अस्पताल में फैली अव्यवस्था : सिरोही जिला अस्पताल में फैली अव्यवस्थाओं को लेकर हाईकोर्ट में लगाई जनहित याचिका

सिरोही जिले के सबसे बड़े अस्पताल में फैली अव्यवस्थाओं को लेकर सिरोही के ही एक जागरूक अधिवक्ता ने जोधपुर हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाया हैं। अधिवक्ता परीक्षित खरोर ने सिरोही जिला अस्पताल में वेंटिलेटर के अभाव में कोरोना मरीजो की लगातार हो रही मौतों को लेकर एक जनहित याचिका दायर की हैं।

सिरोही जिला अस्पताल में फैली अव्यवस्थाओं को लेकर हाईकोर्ट में लगाई जनहित याचिका
  • कोर्ट ने राज्य सरकार सहित जिला प्रशासन व सीएमएचओ को जारी किए नोटिस

सिरोही।

सिरोही जिले के सबसे बड़े अस्पताल में फैली अव्यवस्थाओं को लेकर सिरोही के ही एक जागरूक अधिवक्ता ने जोधपुर हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाया हैं। अधिवक्ता परीक्षित खरोर ने सिरोही जिला अस्पताल में वेंटिलेटर के अभाव में कोरोना मरीजो की लगातार हो रही मौतों को लेकर एक जनहित याचिका दायर की हैं। जिसमें सिरोही जिला अस्पताल में कबाड़ बन रहे 42 वेंटिलेटर सहित ऑक्सीजन की कमी और अन्य मशीनरी का उपयोग नही करने को लेकर राज्य सरकार को दोषी मानते हुए जनहित याचिका दायर की हैं। जनहित याचिका की गम्भीरता को देखते हुए हाईकोर्ट की डबल बेंच जिसमें चीफ जस्टिस इंद्रजीत मोहंती व जस्टिस विनीत कुमार माथुर की खंडपीठ ने आज सुनवाई करते हुए राज्य सरकार के मुख्य सचिव, गृह विभाग के प्रमुख सचिव, चिकित्सा एवं स्वास्थ्य मंत्रालय के मुख्य सचिव, सिरोही जिला कलेक्टर व सिरोही के मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी को नोटिस जारी कर जवाब तलब किया हैं। साथ ही मामले की गम्भीरता को देखते हुए अगली सुनवाई भी 6 मई को रखी गई हैं। 

42 वेंटिलेटर फांक रहे धूल, हर रोज मर रहे कोरोना के मरीज

सिरोही जिला अस्पताल में अव्यवस्था का आलम ये हैं कि जिला अस्पताल में  केंद्र सरकार, राज्य सरकार व भामाशाहों के सहयोग से 42 वेंटिलेटर मशीनें आई हुई पड़ी हैं। पर इसके बावजूद अस्पताल प्रशासन और जिला प्रशासन की लापरवाही के चलते ये वेंटिलेटर अभी तक काम मे नही लिए जा रहे। सारे के सारे वेंटिलेटर कमरे में बंद पड़े धूल फांक रहे हैं। जिला प्रशासन ने अस्पताल प्रशासन के साथ सहयोगात्मक रवैया रखते हुए अगर इन्हें शुरू करने की कवायद की होती तो शायद पिछले 15-20 दिनों में हुई करीब 150 जानें बचाई जा सकती थी। पर वेंटिलेटर और ऑक्सीजन के अभाव में इतनी बड़ी संख्या में लोगो की मौत होना, कहीं ना कहीं जिला प्रशासन और चिकित्सा महकमें की घोर लापरवाही को साफ दर्शा रहा हैं।

Must Read: दोषी पुलिसकर्मियों को बर्खास्त करने और 10-10 लाख मुआवजा दिलाने की मांग

पढें राजस्थान खबरें, ताजा हिंदी समाचार (Latest Hindi News) के लिए डाउनलोड करें First Bharat App.

  • Follow us on :