हत्या के प्रकरण में प्रदर्शन: हत्या के मामले में पीडि़तों की पीड़ा: आरोपियों को बचाने में जुटी पुलिस , भाद्राजून पुलिस जांच अधिकारी पर लगाया हठधर्मिता का आरोप

भाद्राजून थाना क्षेत्र के शंखवाली गांव में गत दिनों हुई हत्या के मामले में पुलिस पर हठधर्मिता दिखाने एवं आरोपियों को बचाने का आरोप लगाया गया है। पीडि़त पक्ष की ओर से भारी संख्या में जिला मुख्यालय पर आए लोगों ने जिला कलक्टर व पुलिस अधीक्षक को इस सम्बंध में ज्ञापन सौंपा।

आरोपियों को बचाने में जुटी पुलिस , भाद्राजून पुलिस जांच अधिकारी पर लगाया हठधर्मिता का आरोप

- हत्या के मामले में पीडि़तों की पीड़ा: आरोपियों को बचाने में जुटी पुलिस
- भाद्राजून पुलिस में जांच अधिकारी पर लगाया हठधर्मिता का आरोप
- शंखवाली में हत्या की वारदात में शामिल के आरोपियों को गिरफ्तार करने व जांच बदलने की मांग

जालोर. भाद्राजून थाना क्षेत्र के शंखवाली गांव में गत दिनों हुई हत्या के मामले में पुलिस पर हठधर्मिता दिखाने एवं आरोपियों को बचाने का आरोप लगाया गया है।

पीडि़त पक्ष की ओर से भारी संख्या में जिला मुख्यालय पर आए लोगों ने जिला कलक्टर व पुलिस अधीक्षक को इस सम्बंध में ज्ञापन सौंपा। इसमें बताया कि हत्या के आरोपियों को बचाने का प्रयास किया जा रहा है। वारदात में शामिल केवल दो जनों को ही अभी गिरफ्तार किया गया है, जबकि नामजद अन्य आरोपी अब भी गिरफ्त से बाहर है।

जांच अधिकारी बदलने की भी मांग कर रखी है, लेकिन पुलिस हठधर्मिता दिखा रही है। ग्रामीणों ने जिला मुख्यालय पर प्रदर्शन करते हुए पुलिस पर गंभीर आरोप लगाए।

भारी संख्या में लोग पहुंचे ज्ञापन देने -
ग्रामीणों ने बताया कि शंखवाली गांव में पिछले दिनों हुई महिपाल सिंह की हत्या के मामले में पिता तेजसिंह एवं परिजनों समेत राजपूत समाज के लोग व अन्य लोग बड़ी संख्या में जिला मुख्यालय पहुंचे।

यहां जिला कलक्टर व पुलिस अधीक्षक को ज्ञापन सौंपा। इसमें हत्या में शामिल अन्य लोगो को भी गिरफ्तार करने व जांच अधिकारी बदलने की मांग की है।

फिर भी केवल दो ही आरोपी को गिरफ्तार किया -
मृतक महिपालसिंह के पिता तेजसिंह ने बताया कि हत्या के मामले में वे एवं उनका काश्तकार कानाराम देवासी प्रत्यक्षदर्शी है। इस प्रकरण में स्पष्ट रूप से जबरसिंह पुत्र विजयसिंह, रविन्द्रसिंह  पुत्र जबरसिंह, शैतानसिंह पुत्र मंगलसिंह, गणपतसिंह पुत्र केशरसिंह, शेरसिंह पुत्र शैतानसिंह, गुमानसिंह पुत्र मंगलसिंह की संलिप्तता दर्शित की है।

अनुसंधान अधिकारी भी इन अभियुक्तों को हत्या के समय घटनास्थल पर उपस्थिति स्वीकार कर रहे है।

इसके बाद भी अनुसंधान अधिकारी ने अभी तक केवल दो आरोपी जबरसिंह व रविन्द्रसिंह को ही गिरफ्तार किया है तथा शेष अन्य को अभी तक गिरफ्तार नहीं किया है।

इनसे नजर नहीं आती न्याय की उम्मीद -
उन्होंने आरोप लगाते हुए बताया कि गत 6 फरवरी को अनुसंधान अधिकारी की ओर से निष्पक्ष अनुसंधान करने के लिए लिखित में निवेदन दिया गया था, लेकिन वर्तमान अनुसंधान अधिकारी, (भाद्राजून थानाधिकारी) अपनी हठधर्मिता पर है तथा आरोपी पक्ष के प्रभाव में आकर अन्य आरोपियों को बचाने के लिए प्रयासरत है।

इनसे न्याय की कोई उम्मीद नजर नहीं आ रही। ज्ञापन में बताया कि आरोपियों के विरुद्ध पर्याप्त साक्ष्य उपलब्ध होने के बावजूद वर्तमान अनुसंधान अधिकारी उनके प्रभाव में आकर  उनको बचाने हेतु प्रयासरत है।

निष्पक्ष जांच नहीं कर रहे अधिकारी -
ज्ञापन में बताया कि महिपालसिंह के शरीर पर आए चोटों की संख्या व प्रकृति से भी रपष्ट है कि वारदात में अन्य आरोपियों की भी लिप्तता है।

फिर भी अनुसंधान अधिकारी की ओर से निष्पक्ष जांच नहीं की जा रही तथा अन्य आरोपियों को बचाने का प्रयास कर रहे हैं।

ज्ञापन में बताया कि इस प्रकरण का अनुसंधान अधिकारी बदलकर अन्य किसी उच्च अधिकारी से अनुसंधान करवाया जाए, ताकि न्याय मिल सके।

बोलचाल के बाद हत्या का मामला -
ज्ञातव्य है कि गत दिनों एक शादी समारोह में महिपालसिंह की  किसी के साथ बोलचाल हुई थी।

इसके बाद महिपालसिंह अपने कुएं पर जाकर सो गया। वहां कुछ लोगों ने उसकी हत्या कर दी। मृतक के पिता तेजसिंह ने छह लोगो के खिलाफ  हत्या का नामजद मामला दर्ज कराया था।

पुलिस ने इस मामले में दो आरोपियों को गिरफ्तार किया है। वहीं, अन्य आरोपियों को अभी तक गिरफ्तार  नहीं किया। पीडि़त पक्ष का आरोप है कि पुलिस अधिकारी इस मामले में निष्पक्ष जांच नहीं कर आरोपियों को बचाने में प्रयासरत है।