जवाई लेपर्ड कंज़र्वेशन रिज़र्व: राजस्थान के पूर्व हेड ऑफ़ फारेस्ट ने जवाई क्षेत्र का भ्रमण किया, दुर्लभ तेंदुए देखें

राजस्थान के पूर्व हेड ऑफ़ फारेस्ट डॉ जी वी रेड्डी एवं भारत के विख्यात कंज़र्वेशन ज़ूलॉजिस्ट डॉ उल्लास कारंथ ने राजस्थान के पाली जिले में स्थित जवाई लेपर्ड कंज़र्वेशन रिज़र्व क्षेत्र में भ्रमण किया एवं क्षेत्र में पर्यटन बढ़ाने व स्थानीय लोगों के रोजगार बढ़ाने की अपार संभावनाओं को लेकर वन विभाग को सुझाव दिए।

जयपुर। राजस्थान के पूर्व हेड ऑफ़ फारेस्ट डॉ जी वी रेड्डी एवं भारत के विख्यात कंज़र्वेशन ज़ूलॉजिस्ट डॉ उल्लास कारंथ ने जवाई लेपर्ड कंज़र्वेशन रिज़र्व का भ्रमण किया। इस दौरान उन्होंने यहाँ की टोपोग्राफी और बायोडायवर्सिटी के बारे में जानकारी ली एवं दुर्लभ वन्यजीव तेंदुओं को पहाड़ियों पर स्वच्छन्द विचरण करते देखा। डॉ जी वी रेड्डी एवं डॉ उल्लास कारंथ ने इस क्षेत्र में पर्यटन के बढ़ने की अपार संभावनाएं जताई और स्थानीय लोगों के रोजगार बढ़ाने, नए टूरिस्ट पॉइंट विकसित करने, कंज़र्वेशन क्षेत्र के विस्तार आदि के लिए वन विभाग के अधिकारियों को सुझाव दिए।

क्षेत्र में प्रे बेस बढ़ाने के लिए कहा 

डॉ जी वी रेड्डी एवं डॉ उल्लास कारंथ ने क्षेत्र में बघेरों के प्राकृतिक भोजन की कमी को देखते हुए यहाँ चीतल, चिंकारा आदि लाने के लिए वन विभाग के अधिकारियो को सुझाव दिए ताकि भविष्य में यहाँ पर बघेरों को उनका प्राकृतिक भोजन आसानी से उपलब्ध हो सकें। इस दौरान नेचुरलिस्ट धीरज माली ने क्षेत्र में विभिन्न लेपर्ड हिल्स पर इन्हें भ्रमण करवाया एवं यहाँ पाई जाने वाली फ़्लोरा और फौना के बारे में विस्तृत जानकारी दी।

डॉ जी वी रेड्डी एवं डॉ उल्लास कारंथ ने जवाई बांध का भी दौरा किया जहाँ पर 500 से भी अधिक बार हेडेड गीज, कई प्रजाति की बतखें एवं हजारों की तादाद में प्रवासी पक्षियों को देखकर यहाँ बर्ड सैंक्चुअरी विकसित करने के बारे में कहा। जिससे यहाँ पर्यटन की और संभावनाओं को बढ़ाने में मदद मिले और स्थानीय लोगों का रोजगार बढे। इस दौरान वन विभाग से क्षेत्रीय वन अधिकारी किशन सिंह, वनपाल विक्रम सिंह राव, हीरालाल, वन विभाग की रेस्क्यू एक्सपर्ट अंजू चौहान आदि मौजूद रहे।