Covaccine को WHO की मंजूरी का इंतजार: भारत बायोटेक की कोवै​क्सिन को जल्द मिल सकती है डब्ल्यूएचओ से मंजूरी,78 फीसदी कारगर है टीका

विश्व स्वास्थ्य संगठन की ओर से इसी सप्ताह भारत की स्वदेशी कोरोना टीके को मंजूरी दे सकता है। भारत में तैयार कोवैक्सिन को मंजूरी मिलने के बाद दुनिया के कई देशों को इसका सीधा लाभ मिलेगा। कोवैक्सिन का प्रोडक्शन हैदराबाद की कंपनी भारत बायोटेक कर रहा है।

नई दिल्ली, एजेंसी।
विश्व स्वास्थ्य संगठन(World Health Organization) की ओर से इसी सप्ताह भारत की स्वदेशी कोरोना टीके को मंजूरी दे सकता है। भारत में तैयार कोवैक्सिन(Covaxin) को मंजूरी मिलने के बाद दुनिया के कई देशों को इसका सीधा लाभ मिलेगा। कोवैक्सिन का प्रोडक्शन हैदराबाद की कंपनी भारत बायोटेक(Bharat Biotech) कर रहा है। कोवैक्सिन को अब तक WHO की मंजूरी नहीं मिलने से लोगों को विदेशी यात्रा करने में परेशानी हो रही थी। अब WHO की मंजूरी मिलने के बाद कंपनी इस वैक्सीन को आसानी से दुनियाभर में एक्सपोर्ट(export) कर पाएगी। भारत बायोटेक कंपनी(Bharat Biotech Company) ने  डब्ल्यूएचओ जिनेवा(WHO Geneva) में कोवैक्सिन को मंजूरी के लिए एक्लीकेशन दी थी। वैसे बायोटेक की कोवैक्सिन को अब तक 13 देशों में मंजूरी मिल चुकी हैं।
78 प्रतिशत तक कारगर कोवैक्सिन 
हेल्थ विशेषज्ञों के मुताबिक कोवैक्सिन को भारत बायोटेक (Bharat Biotech) और इंडियन काउंसिल ऑफ मेडिकल रिसर्च (ICMR) ने मिलकर बनाया है। कोवैक्सिन के फेज-3 क्लिनिकल ट्रायल्स(Clinical Trials) के बाद इसकी कंपनी ने दावा किया था कि इस वैक्सीन की क्लिनिकल एफिएसी(Efficiency) 78 प्रतिशत तक है। यानी यह कोरोना इन्फेक्शन(Corona Infection) को रोकने में 78 प्रतिशत तक कारगर है। इस वैक्सीन की अच्छी बात यह है कि इस वैक्सीन को लगाने वाले लोगों में किसी में भी गंभीर लक्षण नहीं दिखे। यानी गंभीर लक्षणों को रोकने के मामले में इसकी इफेक्टिवनेस 100 प्रतिशत तक है। ICMR ने दावा किया है कि यह वैक्सीन कोरोना के सभी तरह के वैरिएंट्स(Corona Variants) में कारगर है। इसका सीधा सा अर्थ है कि यूके, ब्राजील और दक्षिणी अफ्रीकी वैरिएंट्स के साथ डबल म्यूटेंट वैरिएंट(Double mutant variant) पर यह वैक्सीन कारगर है। स्वास्थ्य विशेषज्ञों के मुताबिक WHO की इमरजेंसी यूज लिस्टिंग में महामारी जैसी पब्लिक हेल्थ इमरजेंसी में हेल्थ प्रोडक्ट की सेफ्टी और इफेक्टिवनेस की जांच की जाती है। WHO ने फाइजर(pfizer) की वैक्सीन को 31 दिसंबर 2020 को, ऑक्सफोर्ड-एस्ट्राजेनेका(Oxford-AstraZeneca) की वैक्सीन को 15 फरवरी 2021 को और जॉनसन एंड जॉनसन (Johnson and Johnson) की वैक्सीन को 12 मार्च को इमरजेंसी यूज अप्रूवल दिया था। ऐसे में WHO के मुताबिक इमरजेंसी स्थिति को देखते हुए जल्द से जल्द दवा, वैक्सीन और डायग्नोस्टिक टूल्स विकसित करना और अप्रूव करना जरूरी है। वह भी सेफ्टी, एफिकेसी और क्वालिटी(Safety, Efficiency and Quality) के मानकों पर खरा रहते हुए। यह असेसमेंट महामारी के दौरान व्यापक स्तर पर लोगों के लिए इन प्रोडक्ट्स की उपयोगिता सुनिश्चित करता है।