दुकानों पर बिक रहा ठंडा—मीठा जहर: सावधान! कहीं आपके लाड़ले ना हो जाए बीमार, बाजार में बिक रहे घटिया व अमानक पेय पदार्थ के पाउच

बच्चों को डायरिया,हैजा, फूड पॉइजनिंग समेत कई बीमारियां होने की आशंका हैं। विभाग की ओर से प्रभावी कार्रवाई नही होने से ऐसे व्यपारियो के हौंसले बुलंद हैं जिससे लोगों की जान के साथ खिलवाड़ हो रहा हैं।

पेय पदार्थों पर ना निर्माण, ना एक्सपायरी डेट अंकित, ग्रामीण क्षेत्र में बच्चें इन पेय पदार्थ को कहते हैं पेप्सी पाउच, फूड सेफ्टी के नाम पर महज खानापूर्ति, पिछले दिनों फूलाबाईखेड़ा में अज्ञात बीमारी से सात बच्चों की भी हुई थी मौत

गौरव अग्रवाल  . फर्स्ट भारत सरूपगंज। गर्मी की शुरुआत के साथ ही बाजार में आइसक्रीम व शीतल पेय पदार्थों की बिक्री शुरू हो गई हैं। इनकी आड़ में घटिया व अमानक शीतल पेय पदार्थों की भी खूब बिक्री हो रही हैं। इन अमानक व घटिया पेय पदार्थों की खुलेआम बिक्री हो रही हैं। ऐसे पेय पदार्थो से बच्चों को डायरिया, फ़ूड पॉइजनिंग व फंगस इंफेक्शन सहित गंभीर संक्रमण जो कि जानलेवा साबित हो सकता हैं।

पिंडवाड़ा उपखण्ड़ क्षेत्र में ऐसे हालात होने के बाद भी विभाग सख्ती से कार्रवाई नही कर रहा हैं। शहर,कस्बे व गांवो में इन पेय पदार्थों की खूब बिक्री हो रही हैं। इन पेय पदार्थों पर ना तो निर्माण की तारीख हैं ना ही एक्सपायरी की डेट अंकित हैं,बैच नंबर से लेकर कंपनी का भी नाम गायब हैं। ऐसे में बच्चों को डायरिया,हैजा, फूड पॉइजनिंग समेत कई बीमारियां होने की आशंका हैं। विभाग की ओर से प्रभावी कार्रवाई नही होने से ऐसे व्यपारियो के हौंसले बुलंद हैं जिससे लोगों की जान के साथ खिलवाड़ हो रहा हैं।

फूलाबाईखेड़ा में सात बच्चों की मौत के बाद चेता प्रशासन-

सरुपगंज कस्बे से सात किलोमीटर दूरी पर स्थित फूलाबाईखेड़ा गांव में अज्ञात बीमारी से एक के बाद एक सात बच्चों की मौत हो गई।प्रशासन व चिकित्सा विभाग दबी जुबान इन आइसक्रीम के घटिया पाउच को जिम्मेदार बता रहा हैं। यही कारण हैं कि अब प्रशासन व चिकित्सा विभाग इन आइसक्रीम के पाउच की बिक्री नही करने समेत फूलाबाईखेड़ा गांव की दुकानों से इन पाउच को भी जब्त कर रहा हैं। सरुपगंज कस्बे की कुछ दुकानो पर विकास अधिकारी हनुवीर बिश्नोई ने निरीक्षण कर आइसक्रीम की गुणवत्ता जांची हैं।

ये कैसा शुद्ध के लिए युद्ध अभियान
राज्य सरकार के निर्देश पर चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग मिलावटी व अशुद्ध खाद्य सामग्री की बिक्री की रोकथाम के लिए शुद्ध के लिए युद्ध अभियान चलाने का दावा करता हैं।इस अभियान में इक्का-दुक्का नाम की सेम्पलिंग की जाती हैं।एकाध जगह पर अवधिपार कोल्ड्रिंक्स फिंकवा दी जाती हैं जबकि बाजार में गर्मी की दस्तक के साथ ही ऐसे पेय पदार्थ से लेकर कई चीजें खुलेआम खूब बिक रही हैं।

ग्रामीण क्षेत्र में बड़े पैमाने पर हो रहा घटिया आइसक्रीम पाउच का कारोबार
फर्स्ट भारत की पड़ताल में सामने आया कि गर्मी के सीजन का फायदा उठाकर कुछ व्यापारी नकली,घटिया व अमानक आइसक्रीम के पाउच ग्रामीण क्षेत्र में बेच रहे हैं।ग्रामीण क्षेत्र में इन पेय पदार्थों को बच्चें पेप्सी या ठंडी चुस्की के नाम से जानते हैं।
इन पाउच को इतने दिन रोकने-टोकने वाला तो दूर जांचने वाला भी कोई नही था।उपखण्ड़ क्षेत्र के ग्रामीण इलाके में इन पाउच की खूब बिक्री होती हैं।ऐसे घटिया आइसक्रीम के पाउच बच्चों की सेहत बिगाड़कर उनके जानलेवा साबित हो सकते हैं।इसकी गुणवत्ता व जांच को लेकर विभाग गंभीर नजर नही आ रहा हैं।

जिसके जिम्मे थी जिम्मेदारी वो घूस देने वालों से निभा रहे थे वफादारी
राज्यभर में मिलावटी खाद्य पदार्थो पर कार्रवाई खाद्य निरीक्षक की ओर से की जाती हैं लेकिन सिरोही जिले में तैनात खाद्य निरीक्षक विनोद शर्मा पिछले दिनों ही रिश्वत लेते ट्रैप हुए हैं।उन्होंने डेयरी संचालक से 6 माह तक सैम्पल नही भरने की एवज में रिश्वत मांगी थी।उसी रिश्वत को लेते हुए विनोद शर्मा ट्रैप हुआ हैं।राज्य सरकार ने खाद्य सामग्री में मिलावटखोरी करने वालों पर कार्रवाई करने का जिम्मा सौंपा रखा था असल में वो खाद्य निरीक्षक घुस देने वालों के साथ वफादारी बखूबी निभा रहा था।यही कारण हैं कि ऐसे मिलावटखोर पर कार्रवाई नही हो पाती और ले-देकर ऐसे लोग लोगों की जान के साथ खिलवाड़ करते हैं।

ट्रैप होने के बाद फूड इंस्पेक्टर का पद रिक्त
खाद्य सामग्री की जांच पड़ताल का जिम्मा खाद्य निरीक्षक का होता हैं लेकिन पिछले दिनों खाद्य निरीक्षक रिश्वत लेते एसीबी के हत्थे चढ़ गए थे। यही कारण हैं फिलहाल सिरोही जिले का खाद्य निरीक्षक का पद खाली पड़ा हैं।
ऐसे में जिलेभर में ऐसे चुस्की वालों की सघन जांच कैसे होगी ये बड़ा सवाल है!

क्या बोले जिम्मेदार-
विभाग की ओर से इन पेय पदार्थों के सैम्पल लेकर जयपुर भिजवाए गए हैं। इनकी रिपोर्ट्स आने के बाद स्थिति साफ हो पाएगी।इस बात की संभावना जरूर जताई जा रही हैं कि जिन बच्चों ने इन पेय पदार्थों का उपयोग किया हैं उनकी तबियत बिगड़ी हैं। जल्द ही पाली ड्रग इंस्पेक्टर को डेपुटेशन पर सिरोही लगाया जाएगा ताकि जिलेभर में खाद्य पदार्थो की जांच की जा सके।
— डॉ. महेश गौतम,कार्यवाहक सीएमएचओ सिरोही

शिशु रोग विशेषज्ञ ने कहा-बच्चों की सेहत के लिए खतरा हैं ऐसे नकली व घटिया पेय पदार्थ....
शिशु रोग विशेषज्ञ डॉ. रामसिंह यादव ने बताया कि इस तरह के नकली पेय पदार्थों से बच्चों को डिसेंट्री यानी दस्त,बैक्टेरियल यानी पेट मे दर्द,उल्टी, वायरल जिन्हें एन्टो वायरल डिसीज कहा जाता हैं उससे ग्रसिता हो सकते हैं।केमिकल की वजह से टॉक्सिक पोइजन यानी पोजनिंग का खतरा बना रहता हैं।
ऐसी किसी भी सामग्री को खरीदने से पहले कंपनी,निर्माण की तिथि व एक्सपायरी की डेट जरूर देख लेनी चाहिए।