विश्व: दुनिया की पहली हाइड्रोजन से चलने वाली ट्रेनें जर्मनी में यात्री सेवा के लिए शुरु

समाचार एजेंसी सिन्हुआ ने बुधवार को लोअर सैक्सोनी, एलएनवीजी के स्थानीय परिवहन प्राधिकरण के हवाले से कहा कि, फ्रांसीसी निर्माता एल्सटॉम द्वारा उत्पादित हाइड्रोजन ईंधन सेल ड्राइव वाली 14 ट्रेनें डीजल ट्रेनों की जगह लेंगी।

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बर्लिन, 25 अगस्त (आईएएनएस)। हाइड्रोजन से चलने वाली दुनिया का पहला यात्री ट्रेन नेटवर्क जर्मनी के राज्य लोअर सैक्सोनी में लॉन्च कर दिया गया। चार साल पहले इसका परीक्षण शुरू हुआ था।

समाचार एजेंसी सिन्हुआ ने बुधवार को लोअर सैक्सोनी, एलएनवीजी के स्थानीय परिवहन प्राधिकरण के हवाले से कहा कि, फ्रांसीसी निर्माता एल्सटॉम द्वारा उत्पादित हाइड्रोजन ईंधन सेल ड्राइव वाली 14 ट्रेनें डीजल ट्रेनों की जगह लेंगी।

नई ट्रेनों में से पांच पहले से ही परिचालन में हैं, जबकि अन्य इस साल के अंत तक चलने वाली हैं।

लोअर सैक्सोनी के मंत्री स्टीफन वेइल ने कहा, यह परियोजना दुनिया भर में एक रोल मॉडल है।

नवीकरणीय ऊर्जा की स्थिति के रूप में, हम इस प्रकार परिवहन क्षेत्र में जलवायु तटस्थता के मार्ग पर एक मील का पत्थर स्थापित कर रहे हैं।

एलएनवीजी ने कहा कि, दो साल के परीक्षण संचालन के दौरान, दो प्री-सीरीज ट्रेनें बिना किसी समस्या के चलीं। परियोजना की कुल लागत लगभग 93 मिलियन यूरो है।

अलस्टॉम ने एक बयान में कहा, कोराडिया आईलिंट उत्सर्जन मुक्त हाइड्रोजन ईंधन सेल ट्रेनों की रेंज 1,000 किमी है, जिससे वे हाइड्रोजन के सिर्फ एक टैंक पर दिन भर चलने में सक्षम हैं।

एलएनवीजी के अनुसार, ट्रेनें 1.6 मिलियन लीटर डीजल की बचत करेंगी और इस तरह प्रति वर्ष सीओ2 उत्सर्जन में 4,400 टन की कमी करेंगी। ट्रेन की अधिकतम गति 140 किमी प्रति घंटा है।

एलएनवीजी के प्रवक्ता डिर्क अल्टविग ने सिन्हुआ को बताया, हम भविष्य में और डीजल ट्रेनें नहीं खरीदेंगे।

उपयोग में आने वाली अन्य पुरानी डीजल ट्रेनों को बाद में बदला जाना चाहिए। कंपनी को अभी यह तय करना है कि हाइड्रोजन या बैटरी से चलने वाली ट्रेनों का संचालन किया जाए या नहीं।

जर्मनी का लक्ष्य 1990 के स्तर की तुलना में 2030 तक ग्रीनहाउस गैस उत्सर्जन को 65 प्रतिशत तक कम करना है।

--आईएएनएस

पीटी/एसकेपी