HEALTH

Lampi virus: लक्षण और बचाव के उपाय

By First Bharat

भारत में कोरोना वायरस और मंकी पॉक्स के बाद एक और रोग मवेशियों में तेजी से फैल रहा है। इस रोग का नाम लंपी स्किन डिजीज है।

यह वायरस सबसे पहले 1929 में अफ्रीका में पाया गया था। इस बीमारी ने साल 2015 में तुर्की और ग्रीस, 2016 में रूस जैसे देश में तबाही मचाई। जुलाई 2019 में लम्पी को बांग्लादेश में देखा गया।

ये रोग एक LSDV वायरस के चलते मवेशियों में फैल रहा है। इसकी तीन प्रजातियां हैं, कैप्रिपॉक्स वायरस, गोटपॉक्स वायरस और शीपपॉक्स वायरस हैं।

लंपी वायरस के मामले लगातार बढ़ते जा रहे हैं। वहीं कई राज्यों में इस रोग से मवेशियों की मौत की भी खबर समाने आ रही है। चलिए जानते है इसके लक्षण और बचाव के उपाय।

                लक्षण

इस रोग के कई लक्षण है बुखार, वजन कम होना, लार निकलना, आंख और नाक का बहना, दूध का कम होना, शरीर पर अलग-अलग तरह के नोड्यूल दिखाई देना शामिल है।

                लक्षण

इसके साथ ही इस रोग में शरीर में गांठें भी बन जाती हैं। साथ ही ये भी देखने को मिला है कि इससे मादा मवेशियों को बांझपन, गर्भपात, निमोनिया और लंगड़ापन हो जाता है।

               उपाय 

ये एक तरह का वायरस है जिसका कोई ठोस उपाय नहीं है। ऐसे में पशुओं को इससे प्रभावित क्षेत्रों में जाने से रोकना होगा। 

               उपाय 

इस रोग से बचने के लिए एंटीबायोटिक्स, एंटी इंफ्लेमेटरी और एंटीहिस्टामिनिक दवाएं दी जाती हैं। अभी तक इस बीमारी का टीका नहीं बना है।

               उपाय 

लम्पी के संक्रमण से पशुओं को बचाने के लिए अपने जानवरों को संक्रमित पशुओं से अलग रखना चाहिए।

Thanks For Watching

नई वेब स्टोरी के लिए यहाँ क्लिक करें

Open Hands