Rajasthan @ बिजली संकट में उत्पादन : राजस्थान में बिजली संकट के बीच कालीसिंध और कोटा तापीय विद्युत गृहों से 795 मेगावाट उत्पादन शुरू

राज्य में पिछले दो दिनों में 795 मेगावाट विद्युत क्षमता के कालीसिंध एवं कोटा तापीय विद्युत गृहोेंं में बिजली का उत्पादन आरंभ हो गया है। अतिरिक्त मुख्य सचिव एनर्जी डॉ. सुबोध अग्रवाल ने सोमवार को एक बार फिर संदेश भेजकर केन्द्रीय कोयला सचिव अनिल जैन से प्रदेश में कोल इंडिया से कोयला की आपूर्ति बढ़ाने की मांग की है।

जयपुर।
राज्य में पिछले दो दिनों में 795 मेगावाट विद्युत क्षमता के कालीसिंध एवं कोटा तापीय विद्युत गृहोेंं(Kota Thermal Power Stations) में बिजली का उत्पादन आरंभ हो गया है। अतिरिक्त मुख्य सचिव एनर्जी डॉ. सुबोध अग्रवाल (Dr. Subodh Agarwal)ने सोमवार को एक बार फिर संदेश भेजकर केन्द्रीय कोयला सचिव अनिल जैन से प्रदेश में कोल इंडिया से कोयला की आपूर्ति बढ़ाने की मांग की है। उन्होेंने बताया कि कोल इंडिया से राजस्थान को करीब साढ़े ग्यारह रेक प्रतिदिन उपलब्ध करानी है जबकि अभी कोल इंडिया की अनुषंगी इकाई से 5 रेक ही डिस्पेच हो रही है। अतिरिक्त मुख्य सचिव डॉ. अग्रवाल ने सोमवार को जयपुर में अवकाश के दिन भी विद्युत भवन में विद्युत उत्पादन निगम(power generation corporation), प्रसारण निगम व उर्जा विकास निगम के उच्च अधिकारियों के साथ विस्तार से समीक्षा की। डॉ. अग्रवाल ने बताया कि मुख्यमंत्री अशोक गहलोत(Chief Minister Ashok Gehlot) राज्य में विद्युत संकट की स्थिति की निरंतर समीक्षा कर रहे हैं और उसी का परिणाम है कि स्थिति में सुधार होने लगा है। पर कोल इंडिया की अनुषंगी इकाइयोें से आपूर्ति अभी नहीं बढ पाई है। डॉ. अग्रवाल ने बताया कि उच्च स्तरीय प्रयासों से अब प्रदेश में 15 से 16 रेक डिस्पेच होने लगी है जबकि इससे पहले कम मात्रा में रेक डिस्पेच हो रही थी। उन्होंने बताया कि 10 अक्टूबर को कोल इंडिया की अनुषंगी इकाई एनसीएल से 4 और एसईसीएल से एक ही रेक डिस्पेच हुई है वहीं विद्युत उत्पादन निगम व अडानी के संयुक्त उपकर्म से अधिक रेक प्राप्त होने लगी है। 10 अक्टूबर को उत्पादन निगम के कोल ब्लाक से 11 रेक डिस्पेच हुई है। इस तरह से 10 अक्टूबर को कुल 16 रेक डिस्पेच हुई है जबकि इससे पहले दिन 15 और इससे पहले इससे भी कम रेक आ रही थी। राज्य में सभी तापीय इकाइयोें के लिए कोयला की करीब 21 रेक प्रतिदिन की आवश्यकता है। एसीएस डॉ. अग्रवाल ने बताया कि राज्य में 9317 मेगावाट की उपलब्धता रही है वहीं 10683 मेगावाट की औसत मांग व 12200 मेगावाट की अधिकतम औसत मांग रही है। उन्होंने बताया कि रोस्टर के आधार पर फीडरों से विद्युत कटौती की जा रही है। राजस्थान विद्युत उत्पादन निगम(Rajasthan Electricity Generation Corporation) के सीएमडी आरके शर्मा ने बताया कि राज्य में दो इकाइयों मेेंं विद्युत का उत्पादन आरंभ कर दिया गया है और कोयला की आपूर्ति समन्वय के लिए विभाग के एक अधिकारी को सिंगरोली एवं दो अधिकारियों को बिलासपुर से समन्वय व रेक डिस्पेच के लिए समन्वय बनाए हुए हैं। बैठक में उर्जा विकास निगम के मुख्य अभियंता मुकेश बंसल, उत्पादन निगम के पीएस सक्सैना व अन्य वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे।