राज्य पशु को सरकार को करेंगे सुपुर्द: राज्य पशु ऊंटों के बचाव हेतु राज्य स्तर पर आंदोलन का आगाज

राजस्थान का राज्य पशु एवं राजस्थान का धरोहर ऊंटों के बचाव के लिए राजस्थान सरकार द्वारा किसी प्रकार से कोई राहत एवं अनुदान नहीं पहुंचाने के कारण ऊंटो की दुर्दशा राजस्थान में दिन प्रतिदिन भयानक बनती जा रही है। ऐसी परिस्थिति में ऊंट पशुपालक अपना ऊंट व्यवसाय छोडकर ऊंटों को बेसहारा छोड़ने के लिए विवश होना पड रहा है।

पीपल फार एनिमल्स के स्थल पर सोमवार को सिरोही जिला स्तर की पशुपालको की आमसभा

26 नवम्बर को राजस्थान के प्रत्येक तहसील स्तर पर ऊंट पशुपालक देंगे ज्ञापन

सिरोही | राजस्थान का राज्य पशु एवं राजस्थान का धरोहर ऊंटों के बचाव के लिए राजस्थान सरकार द्वारा किसी प्रकार से कोई राहत एवं अनुदान नहीं पहुंचाने के कारण ऊंटो की दुर्दशा राजस्थान में दिन प्रतिदिन भयानक बनती जा रही है। ऐसी परिस्थिति में ऊंट पशुपालक अपना ऊंट व्यवसाय छोडकर ऊंटों को बेसहारा छोड़ने के लिए विवश होना पड रहा है।

पशु सेवार्थ संस्थान पीपल फ़ार एनिमल्स एवं लोकहित पशुपालक संस्थान के संयुक्त तत्वावधान में राज्य स्तर पर सरकार की निष्क्रियता के खिलाफ राज्य स्तर पर आंदोलन 26 नवम्बर को प्रत्येक ऊंट पशुपालक अपने तहसील स्तर पर ऊंट को राज्य सरकार को सुपुर्द करेंगे एवं ऊंटों के उत्थान हेतु राज्य सरकार को ज्ञापन भी दिया जायेगा। 

इसी प्रक्रिया में पीपल फार एनिमल्स के स्थल पर सोमवार को सिरोही जिला स्तर की पशुपालको की आमसभा रखी गई। जिसमें आगामी योजना के लिये रणनीति तैयार की गई। इस अवसर पर सिरोही जिले के प्रत्येक तहसील से ऊंट पशुपालक एकत्रित होकर पीएफए सचिव अमित दियोल एवं पशुपालक प्रकोष्ठ के अध्यक्ष सवाराम देवासी के नेतृत्व में 26 नवम्बर को जिला कलेक्टर एवं तहसील स्तर पर उपखण्ड अधिकारी को ऊंट सुपुर्दगी करने एवं ज्ञापन दिया जायेगा। 


ज्ञापन में पांच प्रमुख मांगों को उठाया गया है जिसमें प्रथम ऊंट को राज्य पशु घोषित करने के बाद भी किसी प्रकार से राज्य सरकार द्वारा कोई राहत योजना नहीं बनाई गई है। द्वितीय ऊंटो से प्राप्त दूध को प्रचार व प्रसार करने एवं डेयरी उद्योग में शामिल करने की योजना, अकाल के दौरान चारागाह हेतु पलायन ऊंटों को अन्य राज्य में प्रवेश एवं सुरक्षा दिलवाने के क्रम में, नर ऊंटों की उपयोगिता बढ़ाने के लिये कृषि मंडियो में ऊंट गाडी एवं किसानो को खेती करने के लिये उपयोग में लेने बाबत, वन क्षेत्र में ऊंटो को चारागाह हेतु निःशुल्क प्रवेश दिलवाने के क्रम में, जिला मुख्यालय पर ऊंट संरक्षण एवं चिकित्सा केन्द्र हेतु पीएफए को भूखण्ड उपलब्ध करवाने बाबत, पशुपालन विभाग द्वारा ऊंटो के चिकित्सा हेतु नियमित चिकित्सा शिविर आयोजित करवाने बाबत एवं ऊंटों को फेमिन कोड में शामिल करने के क्रम में इत्यादि मांगों को लेकर ज्ञापन राज्य सरकार के मुख्यमंत्री के नाम का ज्ञापन दिया जायेगा।

यदि सरकार द्वारा उचित कदम नहीं उठाये गये तो यह आन्दोलन तीव्र किया जायेगा।