भारत: बिहार में नौकरी की मांग कर रहे शिक्षक अभ्यर्थियों पर लाठीचार्ज के मामले पर सरकार बैकफुट पर, विपक्ष घेरने में जुटा

पटना, 23 अगस्त (आईएएनएस)। बिहार में सोमवार को शिक्षक पात्रता परीक्षा (टीईटी) उत्तीर्ण अभ्यर्थियों के नौकरी की मांग को लेकर किए जा रहे प्रदर्शन के दौरान अभ्यार्थियों पर लाठियां बरसाने के मामला अब तूल पकड़ लिया है। सरकार इस मामले को लेकर जांच के आदेश दिए हैं वहीं महागठबंधन के कुछ घटक दल सहित विपक्ष इस मामले को लेकर सरकार को कठघरे में खड़ा कर रही है।

बिहार के विभिन्न जिले के शिक्षक पात्रता परीक्षा सी टीईटी और एसटीईटी पास अभ्यर्थी सोमवार को पटना पहुंचे थे और नियुक्ति की मांग को लेकर डाक बंगला चौराहे पर हंगामा शुरू कर दिया। इस दौरान प्रदर्शनकारियों ने सरकार और मुख्यमंत्री के खिलाफ जमकर नारेबाजी की।

इधर, पुलिस प्रशासन ने इन अभ्यर्थियों को हटाने की कोशिश की, लेकिन वे कुछ भी सुनने को तैयार नहीं थे। इसके बाद पुलिस ने जमकर लाठियां भांजी। इसी क्रम में तिरंगा लिए एक प्रदर्शनकारी को एडीएम विधि व्यवस्था के के सिंह द्वारा लाठी से बुरी तरह पीटा गया तथा कई पत्रकारों और कैमरामैनों को धक्का दे दिया। इसके बाद यह तस्वीर सोशल मीडिया पर वायरल हो गई।

इस मुद्दे के गरमा जाने के बाद उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव ने पटना जिलाधिकारी से बात की और मामले में जांच करवाने के निर्देश दिए। पटना जिलाधिकारी ने पटना मध्य पुलिस अधीक्षक और उप विकास आयुक्त के नेतृत्व में एक जाँच कमिटी गठित कर दी। कमिटी को दो दिनो ंमें रिपोर्ट देने को कहा गया है।

तेजस्वी ने कहा कि बिहार के सभी युवा, छात्र-छात्राएँ व अभ्यर्थी जिन्होंने अभी तक लंबा इंतजार किया है, उनसे हमारी अपील है कि आप सब थोड़ा धैर्य बनाए रखें। रोजगार और नौकरी की दिशा में हम लोग काम कर रहे हैं।

इधर, जिला प्रशासन ने डाक बेगला चौराहे, गांधी मैदान, बेली रोड, बोरिंग रोड सहित कई जगहों पार धरना प्रदर्शन और जुलूस पर अगले तीन दिनों तक के लिए रोक लगा दी।

इस बीच, राज्य के मंत्री विजय कुमार चौधरी ने संभावना जताते हुए कहा कि यह भाजपा का साजिश प्रतीत हो रही है। जिस ढंग से हाथ में तिरंगा लेकर प्रदर्शन किया गया वह शिक्षक अभ्यर्थी नहीं हो सकते। इधर, सरकार को बाहर से समर्थन दे रही पार्टी भाकपा-माले राज्य सचिव कुणाल ने 7 वें चरण की शिक्षक बहाली का नोटिफिकेशन जारी करने की मांग पर उत्तीर्ण अभ्यर्थियों के प्रदर्शन पर बर्बर लाठीचार्ज की निंदा की है।

उन्होंने कहा कि पुरानी सरकार की तर्ज पर महागठबन्धन की सरकार न चले। रोजगार का सवाल बिहार के लाखों नौजवानों का तात्कालिक मुद्दा है, इसलिए सरकार को गम्भीरता दिखलाते हुए युवाओं के साथ वार्ता का रास्ता अपनाना चाहिए और उनकी मांगों को सुनना चाहिए।

भाजपा के वरिष्ठ नेता और सांसद सुशील कुमार मोदी ने कहा कि शिक्षक नियुक्ति में विलम्ब के लिए मुख्यमंत्री नीतीश कुमार सीधे जिम्मेदार हैं।

मोदी ने कहा कि नीतीश कुमार 15 साल से मुख्यमंत्री हैं और शिक्षा विभाग लगातार उनकी पार्टी जदयू के पास रहा, इसलिए उन्हें अपनी नाकामी स्वीकार करनी चाहिए।

उन्होंने कहा कि छात्रों की जायज मांग को अविलम्ब पूरा करने के बजाय नीतीश सरकार ने नौकरी मांगने वाले छात्रों की पिटाई करायी। जिस एडीएम ने यह बर्बरता की, उसे निलम्बित किया जाना चाहिए।

उन्होंने कहा कि तेजस्वी प्रसाद यादव ने कैबिनेट की पहली बैठक में 10 लाख लोगों को सरकारी नौकरी देने का वादा कर युवाओं से वोट लिये थे, लेकिन महागठबंधन सरकार की तीन कैबिनेट बैठकों के बाद भी किसी को नौकरी नहीं मिली।

मोदी ने पूछा कि राजद ने अपने घोषणा-पत्र में समान काम- समान वेतन का जो वादा किया था, उसका क्या हुआ?

--आईएएनएस

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