आर्थिक सुधार सलाहकार परिषद की बैठक: मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने आर्थिक असमानता पर व्यक्त की चिंता, कहा आम आदमी की आय बढ़ाना आवश्यक

मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कहा कि आर्थिक मंदी, नोटबंदी, जीएसटी की कठिनाइयों के साथ ही विगत दो वर्षों से कोविड जनित परिस्थितियों के कारण देश-प्रदेश की अर्थव्यवस्था पर प्रभावित हुई है। ऐसे में आर्थिक गतिविधियों को तेजी से बढ़ाने और रोजगार के अधिकाधिक अवसर सृजित करने के लिए ‘आउट ऑफ द बॉक्स‘ सोचने की जरूरत है।

जयपुर।
मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कहा कि आर्थिक मंदी, नोटबंदी, जीएसटी की कठिनाइयों के साथ ही विगत दो वर्षों से कोविड जनित परिस्थितियों के कारण देश-प्रदेश की अर्थव्यवस्था पर प्रभावित हुई है।
ऐसे में आर्थिक गतिविधियों को तेजी से बढ़ाने और रोजगार के अधिकाधिक अवसर सृजित करने के लिए ‘आउट ऑफ द बॉक्स‘ सोचने की जरूरत है।
सीएम ने कहा कि प्रदेश की अर्थव्यवस्था को ऊंचाइयों पर ले जाने के लिए नए क्षेत्रों पर फोकस कर नई सोच के साथ काम करना होगा। 
गहलोत शनिवार को मुख्यमंत्री निवास पर वीसी के माध्यम से आयोजित मुख्यमंत्री राजस्थान आर्थिक सुधार सलाहकार परिषद की तीसरी बैठक को संबोधित कर रहे थे।
उन्होंने कहा कि देश में बढ़ती आर्थिक असमानता, रोजगार के अवसरों में कमी, बढ़ती महंगाई एवं आर्थिक गतिविधियों में मंदी चिंता का विषय है।


रोजगार को लेकर कई स्थानों पर आंदोलन हो रहे हैं। देशभर में तनाव और हिंसा का माहौल बन रहा है। इन मुश्किल हालातों में केंद्र और राज्य सरकारों को यह सुनिश्चित करना होगा कि आम आदमी की आय बढे़, अमीरी-गरीबी की खाई कम हो और अर्थ तंत्र मजबूत हो। 
मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश में कई ऐसे क्षेत्र हैं, जिनमें योजनाबद्ध तरीके से काम कर रोजगार के अवसर सृजित किए जा सकते हैं। राजस्थान की सांस्कृतिक और ऐतिहासिक विरासत को देखते हुए यहां पर्यटन के क्षेत्र में अपार संभावनाएं मौजूद हैं। 
इस क्षेत्र में प्रदेश में बेहतर योजना के साथ काम किया जा सकता है। इसके साथ ही यह भी ध्यान रखना जरूरी है कि विकास यात्रा में गांव भी पीछे नहीं छूटें, क्योंकि अर्थव्यवस्था में ग्रामीण क्षेत्र का बड़ा योगदान है।    
मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार ने इस वर्ष के बजट में हर क्षेत्र में विकास के लिए विशेष प्रावधान किए हैं। कर्मचारियों एवं उनके परिवारों का भविष्य सुरक्षित करने की दृष्टि से पूर्व पेंशन योजना लागू करने की ऐतिहासिक घोषणा की है। 
इस फैसले की देशभर में चर्चा हो रही है। 
कृषि मंत्री लालचंद कटारिया ने कहा कि राजस्थान में कृषि के लिए पानी की उपलब्धता बढ़ाने पर जोर देना होगा। इसके लिए नहरी क्षेत्रों में ड्रिप इरीगेशन को बढ़ाना होगा, ताकि बचने वाले नहरी जल का उपयोग अन्य क्षेत्रों में हो सके। 
उन्होंने कहा कि ऑर्गेनिक खेती को बढ़ावा देने के लिए नीतिगत निर्णय लेकर काम करना होगा, ताकि किसानों को उनकी पैदावार का उचित मूल्य मिल सके। 
चिकित्सा एवं स्वास्थ्य मंत्री परसादी लाल मीणा ने कहा कि विगत तीन वर्षों में प्रदेश में स्वास्थ्य सुविधाओं के विस्तार को लेकर अभूतपूर्व काम हुआ है। हमारा प्रयास है कि सीएचसी एवं पीएचसी स्तर तक बेहतरीन चिकित्सा सुविधाएं उपलब्ध हों। इस अवसर पर परिषद के सदस्य और मंत्रिमंडल के सदस्य उपस्थित थे।