Rajasthan@ बिजली संकट पर सरकार एक्शन में: बिजली संकट को लेकर राजस्थान सरकार एक्शन में, सीएम ने कोयला कंपनियों को दिए निर्देश, सरकारी वेबसाइटों पर बदले विज्ञापन

राज्य सरकार कोयला आपूर्ति की देशव्यापी कमी एवं डीएपी की समय पर आपूर्ति को लेकर चिंतित है। केंद्र सरकार पर इनकी आपूर्ति बढ़ाने के लिए राज्य सरकार पूरा दबाव बनाए हुए है।

बिजली संकट को लेकर राजस्थान सरकार एक्शन में, सीएम ने  कोयला कंपनियों को दिए निर्देश, सरकारी वेबसाइटों पर बदले विज्ञापन

रुचि गुप्ता।

जयपुर।
राजस्थान सरकार बिजली संकट से बचने के हर प्रकार के प्रयास कर रही है। बिजली के बंद पड़े सयंत्रों को शुरू करवाने के साथ कोयला आपूर्ति पर भी सरकार की नजर है। वहीं दूसरी ओर सरकार की ओर से जागरूकता अभियान भी शुरू कर दिए।  राज्य सरकार ने सरकारी वेबसाइटों पर आने वाले विज्ञापन तक बिजली संकट से संबंधित शुरू कर दिए। इससे पहले यह कोरोना जागरूकता से संबंधित आ रहे थे। अब बिजली संकट को देखते हुए बड़े उपकरणों के इस्तेमाल कम करने के आ रहे हैं। इधर, मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने मंगलवार शाम को वीडियो कॉन्फ्रेंस के माध्यम से प्रदेश में विद्युत एवं डीएपी आपूर्ति की स्थिति की समीक्षा की। मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार कोयला आपूर्ति की देशव्यापी कमी एवं डीएपी की समय पर आपूर्ति को लेकर चिंतित है।

केंद्र सरकार पर इनकी आपूर्ति बढ़ाने के लिए राज्य सरकार पूरा दबाव बनाए हुए है। गहलोत ने कहा कि प्रदेश में बिजली की सुचारू आपूर्ति के लिए हर स्तर पर बेहतरीन प्रबंधन किया जा रहा है। कोयले की आपूर्ति बढ़ाने के लिए अधिकारियों को सिंगरौली एवं बिलासपुर में तैनात किया गया है। राज्य सरकार के वरिष्ठ अधिकारियों अतिरिक्त मुख्य सचिव, ऊर्जा एवं प्रमुख सचिव कृषि को दिल्ली में वरिष्ठ अधिकारियों के साथ समन्वय के लिए भेजा गया है।


कोयले के भुगतान को लेकर कोई देरी नहीं  
बैठक में बताया गया कि राज्य सरकार कोल इण्डिया लिमिटेड एवं उसकी सहयोगी कंपनियों एनसीएल एवं एसईसीएल को कोयले की आपूर्ति के लिए अग्रिम भुगतान सुनिश्चित कर रही है। भुगतान को लेकर किसी स्तर पर कोई देरी या ढिलाई नहीं है। राजस्थान विद्युत उत्पादन लिमिटेड (आरवीयूएनएल) ने नेशनल कोलफील्ड्स लि. (एनसीएल) को सम्पूर्ण बकाया 393 करोड़ रूपए का भुगतान अगस्त, 2021 में ही कर दिया है। इसके बाद सितम्बर 2021 से फ्यूल सप्लाई एग्रीमेंट के तहत अब कंपनी को नियमित रूप से कोयले की आपूर्ति का अग्रिम भुगतान किया जा रहा है। एनसीएल को 1 सितम्बर से 8 अक्टूबर तक 228 करोड़ रूपए का अग्रिम भुगतान किया गया है। इसी प्रकार एसईसीएल के बकाया 50 करोड़ रूपए को कालीसिंध थर्मल में निर्धारित मात्रा से कम कोयले की आपूर्ति पर रिकॉन्सिलिएशन की प्रक्रिया के तहत जुलाई 2021 में समायोजित किया जा चुका है। साथ ही, 135 करोड़ रूपए के बकाया का भुगतान इसी साल अगस्त माह में कर दिया गया है। इसके बाद से एसईसीएल को भी अग्रिम भुगतान सितम्बर 2021 से प्रारंभ कर दिया गया है। कंपनी को 6 सितम्बर से 4 अक्टूबर तक करीब 92 करोड़ रूपए का अग्रिम भुगतान किया गया है। हालांकि बीते माह की 27 तारीख को एसईसीएल ने एक पत्र के माध्यम से 277.61 करोड़ रूपए का भुगतान बकाया होने की जानकारी दी है। जबकि राज्य विद्युत उत्पादन निगम लिमिटेड का वर्ष 2018 से वैकल्पिक विवाद समाधान तंत्र के तहत एसईसीएल पर 459 करोड़ रूपए के दावे का भुगतान अब तक लम्बित चल रहा है। बैठक में बताया गया कि इस साल आयात कम होने से पूरे देश में ही डीएपी की मांग एवं आपूर्ति में अंतर बढ़ गया है, जिससे अन्य राज्यों के साथ ही राजस्थान भी प्रभावित हुआ है। केन्द्र सरकार ने राज्य में इस साल अप्रेल से सितम्बर माह के दौरान 4.50 लाख मैट्रिक टन मांग के विरूद्ध 3.07 लाख मैट्रिक टन डीएपी की ही आपूर्ति की। साथ ही अक्टूबर महीने में 1.50 लाख मैट्रिक टन मांग के विरूद्ध 68 हजार मैट्रिक टन डीएपी स्वीकृत की है। इससे राज्य में डीएपी की कमी हो गई है। राज्य सरकार डीएपी की आपूर्ति में सुधार के लिए लगातार प्रयास कर रही है। कृषि मंत्री और कृषि विभाग के प्रमुख शासन सचिव केंद्रीय रसायन एवं उर्वरक मंत्रालय के अधिकारियों से दैनिक सम्पर्क बनाए हुए हैं और डीएपी आपूर्ति में सुधार के लिए प्रयास कर रहे हैं। बैठक में ऊर्जा मंत्री बीडी कल्ला, कृषि मंत्री लालचंद कटारिया, मुख्य सचिव निरंजन आर्य, अतिरिक्त मुख्य सचिव ऊर्जा  सुबोध अग्रवाल, चैयरमेन डिस्कॉम्स  भास्कर ए सावंत, प्रमुख शासन सचिव कृषि  दिनेश कुमार, कृषि आयुक्त ओमप्रकाश सहित ऊर्जा एवं कृषि विभाग के वरिष्ठ अधिकारी मौजूद रहेे।

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