भारत: तमिलनाडु सरकार एहतियाती कोविड वैक्सीन के लिए चलाएगी जागरूकता अभियान

चेन्नई, 22 अगस्त (आईएएनएस)। तमिलनाडु स्वास्थ्य विभाग पहली और दूसरी खुराक के बाद कोविड-19 के खिलाफ एहतियाती टीके लेने के लिए जागरूकता अभियान चलाने की योजना बना रहा है। तमिलनाडु जन स्वास्थ्य विभाग के सूत्रों ने आईएएनएस को बताया कि, तमिल फिल्म

चेन्नई, 22 अगस्त (आईएएनएस)। तमिलनाडु स्वास्थ्य विभाग पहली और दूसरी खुराक के बाद कोविड-19 के खिलाफ एहतियाती टीके लेने के लिए जागरूकता अभियान चलाने की योजना बना रहा है।

तमिलनाडु जन स्वास्थ्य विभाग के सूत्रों ने आईएएनएस को बताया कि, तमिल फिल्म उद्योग के प्रमुख फिल्म और टीवी सितारों को साथ लेकर जागरूकता अभियान चलाया जाएगा।

राज्य के सार्वजनिक स्वास्थ्य विभाग के अनुसार, तमिलनाडु में केवल 12.7 प्रतिशत पात्र लोगों ने राज्य में एहतियाती टीका लिया है। विभाग इस बात से चिंतित है कि राज्य में कोविड के लगातार बढ़ते प्रकोप के कारण वैक्सीन की ऐहतियाती खुराक नहीं लेने वाले लोग इसके प्रसार को बढ़ा सकते हैं।

विभाग विशेष रूप से उच्च जोखिम वाले लोगों के स्वास्थ्य की स्थिति के बारे में चिंतित है, जिसमें वरिष्ठ नागरिक भी शामिल हैं।

राज्य के सार्वजनिक स्वास्थ्य विभाग ने कहा कि, 20 अगस्त तक बूस्टर खुराक के लिए पात्र 4,05,63,607 लोगों में से कुल 51,69,621 लोगों ने टीका लगाया है। यह जनसंख्या का लगभग 12.74 प्रतिशत है।

राज्य के सार्वजनिक स्वास्थ्य विभाग के एक वरिष्ठ अधिकारी ने आईएएनएस को बताया कि, भले ही अधिकांश लोगों पर कोविड-19 का प्रभाव अब हल्का है लेकिन बीमारी से जुड़ी दीर्घकालिक जटिलताओं का अभी भी पता नहीं चल पाया है और इसलिए सभी के लिए बूस्टर खुराक की आवश्यकता है।

डॉक्टरों ने कहा कि, लंबी अवधि की जटिलताओं में कोविड-19 से प्रभावित लोगों के लिए हृदय और श्वसन संबंधी समस्याएं शामिल हैं।

मदुरै के एक प्रमुख मेडिकल कॉलेज में वायरोलॉजिस्ट डॉ. सुचित्रा मेनन ने आईएएनएस से बात करते हुए कहा, यह लगभग तय है कि कोविड-19 वायरस अब से कई वर्षों तक रहेगा और इसलिए बूस्टर खुराक लोगों के लिए एक जरूरी है। बीमारी का शिकार हो जाना स्वास्थ्य में दीर्घकालिक जटिलताएं पैदा कर सकता है।

उन्होंने कहा कि, कोविड के उचित व्यवहार का पालन करना, जिसमें मास्क पहनना, सुरक्षित दूरी और हाथों की नियमित सफाई शामिल है। ऐसे अन्य प्रमुख कारक हैं जिन्हें नियमित रूप से जीवन में अपनाया जाना चाहिए ताकि आगे कोविड को फैलने से रोका जा सके।

जो लोग एचआईवी, क्षय रोग, उच्च रक्तचाप और मधुमेह से प्रभावित हैं, उन्हें फिर से इस बीमारी के होने का खतरा है और इसलिए सार्वजनिक स्वास्थ्य विभाग स्वयं टीकाकरण की आवश्यकता के बारे में लोगों में जागरूकता बढ़ाने की प्रक्रिया में है।

डॉक्टरों ने यह भी कहा कि, स्वास्थ्य विभाग बीमारी को और फैलने से रोकने के लिए कोविड वैक्सीन के बूस्टर या एहतियाती खुराक की आवश्यकता के बारे में घर-घर जागरूकता फैलाने के लिए युवाओं की सेवाओं में शामिल होने की योजना बना रहा है।

--आईएएनएस

पीटी/एसकेपी