गुजरात में महात्मा गांधी का भित्ति चित्र: Gujarat में अहमदाबाद में साबरमती रिवरफ्रंट पर मिट्टी के कुल्हड़ों से राष्ट्रपिता महात्मा गांधी का तैयार किया भित्ति चित्र

केन्द्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने आज गुजरात के अहमदाबाद में साबरमती रिवरफ्रंट पर मिट्टी के कुल्हड़ों से बने राष्ट्रपिता महात्मा गांधी के भित्ति चित्र का अनावरण किया।

नई दिल्ली, एजेंसी।
केन्द्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने आज गुजरात के अहमदाबाद में साबरमती रिवरफ्रंट पर मिट्टी के कुल्हड़ों से बने राष्ट्रपिता महात्मा गांधी के भित्ति चित्र का अनावरण किया। इस दौरान अमित शाह ने प्रशिक्षित कुम्हारों और मधुमक्खी पालकों को 200 इलेक्ट्रिक पॉटर व्हील और 400 मधुमक्खी बक्से भी वितरित किए।
भारत के स्वतंत्रता के 75वें वर्ष में राष्ट्रपिता महात्मा गांधी की 74वीं शहीदी दिवस पर उन्हें श्रद्धांजलि देने के लिए खादी और ग्रामोद्योग आयोग (केवीआईसी) द्वारा ये भित्ति चित्र तैयार किया गया है।
खादी और ग्रामोद्योग की ओर से 2975 लाल रंग की ग्लेज्ड मिट्टी के कुल्हड़ों से दीवार पर बना 100 वर्ग मीटर भित्ति चित्र भारत में अपनी तरह का केवल दूसरा और गुजरात में पहला है।
स्मारक भित्ति चित्र देशभर से एकत्र की गई मिट्टी से बनाया गया है, वहीं इसमें इस्तेमाल किए गए कुल्हड़ KVIC द्वारा "कुम्हार सशक्तिकरण योजना" के तहत प्रशिक्षित 75 कुम्हारों द्वारा बनाए गए हैं। 
इस अवसर पर केन्‍द्रीय सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम मंत्री नारायण राणे, केन्‍द्रीय सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम राज्य मंत्री भानु प्रताप सिंह वर्मा और गुजरात के मुख्यमंत्री भूपेन्द्र पटेल समेत अनेक गणमान्य व्यक्ति भी मौजूद थे।


मिट्टी के कुल्हड़ों से तैयार भित्ति चित्र से श्रद्धांजलि
अमित शाह ने कहा कि आज 30 जनवरी बापू का भी स्मृति दिन है, इसीलिए 30 जनवरी को 1857 से लेकर 1947 तक आज़ादी के आंदोलन में जिन लोगों ने अपना सर्वोच्च बलिदान दिया।
बापू की स्मृति में पूरा राष्ट्र आज शहीद दिवस मनाता है। आज के दिन ही साबरमती के जिस तट पर बापू ने आज़ादी के आंदोलन का आयोजन किया, उसी तट से आज उनके दिए आत्मनिर्भरता के मंत्र को साकार करते हुए मिट्टी के कुल्हड़ों से तैयार भित्ति चित्र के उदघाटन का कार्यक्रम आयोजित हुआ है। बापू को इससे बड़ी श्रद्धांजलि नहीं हो सकती।
केन्द्रीय गृह मंत्री शाह ने कहा कि ये आज़ादी के अमृत महोत्सव का वर्ष संकल्प लेने का वर्ष है। 75वें साल से 100 साल तक की हमारी यात्रा, संकल्प यात्रा है जिसमें हमें अपने लक्ष्य तय करने हैं और भारत की जनता को उन लक्ष्यों की सिद्धि के लिए तैयार भी करना है।
महात्मा गांधी के स्मृति दिन पर साबरमति रिवरफ्रन्ट पे साबरमति नदी में बहते हुए नर्मदा के जल को देखते हुए ये विचार आ रहा है कि बापू ने उस जमाने में कैसे माहौल में अंग्रेजों के खिलाफ लड़ाई शुरू की होगी।


बापू ने ना सिर्फ आज़ादी की लड़ाई की शुरूआत की, बल्कि आज़ादी की लड़ाई में, स्वराज की लड़ाई के दौरान कई ऐसे विचार रखे जो आज़ादी पाने के लिए तो ज़रूरी थे ही, परंतु आज़ादी के बाद भारत के पुनर्निर्माण के लिए भी आवश्यक है।
स्वदेशी, स्वभाषा, सत्याग्रह, प्रार्थना, उपवास, साधनशुद्धि, अपरिग्रह, सादगी - यह सिद्धांत गांधीजी ने आज़ादी की लड़ाई के दौरान देश की जनता के भीतर सींचे और इनके आधार पर ही भारत के पुनर्निर्माण की शुरूआत हुई।
केन्द्रीय गृह मंत्री शाह ने कहा कि खादी को पुनर्जीवित करने का काम भी देश के प्रधानमंत्री ने किया है। जब नरेन्द्र मोदी गुजरात के मुख्यमंत्री थे, तभी से उन्होंने खादी के प्रयोग को प्रोत्साहित करने का काम शुरू किया। आज खादी का टर्नओवर 95 हजार करोड़ रूपए दर्ज हुआ है। 
शाह ने कहा कि मैं गुजरात की जनता से अपील करता हूं कि आप अपने घर और जीवन में ज़्यादा से ज़्यादा खादी का इस्तेमाल करें। हमारे थोड़े से प्रयास एक परिवार को पूरे साल का रोजगार दे सकते हैं। 
खादी का उपयोग न सिर्फ गरीब व्यक्ति के रोजगार का साधन है, बल्कि देश के स्वाभिमान का प्रतीक है। महात्मा गांधी ने आज़ादी के आंदोलन के समय खादी का विचार, विदेशी वस्त्रों के बहिष्कार से शुरू किया था और वो विचार आज भी उतना ही प्रासंगिक है।