Holi 2022: इन bollywood celebrities ने खेलनी छोड़ दी होली इस वजह से नहीं मनाते रंगों का त्योहार
होली का त्योहार आ चुका है. लोगों ने घर पर गुलाल, रंग और पिचकारी के साथ पानी के गुब्बारे भरकर रख लिए हैं. celebrities से लेकर इस त्योहार को आम लोग धूम-धाम से मनाते हैं.
कुछ celebrities ऐसे भी नजर आते हैं जो होली नहीं खेलते हैं. celebrities का मानना है कि इससे वातावरण वातावरण खराब होता है, पानी की बर्बादी होती है, रंगों से स्किन एलर्जी होती है
ऐसे में उन्हें इससे दूर ही रहना पसंद है। फिल्म की रिक्वायमेंट के लिए इन सेलेब्स ने होली का त्योहार मनाया है। आइए जानते हैं उन सेलेब्स के बारे में जो होली के त्योहार से खुद को कोसों दूर रखना प्रिफर करते हैं.
रणवीर सिंह ने कहा कि उन्हें ओसीडी की समस्या है, जिसमें इंसान केवल साफ-सफाई करने पर उतारू रहता है। रणवीर वैसे तो काफी अतरंगी कपड़े पहनना पसंद करते हैं। लेकिन होली के रंगों से उन्हें नफरत है।
रणवीर सिंह
जॉन अब्राहम को होली खेलना पसंद नहीं है, होली के रंग दूसरे को लगाने का एक सहज तरीका होता है। होली के त्योहार पर लोग पानी की बर्बादी करते हैं। इससे नेचर को नुकसान पहुंचता है।
जॉन अब्राहम
करीना कपूर खान ने बताया कि उन्होंने दादा राज कपूर के निधन के बाद होली खेलना बंद कर दिया। इसके अलावा करीना होली खेलना अवॉइड करती हैं क्योंकि होली के रंग उनके हेयर कलर को खराब करते हैं।
करीना कपूर खान
अर्जुन कपूर ने भी होली टीनेज में ही खेलनी बंद कर दी थी। अर्जुन कपूर ने कहा कि 17-18 साल की उम्र तक होली खेली। उसके बाद रंगों से एलर्जी होने लगी। जिसके बाद होली खेलनी बंद कर दी।
अर्जुन कपूर
'बलम पिचकारी' गाना जबतक होली पर नहीं बजता है, त्योहार का सेलिब्रेशन अधूरा लगता है। हालांकि रियल लाइफ में रणबीर कपूर होली खेलना बिल्कुल पसंद नहीं करते हैं।
रणबीर कपूर
करण जौहर को भी होली खेलना पसंद नहीं है। करण जौहर ने बताया कि जब वह 10 साल के थे तो उनपर किसी ने सड़े हुए अंडे फेंके थे, वह भी होली वाले दिन। उसके बाद से उन्होंने कभी होली नहीं खेली।
करण जौहर
श्रुति को पसंद नहीं कि कोई उनपर पानी फेंके, वह भी रंग वाला श्रुति का कहना है कि उनकी स्किन काफी सेंसिटिव है। कलर उनकी स्किन से निकलता नहीं है और वह एक दाग छोड़ जाता है
श्रुति हासन
कृति सेनन को भी होली खेलना अब बिल्कुल पसंद नहीं। एक समय था जब वह अपने घर पर रहकर होली खेला करती थीं। लेकिन समय के साथ उनका इस रंगों के त्योहार से मन भर गया और अब वह खुद को एक कमरे में कैद कर लेती हैं।