अमृत महोत्सव का आगाज: पीएम मोदी बोले माउंट आबू में बाबा लेखराज समेत कई महात्माओं ने साधना से इसकी आभा को उज्ज्वल किया 

प्रधानमंत्री नरेन्‍द्र मोदी ने ‘आजादी के अमृत महोत्सव से स्वर्णिम भारत की ओर’ के राष्ट्रीय शुभारंभ समारोह में मुख्य भाषण दिया प्रधानमंत्री ने ब्रह्म कुमारियों की सात पहलों को भी हरी झंडी दिखाई

आबूरोड  | प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने कहा है कि माउंट आबू की सुंदरता और महानता  ब्रह्माबाबा का विशेष योगदान है, दादीजी जानकी और हृदय मोहिनी मौजूद नहीं है। लेकिन उनका आशीर्वाद हमेशा साथ रहा। उन्होंने पन्नाधाय, अहिल्याबाई होलकर, झलकारी बाई, लक्ष्मीबाई और मीराबाई जैसी महान नारियों का उल्लेख करते हुए सामाजिक चेतना, सवतंत्रता संग्राम और शैक्षिक आजादी में दिए उनके योगदान को याद किया। उन्होंने देश की आध्यात्मिकता, तकनीक, चेतना, विविधता और संस्कृति को संवर्धित और संरक्षित रखने का आह्वान किया। मोदी ने कहा यह समय सोने का नहीं है, बल्कि संकल्प करके त्याग—तप और परिश्रम का है।

उन्होंने ब्रह्माकुमारी को नेचुरल फार्मिंग के लिए प्रेरणा देने में आदर्श की भूमिका निभाने का आह्वान किया। ब्रह्माकुमारीज के सोलर पॉवर का उल्लेख करते हुए क्लीन एनर्जी के क्षेत्र के विकल्पों पर भी मोदी ने बात की।

उन्होंने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से ‘आजादी के अमृत महोत्सव से स्वर्णिम भारत की ओर’ कार्यक्रम के राष्ट्रीय शुभारंभ समारोह में मुख्य भाषण दिया। इस कार्यक्रम में ब्रह्म कुमारियों द्वारा आजादी के अमृत महोत्सव को समर्पित साल भर चलने वाली पहलों का अनावरण किया गया। इसमें 30 से अधिक अभियान, 15,000 से अधिक कार्यक्रम और आयोजन शामिल हैं।

कार्यक्रम में पीएम नरेंद्र मोदी, लोकसभा स्पीकर ओम बिड़ला, राजस्थान के राज्यपाल कलराज मिश्र, राजस्थान के सीएम अशोक गहलौत, गुजरात के सीएम भूपेंद्र पटेल, केंद्रीय मंत्री जी किशन रेड्डी, ब्रह्माकुमारिज की अतिरिक्त मुख्य प्रशासिका मोहिनी बहन, संयुक्त मुख्य प्रशासिका मुन्नी दीदी मौजूद रहे।

इस मौके पर राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कहा कि आजादी का अमृत महोत्सव के जरिये सेनानियों को याद किया जाता है। उन्होंने कहा ब्रह्माकुमारीज संस्था हमेशा समाजसेवी कार्यक्रमों के माध्यम से देश निर्माण का काम कर रहा है। उन्होंने कहा पूरे विश्व मे अगर देश का नाम है तो उसमें इस संस्था का योगदान है।

उन्होंने कहा आजादी कैसे मिली इसको याद करने का इससे अच्छा मौका नहीं हो सकता। गहलोत ने कहा तनाव में हो तो ओम शांति का उच्चारण बोल दो तो शांति मिलती है। मुझे दादी जी का आशीर्वाद मिलता रहता है। मुख्यमंत्री ने कहा देश में तनाव और  चिंता माहौल हो इसको दूर करने की आवश्यकता है जिसमे ब्रह्माकुमारी परिवार इसको दूर करने में भूमिका निभा सकता है।लोकसभा स्पीकर ओम बिड़ला ने भी संबोधित किया। 

इस कार्यक्रम के दौरान, प्रधानमंत्री नरेन्‍द्र मोदी ने ब्रह्म कुमारियों की सात पहलों को हरी झंडी दिखाई। इन पहलों में ‘मेरा भारत स्‍वस्‍थ भारत’ आत्‍मनिर्भर भारत : आत्मनिर्भर किसान, महिलाएं : भारत की ध्वजवाहक, शांति बस अभियान की शक्ति, अनदेखा भारत साइकिल रैली, यूनाइटेड इंडिया मोटर बाइक अभियान और स्वच्छ भारत अभियान के तहत हरित पहल शामिल हैं।

मेरा भारत स्‍वस्‍थ भारत पहल में, मेडिकल कॉलेजों और अस्पतालों में विविध आयोजन और कार्यक्रम आयोजित किए जा रहे हैं। जिनमें आध्यात्मिकता, कल्‍याण और पोषण पर ध्यान केन्द्रित किया जा रहा। इन कार्यक्रमों में चिकित्सा शिविरों, कैंसर जांच, डॉक्टरों और अन्य स्वास्थ्य देखभाल कर्मियों के लिए सम्मेलनों के आयोजन आदि शामिल हैं। आत्मनिर्भर भारत: आत्मनिर्भर किसानों के तहत 75 किसान सशक्तिकरण अभियान, 75 किसान सम्मेलन, 75 सतत यौगिक कृषि प्रशिक्षण कार्यक्रम और किसानों के कल्याण के लिए ऐसी ही अनेक पहलों का आयोजन किया गया। महिलाएं: भारत की ध्वजवाहक के तहत, महिला सशक्तिकरण और बालिका सशक्तिकरण के माध्यम से सामाजिक बदलाव पर ध्यान केन्द्रित किया गया।

शान्ति बस अभियान की शक्ति में 75 शहरों और तहसीलों को शामिल किया जा रहा है और आज के युवा के सकारात्मक बदलाव के बारे में एक प्रदर्शनी का आयोजन किया जा रहा है। विरासत और पर्यावरण के बीच संबंध को रेखांकित करते हुए अनदेखा भारत साइकिल रैली का विभिन्‍न विरासत स्‍थलों पर आयोजन किया जाएगा। यही नहीं यूनाइटेड इंडिया मोटर बाइक अभियान माउंट आबू से दिल्ली तक आयोजित किया जाएगा और इसके तहत कई शहरों को शामिल किया जाएगा। स्वच्छ भारत अभियान के तहत पहल में मासिक स्वच्छता अभियान, सामुदायिक सफाई कार्यक्रम और जागरूकता अभियान शामिल किए जा रहे हैं। इस कार्यक्रम के दौरान, ग्रैमी अवार्ड विजेता श्री रिकी केज द्वारा आजादी के अमृत महोत्‍सव को समर्पित एक गीत भी जारी किया गया। 

कर्तव्य की बात करें
प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि हर युग के कालखण्ड के मूल्यों के आधार पर समाज को सजग रखना, दोषमुक्त रखना अनिवार्य है। यह निरंतर करने वाली प्रक्रिया है। उस समय की जो भी पीढ़ी होती है। उसे यह दायित्व निभाना ही होता है। ब्रह्माकुमारी जैसे लाखों संगठन यह काम कर रहे हैं, लेकिन हमें यह भी मानना होगा कि आजादी के बाद के 75 वर्षों में हमारे देश में एक बुराई सबके भीतर घर कर गई है।

यह बुराई है अपने कर्तव्यों से विमुख होना। बीते 75 वर्षों में हमने सिर्फ अधिकारों की बात की है। अधिकारों के लिए झगड़ते—जूझते रहे। अधिकार की बात कुछ हद तक, कुछ समय के लिए किसी एक परीस्थति में सही हो सकती है। परन्तु अपने कर्तव्यों को पूरी तरह भूल जाने की बात ने भारत को कमजोर करने में बहुत बड़ी भूमिका निभाई है।

भारत ने अपना बहुत बड़ा समय इसलिए गंवाया है, क्योंकि कर्तव्यों को प्राथमिकता नहीं दी। सिर्फ अधिकार की बात करने से समाज में जो कमी आई है, उसे हम मिलकर आने वाले 25 वर्षों में कर्तव्यों की साधना करके कर सकते हैं। ब्रह्माकुमारी यह काम बहुत आसानी से कर सकते हैं, क्योंकि आप कर्तव्यनिष्ठ लोग हैं। 

क्या है ब्रह्मकुमारीज
ब्रह्म कुमारी एक विश्वव्यापी आध्यात्मिक आंदोलन है, जो व्यक्तिगत बदलाव और विश्व नवीकरण के लिए समर्पित है। ब्रह्म कुमारी की स्‍थापना वर्ष 1937 में हुई थी, जिसका 130 से अधिक देशों में विस्‍तार हो गया है। यह आयोजन ब्रह्मकुमारियों के संस्थापक पिता पिताश्री प्रजापिता ब्रह्मा की 53वीं अधिरोहण वर्षगांठ के अवसर पर हो रहा है।