Drinking Water @ जल ​जीवन मिशन योजना: केंद्र ने जल जीवन मिशन के तहत राजस्थान के लिए 1816 करोड़ रुपए की पेयजल योजनाओं को दी मंजूरी

राज्य स्तरीय योजना स्वीकृति समिति (एसएलएसएससी) की बैठक में राजस्थान के लिए 1,816 करोड़ रुपए की पेयजल आपूर्ति योजनाओं को मंजूरी दी गई। इन योजनाओं के तहत राज्य के 20 जिलों के 2,348 गांवों में नल जल कनेक्शन प्रदान किया जाएगा।

नई दिल्ली, एजेंसी। 
राज्य स्तरीय योजना स्वीकृति समिति (एसएलएसएससी) की बैठक में राजस्थान के लिए 1,816 करोड़ रुपए की पेयजल आपूर्ति योजनाओं को मंजूरी दी गई। इन योजनाओं के तहत राज्य के 20 जिलों के 2,348 गांवों में नल जल कनेक्शन प्रदान किया जाएगा। इनके जरिए 3.8 लाख से अधिक ग्रामीण परिवारों को नल जल कनेक्शन प्रदान किया जाएगा। इस समिति ने राज्य से सौर-ऊर्जा आधारित योजनाओं के उपयोग पर विचार करने का अनुरोध किया। वहीं जल आपूर्ति विभाग राज्य में भूजल स्रोतों की स्थिरता सुनिश्चित करने के लिए सामुदायिक टैंकों पर काम रहा है। जल जीवन मिशन (जेजेएम) के तहत ग्रामीण परिवारों को नल जल की आपूर्ति प्रदान करने से संबंधित योजनाओं पर विचार करने और मंजूर करने के लिए राज्य स्तरीय योजना स्वीकृति समिति (एसएलएसएससी) के गठन का प्रावधान है। एसएलएसएससी, जल आपूर्ति योजनाओं/परियोजनाओं पर विचार करने के लिए एक राज्य स्तरीय समिति के रूप में कार्य करती है। इस समिति में भारत सरकार के राष्ट्रीय जल जीवन मिशन (एनजेजेएम) से एक व्यक्ति को सदस्य के रूप में मनोनीत किया जाता है। हर घर में स्वच्छ नल जल की आपूर्ति सुनिश्चित करने और महिलाओं व लड़कियों को घर से अधिक दूर जाकर वहां से पानी लाने के कष्ट से मुक्त करने के प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की सोच को साकार करने के लिए 2021-22 के दौरान राजस्थान को अनुदान सहायता के रूप में 10,180.50करोड़ रुपये जारी किए गए हैं। 
2020—21 में 2522 करोड़ रुपए किए आवंटित 
केंद्र की ओर से 2020-21 में राज्य में जल जीवन मिशन के कार्यान्वयन के लिए 2,522.03 करोड़ रुपये आवंटित किए थे। इस साल केंद्रीय मंत्री गजेन्द्र सिंह शेखावत ने केंद्रीय आवंटन को चार गुना बढ़ा दिया है। केन्द्रीय मंत्री जल शक्ति ने कई गुना बढ़ोतरी को मंजूरी देते हुए 2024 तक प्रत्येक ग्रामीण परिवार में नल जल की आपूर्ति की सुविधा प्रदान करने के लिए राज्य को पूरी सहायता करने का आश्वासन दिया था। 15 अगस्त 2019 को जब जल जीवन मिशन की शुरुआत की गई थी, उस समय केवल 11.74लाख (11.59 फीसदी) परिवारों के पास नल के जरिए पेयजल आपूर्ति की सुविधा थी। इसके बाद पिछले 27 महीनों में कोविड-19 महामारी और लॉकडाउन के दौरान उत्पन्न बाधाओं का सामना करने के बावजूद राज्य ने 9.88लाख (9.75फीसदी) परिवारों को नल जल कनेक्शन प्रदान किया है। अब तक राज्य के 1.01 करोड़ ग्रामीण परिवारों में से 21.62 लाख (21.34 फीसदी) को उनके घरों में नल जल की आपूर्ति हो रही है। वहीं, राज्य की योजना 2021-22 में 30 लाख ग्रामीण परिवारों को नल जल की आपूर्ति प्रदान करने की है।
30 लाख ग्रामीण परिवारों को नल जल की आपूति 
राष्ट्रीय जल जीवन मिशन ने जेजेएम के कार्यान्वयन की गति में तेजी लाने के लिए राज्य से इस साल 30 लाख ग्रामीण परिवारों को नल जल की आपूर्ति प्रदान करने के लिए जरूरी कदम उठाने का अनुरोध किया है। 2021-22 में केंद्रीय आवंटन के रूप में 10,180.50करोड़ रुपये और राज्य सरकार के पास उपलब्ध ओपनिंग बैलेंस (खर्च नहीं की गई रकम) के रूप मे 863.53 करोड़ रुपये के अलावा, राज्य का 2021-22 के मिलान हिस्से और पिछले वर्षों में मिलान हिस्से में कमी के साथ राजस्थान के पास जेजेएम के कार्यान्वयन के लिए उपलब्ध कुल 21,830.73 करोड़ रुपये की निश्चित निधि है। इस तरह भारत सरकार यह सुनिश्चित कर रही है कि राजस्थान में इस परिवर्तनकारी मिशन के कार्यान्वयन के लिए निधि की कमी न हो। जल जीवन मिशन के तहत राज्य के जल की गुणवत्ता प्रभावित बसावटों, आकांक्षी व जेई/एईएस प्रभावित जिलों, अनुसूचित जाति/जनजाति बहुल गांवों और एसएजीवाई गांवों को प्राथमिकता दी जाती है। 'सबका साथ, सबका विकास, सबका विश्वास और सबका प्रयास' के अनुरूप काम करते हुए, जल जीवन मिशन का आदर्श वाक्य 'कोई भी छूटा नहीं' है और इसका उद्देश्य पीने योग्य नल जल आपूर्ति की सार्वभौमिक पहुंच सुनिश्चित करना है।