रेडर्स, श्री एन्टर प्राईजेज एवं श्रीगणेश ट्रेडर्स के जांच की।
जयपुर।
राजधानी जयपुर में पंजीकृत फर्मों पर स्टेट जीएसटी टीम ने कार्रवाई करते हुए 44 60 करोड़ रुपए का घोटाला उजागर किया है। मुख्य आयुक्त अभिषेक भगोतिया के निर्देशन में अतिरिक्त आयुक्त, जयपुर जोन-प्रथम विनोद कुमार पुरोहित ने जयपुर में पंजीकृत फर्मों पर कार्रवाई करते हुए 44.60 करोड़ रुपए के फर्जी जीएसटी बिलों का घोटाला उजागर किया है। पुरोहित ने बताया कि राज्य जीएसटी एंटी ईवेजन जयपुर जोन-प्रथम के उपायुक्त अनिल दाधीच ने ऑनलाईन डाटा विश्लेषण एवं फील्ड रिपोर्ट के आधार पर सहायक आयुक्त रवि प्रकाश शर्मा, विनोद कुमार गुप्ता एवं प्रवीण कुमार मीणा तथा राज्य कर अधिकारी महेश यादव, पवन शर्मा एवं हेमन्त कुमार शर्मा की दो टीमें गठित की थी।
इन टीमों ने जयपुर में जीएसटी पंजीकृत छह करदाता फर्मों मैसर्स रोयल एक्सपोर्ट रोयल एन्टरप्राईजेज, एशिया बिटुमिन प्रोडक्ट, मूंजा ट्रेडर्स, श्री एन्टर प्राईजेज एवं श्रीगणेश ट्रेडर्स के यहां सर्वेक्षण एवं जांच कार्यवाही की। उक्त फर्म के घोषित पतों पर कारोबार स्थल एवं व्यावसायिक गतिविधियाँ अस्तित्व में नहीं पाई गई। इसके साथ ही फर्मों द्वारा कारोबार स्थल के मालिक का फर्जी व कूटरचित सहमति/अनापत्ति प्रमाण-पत्र व विद्युत बिल प्रस्तुत कर जीएसटी पंजीकरण प्राप्त किया जाना पाया गया। विभाग द्वारा जाँच में पता चला की उक्त फर्मों द्वारा राज्य के बाहर हरियाणा, दिल्ली एवं पश्चिमी बंगाल में स्थित पंजीकृत करदाताओं को माल की आपूर्ति के बिना बिटुमिन एवं कॉपर स्क्रेप आदि के 44.60 करोड़ रुपए से अधिक राशि के फर्जी इन्वॉयस जारी कर कुल राशि 7.73 करोड़ रुपए की फर्जी आईटीसी (आगत कर) अग्रेषित करने का घोटाला पाया गया है। उक्त फर्मों की जांच के अनुक्रम में एक अन्य फर्म मैसर्स सुनील ऎन्टरप्राईजेज भी अस्तित्वहीन पाई गई है। इसके द्वारा लगभग 10 करोड़ रुपए के फर्जी इन्वॉयस जारी किए जाकर 1.80 करोड़ रूपए की फर्जी आईटीसी (आगत कर) अग्रेषित की गई है। विभाग द्वारा उक्त बोगस फर्मों का पंजीयन निरस्त करने तथा अग्रेषित आईटीसी (आगत कर) की वसूली के क्रम में आवश्यक विधिक एवं दंड कार्रवाई नियमानुसार अमल में लाई जा रही है।