भारत: देश की रक्षा में युवा शक्ति व अनुभव के सेतु बनेंगे अग्निवीर

मेजर जनरल चतुर्वेदी मंगलवार महायोगी गोरखनाथ विश्वविद्यालय, आरोग्यधाम बालापार गोरखपुर के प्रथम स्थापना दिवस (28 अगस्त) के उपलक्ष्य में युगपुरुष ब्रह्मलीन महंत दिग्विजयनाथ जी महाराज एवं राष्ट्रसंत ब्रह्मलीन महंत अवेद्यनाथ जी महाराज स्मृति सप्तदिवसीय व्याख्यानमाला के दूसरे दिन भारतीय सेना में अग्निपथ विषय पर विचार व्यक्त

देश की रक्षा में युवा शक्ति व अनुभव के सेतु बनेंगे अग्निवीर
The soldiers of the country are taking part in the recruitment of the Indian Army with great enthusiasm to become Agniveer..

गोरखपुर, 23 अगस्त। मेजर जनरल (सेवानिवृत्त) अजय कुमार चतुर्वेदी ने कहा कि भारतीय सेना में शामिल होने जा रहे अग्निवीर देश की रक्षा में युवा शक्ति व अनुभव का संतुलन स्थापित करते हुए सेतु का काम करेंगे। अग्निवीर बनना वह सुनहरा अवसर है जो कौशल विकास और अनुशासन से दक्ष कर युवाओं को उनके भविष्य के लिए कई मार्ग प्रशस्त करेगा।

मेजर जनरल चतुर्वेदी मंगलवार महायोगी गोरखनाथ विश्वविद्यालय, आरोग्यधाम बालापार गोरखपुर के प्रथम स्थापना दिवस (28 अगस्त) के उपलक्ष्य में युगपुरुष ब्रह्मलीन महंत दिग्विजयनाथ जी महाराज एवं राष्ट्रसंत ब्रह्मलीन महंत अवेद्यनाथ जी महाराज स्मृति सप्तदिवसीय व्याख्यानमाला के दूसरे दिन भारतीय सेना में अग्निपथ विषय पर विचार व्यक्त कर रहे थे।

उन्होंने पावर पॉइंट प्रेजेंटेशन के जरिए सेना में अग्निपथ योजना को लेकर कुछ लोगों द्वारा फैलाई गई भ्रांतियों को सहज तरीके से दूर किया। मेजर जनरल चतुर्वेदी ने कहा कि अग्निपथ योजना को लेकर कुछ लोगों ने अंतर्निहित स्वार्थवश उपद्रव कराया था। हकीकत यह है कि देश की रक्षा में अग्निवीर बनने वाले युवाओं के पास चार साल के बाद अवसरों की भरमार होगी। अग्निवीर भर्ती को लेकर सेना की पहली रैली में ही साढ़े चार लाख आवेदन का आना इन शरारती व स्वार्थी तत्वों को युवाओं की तरफ से करारा जवाब है।

उन्होंने कहा कि हमारे देश की विविधता ही हमारी ताकत है लेकिन हम उसका सही इस्तेमाल नहीं कर पा रहे हैं। अग्निवीर ऑल इंडिया-ऑल क्लास भर्ती की योजना है और इसके माध्यम से हम अपनी विविधता की ताकत का सही इस्तेमाल कर पाएंगे। उन्होंने बताया कि न सिर्फ युवा पुरुषों को बल्कि युवतियों को भी अग्निवीर बनने का अवसर है। नेवी ने 20 फीसद अग्निवीर भर्ती महिलाओं के लिए आरक्षित कर दी है। सेना तथा वायुसेना ने भी आगे की भर्ती में ऐसा करने का इरादा जताया है।

मेजर जनरल चतुर्वेदी ने कहा कि 1999 के कारगिल वार के बाद के. सुब्रमण्यम की अध्यक्षता में बनी कारगिल रिव्यू कमेटी ने सेना में युवा शक्ति व अनुभव के संतुलन का जिक्र किया था। अग्निवीर योजना उसी के परिणाम स्वरूप है। उन्होंने बताया कि अग्निवीर के लिए उम्र सीमा साढ़े सत्रह से इक्कीस वर्ष तय की गई है लेकिन गत दो वर्ष कोरोना से प्रभावित होने के चलते 2022-23 की भर्ती में आयु सीमा में दो साल की छूट दी गई है। उन्होंने अग्निवीर को चार सालों के दौरान मिलने वाले वेतन वह उसके बाद मिलने वाली एकमुश्त धनराशि के बारे में विस्तार से जानकारी दी। बताया कि जोखिम वाले स्थानों पर तैनात अग्निवीरों को अलग से विशेष प्रकार भत्ते भी दिए जाएंगे। उन्होंने यूएसए, यूके, रशिया, इजराइल, चीन व फ्रांस में अग्निवीर जैसी योजनाओं का तुलनात्मक ब्यौरा प्रस्तुत करते हुए बताया कि भारतीय सेना की स्कीम सबसे शानदार है।

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